सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय
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सेवा क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसएसएसई) पर विचार विमर्श सत्र: ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए हितधारकों के दृष्टिकोणों का संरेखण

Posted On: 13 AUG 2025 7:08PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता महसूस हो रही है कि आज डॉ. भीमराव अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में सेवा क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसएसएसई) पर विचार विमर्श सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र ने सरकारी, उद्योगों एवं अकादमी के हितधारकों को एक साथ मिलकर चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान किया जो आगामी पूर्ण एएसएसएसई में सर्वेक्षण पद्धति और सर्वेक्षण उपकरणों की परिशुद्धता में सुधार लाने की सुविधा प्रदान करता है जो कि पायलट अध्ययन के माध्यम से प्राप्त अनुभव पर आधारित है।

इस सत्र में विविध क्षेत्रों के लगभग 100 प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और जीवंत चर्चाओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया जिनमें उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), आर्थिक मामलों का विभाग (डीईए), नीति आयोग, आरबीआई, विश्व बैंक, तकनीकी सलाहकार समूह (टीएजी) के विशेषज्ञ, शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थान, उद्योग संघ और व्यापार निकाय आदि शामिल हैं।

विचार विमर्श सत्र की अध्यक्षता डॉ. सौरभ गर्ग, आईएएस, सचिव, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने की और इसमें प्रतिष्ठित व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति देखी गई जिनमें प्रमुख मंत्रालयों, अनुसंधान संस्थानों और उद्योग संघों के अन्य अधिकारियों एवं गणमान्य व्यक्तियों सहित डॉ. राकेश मोहन, सदस्य, ईएसी-पीएम, डॉ. राम सिंह, निदेशक, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, डॉ. उमाकांत दाश, कुलपति, गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स, डॉ. बी. एन. गोल्डर, अध्यक्ष, टीएजी, डॉ. अमीर उल्लाह खान, अर्थशास्त्री और प्रोफेसर, आईएसपीपी, डॉ. तौकीर अहमद, प्रोफेसर, आईएएसआरआई, सुश्री गीता सिंह राठौर, महानिदेशक, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस), श्री एन.के.संतोषी, महानिदेशक (केंद्रीय सांख्यिकी) भी शामिल हुए।

डॉ. सौरभ गर्ग, सचिव, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने नीतिगत आवश्यकताओं के अनुसार नए सर्वेक्षण शुरू करने और कुछ मौजूदा सर्वेक्षणों, जैसे आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) और असंगठित क्षेत्र उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण (एएसयूएसई) के परिणामों की आवृत्ति बढ़ाने के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराया। सेवाओं के क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रमुख आर्थिक सूचकांकों जैसे मूल्य संवर्धन, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, निर्यात एवं रोजगार में रेखांकित करते हुए, डॉ. गर्ग ने वार्षिक सेवाओं के क्षेत्र उद्यमों के सर्वेक्षण (एएसएसएसई) की शुरुआत के पीछे के औचित्य को स्पष्ट किया। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ सार्थक सहयोग सर्वेक्षण की डिज़ाइन एवं कार्यप्रणाली को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने उद्योग निकायों एवं व्यापार संघों से सटीक तथा समय पर आंकड़े उपलब्ध कराकर अपना पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया जो सर्वेक्षण की सफलता और इसके निष्कर्षों की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण होगा।

डॉ. राकेश मोहन, सदस्य, ईएसी-पीएम ने सेवा उद्योग के विभिन्न उप-क्षेत्रों के बारे में बताया जिनकी अर्थव्यवस्था में बढ़ती महत्ता के कारण सर्वेक्षण में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। डॉ. राम सिंह, निदेशक, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स ने अपने संबोधन में एनएसएस को देश की सेवा में 75 वर्ष सफलतापूर्वक पूरा करने पर बधाई दी। उन्होंने इस नए सर्वेक्षण को शुरू करने के लिए जीएसटीएन डेटा का लाभ उठाने के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की भी सराहना की जिसमें एएसयूएसई के साथ मिलकर सेवा क्षेत्र के संपूर्ण क्षेत्र को शामिल किया गया है। विश्व बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री थॉमस डेनियलविट्ज़ ने वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का उल्लेख करते हुए एक व्यापक व्यवसाय रजिस्टर (बीआर) बनाने की आवश्यकता पर बल दिया जो उद्योगों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसआई) और सेवा क्षेत्र उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण (एएसएसएसई) जैसे सर्वेक्षणों के लिए एक मजबूत संरचना के रूप में कार्य करेगा।

तकनीकी सत्र की शुरुआत में, सुश्री गीता सिंह राठौर, महानिदेशक (एनएसएस), एमओएसपीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र के महत्व और हितधारकों के साथ सहयोग में सर्वेक्षण पद्धति को आकार देने में विचार विमर्श सत्र के महत्व को पुनः रेखांकित किया।

तकनीकी सत्र में एएसएसएसई का एक व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया गया, जिसमें इसके उद्देश्य, क्षेत्रीय कवरेज, प्रस्तावित नमूनाकरण संरचना, हाल ही में किए गए पायलट अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष एवं सेवा उत्पादन सूचकांक तैयार करने में एएसएसएसई आंकड़ों की उपयोगिता शामिल थी। इस सत्र में वैश्विक स्तर पर किए गए इसी तरह के सर्वेक्षण अभ्यासों में अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं का अवलोकन भी शामिल था।

तकनीकी सत्र के बाद एक खुली चर्चा आयोजित की गई जिसमें विभिन्न हितधारक मंत्रालयों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योग संघों के प्रतिनिधियों ने अपने-अपने विचारों का साझा किया तथा सर्वेक्षण से अपनी डेटा आवश्यकताओं एवं अपेक्षाओं पर प्रकाश डाला।

विचार विमर्श सत्र से प्राप्त मुख्य निष्कर्ष

  • एएसएसएसई के लिए नमूना फ्रेम के रूप में जीएसटीएन डेटाबेस का समर्थन
  • प्रमुख हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सर्वेक्षण अनुसूची का संशोधन
  • सर्वेक्षण को हितधारकों की आवश्यकता के अनुरूप बनाना
  • सर्वेक्षण प्रतिक्रिया दर बढ़ाने में उद्योग संघों की भागीदारी

यह सत्र विचार-विमर्श, मंत्रणा और आम सहमति बनाने के लिए एक प्रभावी मंच साबित हुआ। चर्चाओं के दौरान प्राप्त अंतर्दृष्टि एवं सुझाव एएसएसएसई के पूर्ण पैमाने पर क्रियान्वयन हेतु दृष्टिकोण और कार्यान्वयन रणनीति को परिष्कृत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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पीके/केसी/एके


(Release ID: 2156190)
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