सहकारिता मंत्रालय
'दीर्घावधि कृषक पूंजी सहकार योजना'
Posted On:
12 AUG 2025 5:14PM by PIB Delhi
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के तहत एक सांविधिक संगठन, एनसीडीसी के दायरे में गतिविधियों/ वस्तुओं/ सेवाओं के लिए दीर्घकालिक ऋण/ अग्रिम उधार देने के लिए कृषि ऋण सहकारी समितियों को दीर्घकालिक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 'दीर्घावधि कृषक पूंजी सहकार योजना' को क्रियान्वित करता है।
एनसीडीसी के पास इस योजना के अंतर्गत पात्र उधारकर्ताओं को व्यवहार्य परियोजनाओं के लिए निर्धारित पर्याप्त सुरक्षा के आधार पर वित्तीय सहायता स्वीकृत करने हेतु अपने स्वयं के सुदृढ़ वित्तपोषण दिशा निर्देश हैं। प्रत्यक्ष वित्त पोषण दिशानिर्देशों में निर्धारित परियोजना मूल्यांकन और निगरानी की एक सुदृढ़ प्रणाली मौजूद है, जिसमें परियोजना की वित्तीय व्यवहार्यता और तकनीकी व्यवहार्यता का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया जाता है।
प्रत्येक प्रस्ताव का निम्नलिखित मापदंडों के आधार पर व्यापक मूल्यांकन किया जाता है:
- आईआरआर, एनपीवी, डीएससीआर, ब्याज कवरेज अनुपात, एफएसीआर, अनुमानित नकदी प्रवाह आदि जैसे विभिन्न तरीकों के माध्यम से परियोजना की तकनीकी और वित्तीय व्यवहार्यता
- सहकारी समिति की वित्तीय सुदृढ़ता,
- सहकारी समिति का पिछला वित्तीय और परिचालन प्रदर्शन,
- सहकारी समिति के प्रबंधन/ कर्मचारियों की व्यावसायिक विशेषज्ञता,
- इसी तरह की परियोजनाओं को संभालने में सहकारी समिति के प्रबंधन का अनुभव,
- सहकारी समिति का पिछला ऋण चुकौती प्रदर्शन,
- सहकारी समिति की परियोजना लागत में अपना हिस्सा जुटाने की क्षमता,
- एनसीडीसी से मांगे गए ऋणों के लिए पर्याप्त सुरक्षा की उपलब्धता
इससे परियोजना की तकनीकी- आर्थिक व्यवहार्यता और उधारकर्ता सहकारी की विश्वसनीयता का कठोर मूल्यांकन संभव हो सकेगा तथा सहकारी क्षेत्र के एकीकृत विकास के लिए एनसीडीसी के अधिदेश के अनुरूप विवेकपूर्ण वित्तपोषण सुनिश्चित हो सकेगा।
इसके अलावा, एनसीडीसी अपने मुख्यालय, 19 क्षेत्रीय कार्यालयों और 9 उप-कार्यालयों के माध्यम से समय- समय पर (या आवश्यकतानुसार) परियोजनाओं की सक्रिय निगरानी करता है और निधियों का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करता है। अपेक्षित उद्देश्यों हेतु ऋण वितरण की उचित निगरानी के लिए तिमाही आधार पर क्षेत्रीय दौरे/ निरीक्षण किए जाते हैं। लाभार्थी सहकारी समितियों को समय-समय पर प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होती है जिससे यह सुनिश्चित होता है कि निधियों का उपयोग उसी उद्देश्य के लिए किया जा रहा है जिसके लिए उन्हें निर्धारित किया गया था।
एनसीडीसी ने वसूली के लिए एक समर्पित विभाग बनाया है। वसूली के लिए अपनाई गई प्रक्रिया का अच्छी तरह से दस्तावेजीकरण किया गया है। पुनर्भुगतान अनुसूची के अनुसार नोटिस समय से पहले भेजे जाते हैं और उसके बाद समय पर अनुस्मारक भेजे जाते हैं। चूक की स्थिति में, एसएआरएफएईएसआई अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई की जाती है और आवश्यकता पड़ने पर, डीआरटी में मामला दर्ज किया जाता है।
दीर्घकालिक कृषक पूंजी सहकार योजना के तहत पिछले 3 वर्षों के दौरान एनसीडीसी द्वारा वितरित ऋण का विवरण इस प्रकार है : -
रुपये (करोड़ में)
वित्तीय वर्ष
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स्वीकृत
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जारी किया
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2022-23
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400.00
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0.00
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2023-24
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0.00
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60.00
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2024-25
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5000.00
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2077.00
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कुल योग
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5400.00
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2137.00
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यह जानकारी केंद्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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पीके/ केसी/ जेएस / डीए
(Release ID: 2155796)