पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

राष्ट्रीय जलमार्गों पर माल ढुलाई

Posted On: 12 AUG 2025 3:38PM by PIB Delhi

पिछले पांच वर्षों के दौरान राष्ट्रीय जलमार्गों (एनडब्ल्यू) पर माल ढुलाई में वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2020-21 में एनडब्ल्यू पर 83.61 मिलियन टन माल ढुलाई हुई थी, जो 2024-25 में 74.43 प्रतिशत की वृद्धि के साथ बढ़कर 145.84 मिलियन टन हो गई। पिछले पांच वर्षों के दौरान माल ढुलाई और वृद्धि का विवरण नीचे दिया गया है:

 

वर्ष

2020-21

2021-22

2022-23

2023-24

2024-25

माल ढुलाई (मिलियन टन में)

83.61

108.79

126.15

133.03

145.84

पिछले वर्ष की तुलना में वार्षिक वृद्धि

-

30.13%

15.95%

5.45%

9.63%

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने अपने अधीन एक स्वायत्त निकाय, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के जरिए घोषित राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास हेतु कई पहल की हैं। मार्च 2016 में, राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के अंतर्गत 106 नए राष्ट्रीय जलमार्गों की घोषणा की गई, जिससे देश में राष्ट्रीय जलमार्गों की कुल संख्या बढ़कर 111 हो गई। अब तक, 29 राष्ट्रीय जलमार्गों पर परिचालन शुरू हो चुका है और आईडब्ल्यूएआई ने 2027 तक 47 अतिरिक्त राष्ट्रीय जलमार्गों को विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। देश में अंतर्देशीय जल परिवहन क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न चुनौतियों से निपटने के उद्देश्य से किए गए प्रयासों का विवरण नीचे दिया गया है:

देश में अंतर्देशीय जल परिवहन की चुनौतियों से निपटने और राष्ट्रीय जलमार्गों की स्थिरता सुनिश्चित करने हेतु उठाए गए कदम:

  1. जहाजों के परिचालन के लिए 35/45 मीटर चौड़ाई और 2.0 / 2.2 / 2.5 / 3.0 मीटर न्यूनतम उपलब्ध गहराई (एलएडी) का नौवहन चैनल प्रदान करने हेतु विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों (एनडब्ल्यू) में फेयरवे रखरखाव कार्य (नदी प्रशिक्षण, रखरखाव ड्रेजिंग, चैनल मार्किंग और नियमित हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण) किए जाते हैं।

  2. 5 पहले से मौजूद स्थायी टर्मिनलों के अतिरिक्त, एनडब्ल्यू-1 (गंगा नदी) पर 53 सामुदायिक जेटी, 20 फ्लोटिंग टर्मिनल, 3 मल्टी-मॉडल टर्मिनल (एमएमटी) और 1 इंटर-मॉडल टर्मिनल (आईएमटी) का निर्माण किया गया है।

  3. राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (ब्रह्मपुत्र नदी) पर पांडु, जोगीघोपा में एमएमटी और बोगीबील व धुबरी में टर्मिनलों के साथ 13 फ्लोटिंग टर्मिनल उपलब्ध कराए गए हैं। क्रूज जहाजों के लिए जोगीघोपा, पांडु, विश्वनाथघाट और नेमाटी में चार समर्पित जेटी उपलब्ध कराई गई हैं। इसके अलावा, असम में सदिया, लायका और ओरियमघाट पर क्रूज और यात्रियों के लिए जेटी का निर्माण किया गया है।

  1. एनडब्ल्यू-3 (केरल में पश्चिमी तट नहर) पर गोदामों के साथ 9 स्थायी अंतर्देशीय जल परिवहन टर्मिनल और 2 रो-रो/रो-पैक्स टर्मिनलों का निर्माण किया गया है।

  2. गोवा सरकार को 4 फ्लोटिंग कंक्रीट जेटी उपलब्ध कराई गईं तथा उन्हें मंडोवी नदी (एनडब्ल्यू-68) में स्थापित किया गया।

  1. आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय जलमार्ग-4 (कृष्णा नदी) पर 04 पर्यटक जेटी शुरू कर दी गई हैं। उत्तर प्रदेश में मथुरा-वृंदावन खंड में राष्ट्रीय जलमार्ग-110 (यमुना नदी) पर 12 फ्लोटिंग जेटी, राष्ट्रीय जलमार्ग-73 (नर्मदा नदी) पर 2 जेटी और बिहार में राष्ट्रीय जलमार्ग-37 (गंडक नदी) पर 2 जेटी का निर्माण कार्य शुरू किया गया है।

  2. हाजों की सुचारू और तीव्र गति से आवाजाही के लिए फरक्का में एक नया नेविगेशन लॉक और एनडब्ल्यू-1 पर 2 क्विक पोंटून ओपनिंग मैकेनिज्म (क्यूपीओएम) का निर्माण किया गया है।

  3. सरकार ने कार्गो मालिकों द्वारा अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन क्षेत्र के उपयोग को बढ़ावा देने और अंतर्देशीय एवं तटीय नौवहन लिमिटेड (आईसीएसएल) द्वारा भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल के माध्यम से राष्ट्रीय जलमार्ग-1, राष्ट्रीय जलमार्ग-2 और राष्ट्रीय जलमार्ग-16 पर माल ढुलाई के लिए निर्धारित सेवा हेतु 35 प्रतिशत का प्रोत्साहन प्रदान करने की एक योजना शुरू की है। इस योजना से 800 मिलियन टन किलोमीटर कार्गो को अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन (आईडब्ल्यूटी) मोड की ओर डायवर्ट किए जाने की उम्मीद है, जो राष्ट्रीय जलमार्गों पर वर्तमान 4700 मिलियन टन किलोमीटर कार्गो का लगभग 17 प्रतिशत है।

  1. राष्ट्रीय जलमार्ग (जेट्टी/टर्मिनलों का निर्माण) विनियम 2025 को अधिसूचित किया गया है, जिससे अंतर्देशीय जलमार्ग क्षेत्र के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करने हेतु एक स्पष्ट नियामक ढांचा प्रदान करके निजी कंपनियों को अंतर्देशीय जलमार्ग अवसंरचना में निवेश और परिचालन की अनुमति मिल गई है।

  1. आईडब्ल्यूटी क्षेत्र में व्यापार सुगमता बढ़ाने के लिए, ‘वाहन’ और ‘सारथी’ की तर्ज पर, पूरे देश में जहाजों एवं चालक दल के पंजीकरण हेतु एक केन्द्रीय डेटाबेस और पोर्टल विकसित किया गया है। इससे जहाजों एवं चालक दल का डिजिटल पंजीकरण सुगम होगा और देश में जहाजों एवं चालक दल की संख्या की सटीक जानकारी भी उपलब्ध होगी, जिससे योजना बनाने में मदद मिलेगी।

  1. जलमार्गों पर माल ढुलाई, जलमार्गों के किनारे उद्योगों की कमी के कारण बहुविधता की समस्याओं से ग्रस्त है। इसलिए, कार्गो एकत्रीकरण केंद्र - वाराणसी में फ्रेट विलेज और साहिबगंज में एकीकृत क्लस्टर-सह-लॉजिस्टिक्स पार्क के विकास की परियोजनाएं शुरू की गई हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत एक सार्वजनिक उपक्रम, एनएचएलएमएल, को इन एमएमएलपी के विकास के लिए नियुक्त किया गया है। तीन एमएमटी के लिए रेल संपर्क का कार्य मेसर्स इंडियन पोर्ट एंड रेल कंपनी लिमिटेड (एमओपीएसडब्ल्यू के अंतर्गत एक सार्वजनिक उपक्रम) को सौंपा गया है।

  1. माइया और सुल्तानगंज के बीच भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल मार्ग संख्या 5 और 6 को हाल ही में आवाजाही के सफल परीक्षण के बाद शुरू किया गया है।

  1. माल को जलमार्गों की ओर स्थानांतरित करने हेतु, अंतर्देशीय जल परिवहन मोड का उपयोग करके अपनी आवाजाही की योजना बनाने हेतु 140 से अधिक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों से संपर्क किया गया है। उनसे जलमार्गों के जरिए माल की ढुलाई की वर्तमान स्थिति और माल के स्थानांतरण की अपनी योजना की रूपरेखा प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सहकारिता/उर्वरक, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, भारी उद्योग, इस्पात और कोयला मंत्रालयों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक उपक्रमों को सलाह दें कि वे यथासंभव अंतर्देशीय जल परिवहन मोड का उपयोग करें और एमआईवी लक्ष्यों के अनुरूप अपने माल का एक निश्चित प्रतिशत अंतर्देशीय जल परिवहन मोड के लिए निर्धारित करें।

यह जानकारी केन्द्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

*****


पीके/केसी/आर


(Release ID: 2155668)
Read this release in: English , Urdu