पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
संसदीय प्रश्न: इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट प्रबंधन
Posted On:
12 AUG 2025 9:37AM by PIB Delhi
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ और सीसी) ने ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2016 को व्यापक रूप से संशोधित किया है और नवंबर, 2022 में ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 को अधिसूचित किया है और यह 1 अप्रैल, 2023 से लागू है। ये नियम उक्त नियमावली की अनुसूची-I में सूचीबद्ध 106 इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपस्करों (ईईई) को विनियमित कर रहे हैं। इनमें छोड़े गए मोबाइल फोन, कम्प्यूटर और यूपीएस प्रणालियां शामिल हैं।
एमओईएफ और सीसी ने अपशिष्ट बैटरियों के पर्यावरणीय रूप से अनुकूल प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए 24 अगस्त, 2022 को बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम अधिसूचित किया है। यह नियम सभी प्रकार की बैटरियों अर्थात इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी, पोर्टेबल बैटरी, ऑटोमोटिव बैटरी और औद्योगिक बैटरी को कवर करते हैं। इन नियमों के अंतर्गत अपशिष्ट बैटरियों के एकत्रण और पुनर्चक्रण अथवा नवीनीकरण के लिए आयातकों सहित उत्पादकों को अनिवार्य रूप से विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) लक्ष्य दिए गए हैं। बैटरी अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2022 के अंतर्गत ईपीआर ढाँचा लैंडफिल में अपशिष्ट बैटरियों के निपटान पर प्रतिबंध लगाता है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने खतरनाक तरल पदार्थों के सुरक्षित निकास और अन्य औद्योगिक प्रक्रियाओं में इसके निपटान और उपयोग के पुनरुत्पादन के उपायों को विनिदष्ट करते हुए लेड एसिड बैटरी पुनर्चक्रण के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। उत्पादकों और पुनर्चक्रणकर्ताओं के पंजीकरण, उत्पादकों और पुनर्चक्रणकर्ताओं के बीच ईपीआर प्रमाणपत्रों के आदान-प्रदान के लिए केंद्रीकृत ऑनलाइन ईपीआर पोर्टल विकसित किया गया है ताकि उत्पादक के ईपीआर दायित्वों को पूरा किया जा सके।
सीपीसीबी पंजीकृत उत्पादकों द्वारा उपलब्ध कराए गए देशव्यापी बिक्री आंकड़ों और ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022 के अंतर्गत अनिवार्य अधिसूचित ईईई के औसत जीवन के आधार पर राष्ट्रीय स्तर पर ई-कचरा उत्पादन का अनुमान लगाता है। सीपीसीबी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान देश में उत्पन्न ई-कचरा नीचे दिया गया है:
वित्तीय वर्ष
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कुल ई-कचरा उत्पन्न [टन/वार्षिक]
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2023-2024
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12,54,286.55
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2024-2025
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13,97,955.59
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ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2022, ई-कचरे को पर्यावरणीय रूप से सुदृढ़ तरीके से प्रबंधित करने और ई-अपशिष्ट पुनर्चक्रण के लिये एक बेहतर ईपीआर व्यवस्था स्थापित करने का प्रावधान करते हैं। इसमें सभी निर्माताओं, उत्पादकों, रिफर्बिशरों और पुनर्चक्रणकर्ताओं को सीपीसीबी द्वारा विकसित पोर्टल पर पंजीकरण कराना आवश्यक है। नए प्रावधान अनौपचारिक क्षेत्र को व्यापार करने और पर्यावरणीय रूप से अनुकूल तरीके से ई-कचरे के पुनर्चक्रण को सुनिश्चित करने के लिए औपचारिक क्षेत्र में सुविधा प्रदान करते हैं और चैनलाइज करते हैं। ये नियम ईपीआर प्रणाली और ई-अपशिष्ट के वैज्ञानिक पुनर्चक्रण/निपटान के माध्यम से चक्रीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देते हैं। इसके अतिरिक्त, सीपीसीबी ने ई-अपशिष्ट नियमों के प्रभावी प्रबंधन के लिए निम्नानुसार निम्नलिखित कदम उठाए हैं
- सीपीसीबी द्वारा एक ऑनलाइन ई-अपशिष्ट ईपीआर पोर्टल विकसित किया गया है, जिसमें ई-कचरे के उत्पादकों, निर्माताओं, पुनर्चक्रणकर्ताओं और रिफर्बिशर्स जैसी संस्थाओं को पंजीकृत करना आवश्यक है।
- ii. सीपीसीबी ने ई-अपशिष्ट के वैज्ञानिक और पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकूल प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए हैं। दिशा-निर्देशों में पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकूल तरीके से ई-अपशिष्ट के पुनर्चक्रण के लिए अपेक्षित मशीनरी और प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों के संदर्भ में प्रक्रियाओं और सुविधाओं का विस्तार से ब्यौरा दिया गया है।
- ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 के कार्यान्वयन के लिए एक कार्य योजना मौजूद है और इसे सभी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (एसपीसीबी)/प्रदूषण नियंत्रण समितियों (पीसीसी) द्वारा उनके संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कार्यान्वित किया जा रहा है। एसपीसीबी/पीसीसी तिमाही प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत कर रहे हैं। कार्य योजना में एसपीसीबी/पीसीसी के लिए यह अनिवार्य है कि वे अनौपचारिक ई-अपशिष्ट गतिविधियों की जांच के लिए नियमित अभियान चलाएं और उन्हें औपचारिक क्षेत्र में प्रवेश करने में मदद करें।
- iv. पंजीकृत संस्थाएं ई-अपशिष्ट पोर्टल पर त्रैमासिक और वार्षिक रिटर्न के माध्यम से अपना अनुपालन प्रस्तुत करती हैं।
- नियमों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या किसी नामित एजेंसी द्वारा सत्यापन और लेखा परीक्षा का प्रावधान किया गया है ताकि इन नियमों के अनुपालन की पुष्टि, आवश्यकतानुसार, रैंडम निरीक्षण और आवधिक लेखा परीक्षा के माध्यम से की जा सके, ताकि इन नियमों के उल्लंघन के विरुद्ध कार्रवाई की जा सके।
- vi. ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 के अंतर्गत पर्यावरण क्षतिपूर्ति (ईसी) दिशानिर्देश विकसित किए गए हैं, ताकि इन नियमों और इसके अंतर्गत जारी दिशानिर्देशों के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन की स्थिति में किसी भी इकाई पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति (ईसी) लगाई जा सके।
- सीपीसीबी ने ई-अपशिष्ट (प्रबंधन) नियम, 2022 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एसपीसीबी/पीसीसी को निम्नलिखित निर्देश जारी किए:
- जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 और वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 18 (1) (बी) के अंतर्गत अनौपचारिक ई-कचरा गतिविधियों की जाँच, ई-कचरे के अधिकृत विघटनकर्ताओं/पुनर्चक्रणकर्ताओं के सत्यापन और व्यापक जागरूकता अभियान के संबंध में दिनांक 06.09.2022 के निर्देश।
- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के अंतर्गत दिनांक 30.01.2024 के निर्देश, ऑनलाइन ई-कचरा ईपीआर पोर्टल पर उत्पादकों, निर्माताओं, पुनर्चक्रणकर्ताओं और नवीनीकरणकर्ताओं के पंजीकरण के संबंध में।
पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के अंतर्गत दिनांक 14.02.2024 के निर्देश, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए उत्पादकों के ईपीआर दायित्वों की पूर्ति हेतु ई-कचरा पुनर्चक्रणकर्ताओं द्वारा ईपीआर प्रमाणपत्रों का सृजन सुनिश्चित करने के लिए।
यह जानकारी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज् य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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पीके/ केसी/ एसके
(लोकसभा यू.एस. क्यू3592)
(Release ID: 2155348)