जल शक्ति मंत्रालय
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विभिन्न राज्यों में सीवेज उपचार संयंत्र

Posted On: 11 AUG 2025 3:21PM by PIB Delhi

देश में नदियां शहरों/कस्बों से अनुपचारित, आंशिक रूप से उपचारित घरेलू सीवेज, उनके संबंधित जलग्रहण क्षेत्रों में औद्योगिक अपशिष्ट और प्रदूषण के अन्य गैर-बिंदु स्रोतों जैसे क्षरण, कृषि अपवाह, सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी)/अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (ईटीपी) के अनुपयुक्‍त प्रचालन और रखरखाव तथा ठोस अपशिष्ट डंपिंग स्थलों आदि से अपवाह के कारण प्रदूषित हैं। त्‍वरित शहरीकरण और औद्योगिकीकरण ने चुनौतियों को और बढ़ा दिया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा मार्च 2021 में 'सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की राष्ट्रीय सूची' पर प्रकाशित नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, एसटीपी की राज्य/केंद्र शासित प्रदेशवार प्रचालनगत और गैर-प्रचालनगत स्थिति यहां उपलब्ध है :

https://cpcb.nic.in/openpdffile.php?id=UmVwb3J0RmlsZXMvMTIyOF8xNjE1MTk2MzIyX21lZGlhcGhvdG85NTY0LnBkZg==

नदियों की सफाई/कायाकल्प एक सतत प्रक्रिया है। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और स्थानीय निकायों का यह प्राथमिक उत्‍तरदायित्‍व है कि वे सीवेज और औद्योगिक अपशिष्ट को प्राप्तकर्ता जल निकायों या भूमि में छोड़ने से पहले, उसमें प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण हेतु आवश्यक उपचार सुनिश्चित करें। नदियों के संरक्षण हेतु, मंत्रालय गंगा बेसिन की नदियों के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम की केंद्रीय क्षेत्र योजना और अन्य नदी घाटियों के लिए राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) की केंद्र प्रायोजित योजना के माध्यम से देश में नदियों के चिन्हित हिस्सों में प्रदूषण कम करने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करके राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों में सहायता कर रहा है। इसके अतिरिक्‍त, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अटल कायाकल्प एवं शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) और स्मार्ट सिटी मिशन जैसे कार्यक्रमों के तहत सीवरेज अवसंरचना का निर्माण किया जाता है।

तमिलनाडु सरकार ने कावेरी नदी के प्रदूषण निवारण के लिए 934 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत का एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है, नासिक नगर निगम ने गोदावरी नदी के प्रदूषण निवारण के लिए 688 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के चार प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम ने पवना और इंद्रायणी नदियों के प्रदूषण निवारण के लिए 1655 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के छह प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने इंद्रायणी नदी के प्रदूषण निवारण के लिए 462.10 करोड़ रुपये का एक अलग प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। सिक्किम राज्य सरकार ने 23.18 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत का एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त प्रस्तावों को उनकी प्राथमिकता, एनआरसीपी दिशानिर्देशों के अनुरूपता, स्वतंत्र मूल्यांकन, योजना निधि की उपलब्धता, परियोजना प्रस्तावकों द्वारा अपने-अपने हिस्से का वहन करने की प्रतिबद्धता, प्रचालन और रखरखाव व्यय आदि के आधार पर मंजूरी दी जाती है।

पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना (एनआरसीपी) के अंतर्गत 1,573.13 करोड़ रुपये और नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत 7,900 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। राज्यवार विवरण नीचे दिया गया है।

जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राज भूषण चौधरी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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  • (i) राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के अंतर्गत पिछले तीन वित्तीय वर्षों अर्थात 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के दौरान जारी धनराशि का राज्यवार विवरण (30-06-2025 तक):

क्रम सं.

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के नाम

जारी की गई धनराशि (करोड़ रुपये में)

1.

आंध्र प्रदेश

28.26

2.

गोवा

42.17

3.

गुजरात

414.85

4.

जम्मू-कश्मीर

99.0525

5.

महाराष्ट्र

563.71

6.

नागालैंड

13.83

7.

सिक्किम

158.5036

8.

मणिपुर

42.9323

9.

राजस्थान

25.01

कुल

1388.3184

 

(ii) पिछले तीन वित्तीय वर्षों अर्थात 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के दौरान नमामि गंगे कार्यक्रम द्वारा राज्यवार संवितरण का विवरण:

क्रम सं.

राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के नाम

धनराशि

(करोड़ रुपये में)

  1.  

उत्तराखंड

306.17

  1.  

उत्‍तर प्रदेश

2,701.4

  1.  

बिहार

2,084.97

  1.  

झारखंड

188.2

  1.  

पश्चिम बंगाल

723.57

  1.  

मध्य प्रदेश

31.45

  1.  

दिल्ली

276.57

कुल योग

6,312.33

       

 

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पीके/केसी/एसकेजे/जीआरएस


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