भारी उद्योग मंत्रालय
इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण को बढ़ावा देना
Posted On:
08 AUG 2025 4:11PM by PIB Delhi
फेम-II योजना को 01 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2024 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए लागू किया गया था। फेम-II ने ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू, ई-4डब्ल्यू के लिए मांग प्रोत्साहन और ई-बसों की तैनाती और ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों (ईवी पीसीएस) की स्थापना के लिए अनुदान प्रदान किया।
फेम-II के अंतर्गत सब्सिडी/समर्थित इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में प्रगति नीचे दी गई है-
इलेक्ट्रिक वाहन श्रेणी
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30.06.2025 तक समर्थित वाहनों की संख्या
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2 पहिया वाहन
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14,35,065
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3 पहिया वाहन
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1,65,029
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4 पहिया वाहन
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22,644
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बस
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तैनात 5,165
(प्रतिबद्ध - 6,862)
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01.07.2025 तक फेम-II के अंतर्गत 8,885 ईवी पीसीएस स्थापित किए जा चुके हैं।
फेम-II के अंतर्गत, चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (पीएमपी) की शुरुआत की गई थी। इसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों, इसके असेंबली/सब-असेंबली और पार्ट्स/सब-पार्ट्स के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना था। केवल उन्हीं इलेक्ट्रिक वाहनों को फेम-II के अंतर्गत प्रोत्साहित किया गया जो पीएमपी का अनुपालन कर रहे थे।
उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत बैटरी निर्माण और ईवी आपूर्ति श्रृंखलाओं में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं:-
भारत में ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक उद्योग के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (पीएलआई-ऑटो) : 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ उन्नत ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी (एएटी) उत्पादों (ईवी और इसके घटकों सहित) के लिए भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 23.09.2021 को पीएलआई-ऑटो योजना अधिसूचित की गई थी।
उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए पीएलआई योजना : भारत सरकार ने मई 2021 में 50 गीगावाट एसीसी क्षमता के लिए 18,100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएलआई-एसीसी योजना “राष्ट्रीय उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण कार्यक्रम” को मंजूरी दी है।
यह जानकारी भारी उद्योग एवं इस्पात राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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पीके/केसी/एके/केके
(Release ID: 2154339)