विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
संसदीय प्रश्न: बिहार में पारंपरिक ज्ञान, ग्रामीण तकनीकों और स्थानीय नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए पहलें
Posted On:
07 AUG 2025 3:26PM by PIB Delhi
भारत सरकार बिहार सहित पूरे देश में पारंपरिक ज्ञान, ग्रामीण प्रौद्योगिकियों व स्थानीय नवाचारों की पहचान और संवर्धन की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रही है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के विज्ञान एवं विरासत अनुसंधान पहल (एसएचआरआई) प्रकोष्ठ का उद्देश्य भारत के पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित, सुरक्षित और प्रस्तुत करने के लिए आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) उपकरणों का उपयोग करना है। एसएचआरआई प्रकोष्ठ ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना, बिहार में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल नालंदा के डिजिटल पुनरुद्धार के लिए ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) का निर्माण करके इसके प्राचीन गौरव को पुनर्जीवित करने हेतु एक परियोजना को सहायता प्रदान की।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का समता, सशक्तिकरण और विकास के लिए विज्ञान (सीड) प्रभाग अपनी विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों के माध्यम से, मुख्य रूप से समाज के वंचित वर्गों को सक्षम बनाने हेतु, स्थायी आजीविका सृजन हेतु ग्रामीण प्रौद्योगिकियों और स्थानीय नवाचारों को सहायता प्रदान करके सामाजिक विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। बिहार के लौह-कमी वाले खेतों में माइक्रोबियल कंसोर्टियम के माध्यम से चने की खेती को पुनर्जीवित करने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर को परियोजना सहायता दी गई और बिहार के नवादा जिले के मेसकौर और सिरदला प्रखंडों में उच्च उपज वाले अनाज, दलहन और सब्जी की फसलों की शुरुआत के माध्यम से अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय की स्थायी आजीविका में सुधार लाने के लिए आईसीएआर पूर्वी क्षेत्र अनुसंधान परिसर, पटना को परियोजना सहायता प्रदान की गई।
उपर्युक्त परियोजनाओं के अतिरिक्त, पिछले 3 वर्षों के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने बिहार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में 60 परियोजनाओं को सहायता प्रदान की है।
राष्ट्रीय नवप्रवर्तन प्रतिष्ठान (एनआईएफ), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार का एक स्वायत्त संस्थान है, बिहार सहित देश भर में पारंपरिक ज्ञान, ग्रामीण तकनीकों और स्थानीय नवाचारों की पहचान करने और उन्हें बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से लगा हुआ है। पिछले पांच वर्षों के दौरान, एनआईएफ ने बिहार के 32 जिलों से कुल 6850 विचारों, नवाचारों और पारंपरिक ज्ञान की खोज की और प्रौद्योगिकी के वाणिज्यीकरण में भी मदद की है और इंजीनियरिंग, पौध किस्मों/फसल संरक्षण और पारंपरिक ज्ञान के क्षेत्र में नवाचारों को सहायता प्रदान की। बिहार के तीन बुनियादी नवाचारों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पुरस्कृत किया गया। बिहार से 36 स्वीकृत पेटेंट, 3 पेटेंट आवेदन और 1 पीपीवी एंड एफआरए (पौध किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण) की सूची अनुलग्नक I में देखी जा सकती है। बिहार के 8 जिलों से एनआईएफ द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त नवाचारों की सूची अनुलग्नक II में देखी जा सकती है।
अनुलग्नक I
क्र.सं.
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स्वीकृत पेटेंट
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जिला
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1.
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पादप कीटों की रोकथाम या नियंत्रण के लिए हर्बल संरचना (पेटेंट # 418984)
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पूर्वी चंपारण
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2.
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पादप कीटों की रोकथाम या नियंत्रण के लिए हर्बल संरचना (पेटेंट # 352692)
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पूर्वी चंपारण
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3.
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पादप कीटों की रोकथाम या नियंत्रण के लिए हर्बल संरचना (पेटेंट # 352692)
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पूर्वी चंपारण
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4.
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पादप कीटों की रोकथाम या नियंत्रण के लिए हर्बल संरचना (पेटेंट # 415583)
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पूर्वी चंपारण
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5.
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उन्नत हैकसॉ (पेटेंट संख्या: 386458)
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सीतामढ़ी
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6.
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धुआं रहित कुकर असेंबली (पेटेंट # 378369)
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पूर्वी चंपारण
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7.
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बहु-फोकल प्रकाश उपकरण (पेटेंट # 387281)
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लखीसराय
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8.
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दो-तरफा ऑपरेटिंग गियर सिस्टम (पेटेंट # 388215)
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खगड़िया
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9.
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बहुउद्देशीय पैदल सहायक उपकरण (पेटेंट # 403211)
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पटना
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10.
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शोर कम करने वाला उपकरण (पेटेंट # 412044)
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पश्चिम चंपारण
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11.
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संशोधित गाड़ी (पेटेंट # 417013)
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मुजफ्फरपुर
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12.
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वाहनों से बचने हेतु एक आपातकालीन तंत्र (पेटेंट # 442201)
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पटना
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13.
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जल सिंचाई पंप (पेटेंट # 515591)
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पश्चिम चंपारण
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14.
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उत्पीड़न-रोधी नवीन परिधान (पेटेंट # 514992)
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समस्तीपुर
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15.
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स्लीप-वॉकिंग डिटेक्टर और प्रिवेंटर (पेटेंट # 567390)
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मधुबनी
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16.
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स्वचालित खाद्य निर्माण मशीन (पेटेंट # 391068)
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भागलपुर
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17.
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स्वचालित खाद्य निर्माण मशीन (पेटेंट # 425469)
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भागलपुर
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18.
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स्वचालित खाद्य निर्माण मशीन (पेटेंट # 448948)
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भागलपुर
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19.
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मोटापे के चिकित्सीय प्रबंधन हेतु हर्बल संरचना और उसकी तैयारी की प्रक्रिया (पेटेंट संख्या 526091)
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सीतामढ़ी
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20.
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मुख रोगों के उपचार और मौखिक स्वच्छता बनाए रखने हेतु हर्बल फॉर्मूलेशन (पेटेंट संख्या– 439627)
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नालंदा
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21
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यकृत विकारों के प्रबंधन हेतु हर्बल कंपोजिशन और उनकी विधियां (पेटेंट संख्या: 434341)
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शिवहर
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22.
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मोतियाबिंद के लिए हर्बल फार्मास्युटिकल फॉर्मूलेशन और उसके निर्माण की प्रक्रिया (पेटेंट संख्या- 432456)
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सीतामढ़ी
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23.
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नेत्र रोग की रोकथाम और उपचार के लिए हर्बल फॉर्मूलेशन और इसके निर्माण की विधि (पेटेंट संख्या 419848)
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नवादा
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24.
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तंत्रिका संबंधी विकारों के चिकित्सीय प्रबंधन हेतु हर्बल औषधि (पेटेंट संख्या 416170)
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नवादा
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25.
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उच्च रक्तचाप के नियंत्रण हेतु हर्बल कंपोजिशन और तैयारी की प्रक्रिया (पेटेंट संख्या: 391323)
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पश्चिम चंपारण
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26.
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दस्त के उपचार हेतु हर्बल कंपोजिशन और उसकी विधि (पेटेंट संख्या: 385679)
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नवादा
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27.
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उच्च रक्तचाप रोधी गुणों वाले पेय पदार्थ हेतु हर्बल कंपोजिशन (पेटेंट संख्या: 381691)
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पश्चिम चंपारण
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28.
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मलेरिया परजीवी के कारण होने वाली बीमारियों और जटिलताओं के उपचार हेतु एक हर्बल फॉर्मूलेशन (पेटेंट संख्या: 380902)
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नवादा
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29.
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तंत्रिका संबंधी विकारों के उपचार या रोकथाम हेतु हर्बल कंपोजिशन (पेटेंट संख्या: 371369)
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नवादा
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30.
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यकृत विकारों के प्रबंधन हेतु हर्बल कंपोजिशन और उनकी विधियां (पेटेंट संख्या: 366860)
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शिवहर
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31.
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मलेरिया के उपचार हेतु हर्बल कंपोजिशन (पेटेंट संख्या: 365970)
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सिवान
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32.
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सूजन-रोधी गुणों वाले पेय पदार्थ के लिए हर्बल कंपोजिशन (पेटेंट संख्या: 363070)
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पूर्वी चंपारण
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33.
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तंत्रिका संबंधी विकारों के चिकित्सीय प्रबंधन हेतु हर्बल औषधि (पेटेंट संख्या: 356907)
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शिवहर
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34.
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मुर्गी की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु हर्बल फॉर्मूलेशन (पेटेंट संख्या: 394718)
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पूर्वी चंपारण
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35.
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पेट फूलने के उपचार हेतु हर्बल फॉर्मूलेशन (पेटेंट संख्या: 378824)
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पश्चिम चंपारण
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36.
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क्षणिक ज्वर के उपचार हेतु हर्बल कंपोजिशन (पेटेंट संख्या: 362274)
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नवादा
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क्र. सं
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फाइल किए गए पेटेंट
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जिला
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1.
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लोहा काटने और मोड़ने की मशीन (आवेदन संख्या 202231024659)
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नवादा
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2.
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कैनुला सुरक्षा उपकरण/दस्ताने और उसकी विधि (आवेदन संख्या 202521020192)
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भागलपुर
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3.
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कृषि कीटों को नियंत्रित करने के लिए सहक्रियात्मक हर्बल कीटनाशक कंपोजिशन और उसकी तैयारी के तरीके (आवेदन संख्या: 202521017731)
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पूर्वी चंपारण
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4.
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पंजीकरण के लिए एक पीपीवी एंड एफआरए आवेदन फाइल किया गया- सोनाली-45: उन्नत फूलगोभी किस्म: आवेदन संख्या: आरईजी/2025/0742
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वैशाली
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अनुलग्नक II
क्र.सं.
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जिला
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नवाचार
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1.
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वैशाली
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- संजीव सेलेक्शन: फूलगोभी की उन्नत किस्म
- सोनाली 45: फूलगोभी की उन्नत किस्म
- आगात कृतिका: फूलगोभी की उन्नत किस्म
- केएस 67: प्याज की उन्नत किस्म
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2.
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सीतामढ़ी
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- चाइना 72: मिर्च की उन्नत किस्म
- मनियारी: जलकुंभी की उन्नत किस्म
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3.
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पूर्वी चंपारण
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- सागर जमाल: आलू की उन्नत किस्म
- अंकित: फूलगोभी की उन्नत किस्म
- कटका 112: फूलगोभी की उन्नत किस्म
- असनी मटर: बगीचे की मटर की उन्नत किस्म
- राजा मूली : मूली की उन्नत किस्म
- बैंगन की फसल के लेपिडोप्टेरान और रसचूसक कीटों के नियंत्रण हेतु हर्बल औषधि
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4.
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समस्तीपुर
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आरके 2001: बैंगन की उन्नत किस्म
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5.
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पश्चिम चंपारण
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बैंगन और टमाटर के चूसने वाले और लेपिडोप्टेरान कीटों के नियंत्रण के लिए हर्बल वानस्पतिक कंपोजिशन
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6.
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जमुई
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फ्रिज सुराही
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7.
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नवादा
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धातु काटने और मोड़ने की मशीन
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8.
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नालंदा
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पावर टिलर-माउंटेड पोटेटो हार्वेस्टर
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यह जानकारी आज राज्य सभा में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक लिखित उत्तर में दी।
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पीके/केसी/एसके
(Release ID: 2153989)