जनजातीय कार्य मंत्रालय
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों से बच्चों का ड्रॉपआउट
Posted On:
07 AUG 2025 3:07PM by PIB Delhi
श्री एस. जगतरक्षकन और एडवोकेट गोवाल कागडा पाडवी के एक अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए, केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने आज लोकसभा को सूचित किया कि 14.07.2025 तक, स्वीकृत 728 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में से 479 को क्रियाशील बनाया जा चुका है। सरकार ने निष्क्रिय एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) को क्रियाशील बनाने के लिए कार्यान्वयन एजेंसियों की कड़ी निगरानी और सहायता के माध्यम से त्वरित बुनियादी ढाँचे का विकास, शिक्षण और गैर-शिक्षण रिक्तियों को भरने के लिए सक्रिय भर्ती, और भूमि, बुनियादी ढाँचे और स्टाफिंग से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए राज्य सरकारों के साथ सहयोग सहित कई व्यापक उपाय किए हैं। शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों की क्षमता निर्माण के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, साथ ही देरी से बचने के लिए ईएमआरएस योजना के तहत पर्याप्त वित्तीय आवंटन और समय पर संवितरण सुनिश्चित किया जा रहा है। चुनौतियों का समाधान करने और प्रभावी संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत निगरानी और समीक्षा तंत्र स्थापित किया गया है, और पूर्ण बुनियादी ढाँचे के अभाव में शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए आईसीटी उपकरण और डिजिटल कक्षाएँ जैसी डिजिटल शिक्षण सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं।
एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) योजना के प्रदर्शन का मूल्यांकन प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों जैसे छात्र नामांकन, शैक्षणिक परिणाम, स्कूल छोड़ने की दर, बुनियादी ढांचे और आवासीय सुविधाओं की गुणवत्ता, शिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण और सह-पाठ्यचर्या और कौशल-आधारित कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के आधार पर किया जाता है। इस योजना की नियमित रूप से राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर बहु-स्तरीय तंत्र के माध्यम से निगरानी और मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें निम्नलिखित स्तर शामिल हैं:
- केंद्रीय स्तर - राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (एनईएसटीएस), जो इस मंत्रालय के अंतर्गत ईएमआरएस योजना का प्रबंधन और कार्यान्वयन करने वाली एक स्वायत्त संस्था है, समग्र नीति निर्माण, योजना और राष्ट्रीय स्तर की समीक्षा की देखरेख करती है।
- राज्य स्तर - राज्य ईएमआरएस समितियाँ संबंधित राज्यों में कार्यान्वयन, पर्यवेक्षण और समन्वय के लिए ज़िम्मेदार हैं।
- ज़िला स्तर - ज़िला स्तरीय ईएमआरएस प्रबंधन समितियाँ ज़िलों के भीतर अलग-अलग ईएमआरएस के कामकाज की निगरानी और सहायता करती हैं।
इसके अतिरिक्त, डिजिटल डैशबोर्ड का उपयोग वास्तविक समय के आंकड़े प्राप्त करने के लिए किया जाता है, जिससे निरंतर ट्रैकिंग, प्रदर्शन मूल्यांकन और समय पर उपाय संभव होता है।
ये तंत्र ईएमआरएस के कामकाज की एक संरचित समीक्षा सुनिश्चित करते हैं और सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान करने में सहायता करते हैं। योजना के कार्यान्वयन को और सुदृढ़ बनाने के लिए बुनियादी ढाँचे के विकास के लिए बजटीय आवंटन में वृद्धि, शिक्षकों के लिए नियमित क्षमता निर्माण कार्यक्रम और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) शिक्षा पर विशेष ध्यान देने सहित कई उपाय किए गए हैं।
ईएमआरएस में अवसंरचना संबंधी अंतरालों (गैप्स) को दूर करने के लिए, निर्माण में तेजी लाने, गुणवत्ता निगरानी तंत्र को मजबूत करने, तथा छात्रावास, कक्षाएं और स्टाफ क्वार्टर जैसी आवश्यक सुविधाओं का समय पर प्रावधान सुनिश्चित करने सहित, निम्नलिखित पहलें की गई हैं:-
- 2018-19 में स्वीकृत विद्यालयों के लिए ईएमआरएस की निर्माण लागत को (पहले 20 करोड़ रूपये और 24 करोड़ रूपये) से 2021-22 में बढ़ाकर मैदानी क्षेत्रों में 37.80 करोड़ रूपये और पहाड़ी क्षेत्रों में 48 करोड़ रूपये कर दिया गया।
- पेशेवर निष्पादन और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए ईएमआरएस का निर्माण कार्य के.लो.नि.वि., राज्य सरकार की एजेंसियों और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों को सौंपा गया है।
- निर्माण में देरी करने वाले भूमि, वन मंजूरी (क्लीयरेन्स) और अतिक्रमण के मुद्दों को हल करने के लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय।
- पुराने ईएमआरएस के उन्नयन के लिए प्रति विद्यालय 5 करोड़ रूपये की धनराशि का प्रावधान।
- पुराने ईएमआरएस में स्टाफ क्वार्टर, बालकों और बालिकाओं के छात्रावासों, पहुँच मार्गों, जल सुविधाओं के निर्माण और अवसंरचना संबंधी अन्तर भरण के लिए अनुच्छेद 275(1) के तहत अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत।
- परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए व्यापक समीक्षा और निगरानी तंत्र स्थापित किए गए हैं।
- निर्माण गुणवत्ता की निगरानी के लिए स्वतंत्र तृतीय पक्ष गुणवत्ता आश्वासन (टीपीक्यूए) एजेंसियों को नियुक्त किया गया है।
- कमियों की पहचान और सुधार के लिए पूर्ण और निर्माणाधीन भवनों की संरचनात्मक लेखा-परीक्षा की गयी है।
- प्रगति में तेजी लाने के लिए कार्यान्वयन एजेंसियों का क्षमता निर्माण और नियमित समीक्षा बैठकें।
- एस्क्रो खातों की शुरुआत के माध्यम से भुगतान प्रक्रिया का सरलीकरण।
- एनईएसटीएस ने ईएसएसई-2023 के माध्यम से 10391 पदों पर सीधी भर्ती के लिए अपना पहला अभियान चलाया और चयनित कर्मचारियों को विभिन्न ईएमआरएस में तैनात किया गया है। सीधी भर्ती के अलावा, एनईएसटीएस ने राज्य सरकारों को प्रतिनियुक्ति पर कर्मचारियों की नियुक्ति करने की भी सलाह दी है। इसके अलावा, राज्य ईएमआरएस सोसाइटी को रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों और आउटसोर्सिंग/स्थानीय आधार पर गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति करने के निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि शैक्षणिक गतिविधियों में बाधा न आए।
पिछले 5 वर्षों के दौरान आवंटित निधि
वित्तीय वर्ष
|
रुपये करोड़ में
|
2020-21
|
1,200.00
|
2021-22
|
1,153.00
|
2022-23
|
1,999.90
|
2023-24
|
2,471.81
|
2024-25
|
4,748.92
|
एनईएसटीएस ने 2023-24 के दौरान केंद्रीकृत अखिल भारतीय भर्ती परीक्षा के माध्यम से ईएमआरएस के लिए शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भी भर्ती की है। चूँकि इन कर्मचारियों का चयन खुली परीक्षा के माध्यम से किया जाता है, इसलिए इन विद्यालयों में पढ़ाने के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले शिक्षकों का चयन किया गया है। शेष रिक्तियों, यदि कोई हों, के लिए अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावित न हों।
इसके अलावा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुँच और आदिवासी छात्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में कई सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। इनमें आधुनिक शिक्षण सहायक सामग्री से सुसज्जित कक्षाएँ, विज्ञान और कंप्यूटर प्रयोगशालाएँ, और व्यापक शिक्षण संसाधनों से युक्त पुस्तकालय शामिल हैं। छात्रों और कर्मचारियों दोनों के लिए आवासीय सुविधाएँ उपलब्ध हैं, बिस्तर, फ़र्नीचर और स्वच्छता संबंधी आवश्यक सुविधाओं सहित बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग छात्रावास हैं। शारीरिक और पाठ्येतर विकास को बढ़ावा देने के लिए, स्कूलों में खेल के मैदान, खेल उपकरण और संगीत, कला एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसी गतिविधियों के लिए स्थान उपलब्ध हैं। छात्रों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए नियमित स्वास्थ्य जाँच और चिकित्सा सुविधाओं तक पहुँच सुनिश्चित की जाती है। डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, स्मार्ट कक्षाएँ और इंटरनेट सुविधा युक्त कंप्यूटर लैब उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके अतिरिक्त, छात्रों की रोज़गार क्षमता बढ़ाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रम भी संचालित किए जाते हैं।
एनईएसटीएस द्वारा दी गई सूचना के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में छात्रों की स्कूल छोड़ने की दर का राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।
सरकार, राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) और राज्य सोसायटियों के माध्यम से, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के बच्चों के बीच स्कूल छोड़ने की दर को कम करने के लिए कई लक्षित उपाय कर रही है। पीवीटीजी छात्रों के लिए प्रवेश में 5% आरक्षण अनिवार्य कर दिया गया है, और इस प्रावधान का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्य ईएमआरएस सोसायटियों को शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए ईएमआरएस प्रवेश हेतु दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। राज्य सरकारों को पीवीटीजी छात्रों के नामांकन को बढ़ाने और ईएमआरएस द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं की विस्तृत श्रृंखला पर प्रकाश डालते हुए जागरूकता अभियान चलाने की सलाह दी गई है। इनमें विशेष रूप से लड़कियों के लिए सुरक्षित और सुसज्जित छात्रावास आवास; छात्रों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करने हेतु सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा; और छात्रों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए पौष्टिक भोजन का प्रावधान शामिल है। डिजिटल साक्षरता और भविष्य की तैयारी को बढ़ावा देने के लिए आईसीटी-आधारित शिक्षा शुरू की जा रही है। इसके अलावा, छात्रों की सक्रियता और प्रेरणा बनाए रखने के लिए भ्रमण, खेलकूद कार्यक्रम और सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं, साथ ही रचनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से आदिवासी विरासत को भी संरक्षित किया जा रहा है। लड़कियों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने हेतु प्रवेश में 1:1 लिंग अनुपात अनिवार्य है। दूरदराज के क्षेत्रों में आउटरीच कार्यक्रमों के माध्यम से आदिवासी समुदायों को संगठित करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। पहुँच में सुधार के लिए दुर्गम क्षेत्रों में स्कूल और छात्रावास बनाए जा रहे हैं, और वित्तीय बाधाओं को दूर करने के लिए छात्रों को मुफ्त शिक्षा, आवास, वर्दी, किताबें और भोजन प्रदान किया जा रहा है। छात्रों को आकर्षित करने और उन्हें भविष्य के करियर के लिए तैयार करने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता तथा कोडिंग जैसे आधुनिक विषयों को शामिल किया जा रहा है। छात्रों को करियर विकल्पों के बारे में मार्गदर्शन देने के लिए परामर्श कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, और सीखने के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए योग्य शिक्षकों की समय पर भर्ती के साथ-साथ बुनियादी ढाँचे को उन्नत किया जा रहा है।
अनुलग्नक
“ईएमआरएस से बच्चों के ड्रॉपआउट” के संबंध में श्री एस जगतरक्षकन और एडवोकेट गोवाल कागडा पाडवी द्वारा उठाए गए लोकसभा अतारांकित प्रश्न संख्या †3045 तारीख 07.08.2025 के उत्तर के भाग (ङ) में संदर्भित अनुलग्नक।
छात्रों की स्कूल छोड़ने की दर का राज्य/संघ राज्यक्षेत्र-वार विवरण
क्र. सं.
|
राज्य
|
2024-25
|
2023-24
|
2022-23
|
2021-22
|
2020-21
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
66
|
7
|
-
|
-
|
केंद्रीय रूप से डेटा नहीं रखा जाता
|
2
|
छत्तीसगढ़
|
88
|
46
|
17
|
2
|
3
|
दादरा और नगर हवेली तथा दमन एवं दीव
|
5
|
-
|
-
|
-
|
4
|
गुजरात
|
7
|
20
|
6
|
-
|
5
|
हिमाचल प्रदेश
|
2
|
-
|
-
|
-
|
6
|
जम्मू एवं कश्मीर
|
3
|
1
|
-
|
-
|
7
|
झारखंड
|
6
|
5
|
30
|
25
|
8
|
कर्नाटक
|
9
|
2
|
9
|
23
|
9
|
केरल
|
-
|
-
|
-
|
-
|
10
|
मध्य प्रदेश
|
71
|
42
|
101
|
14
|
11
|
महाराष्ट्र
|
68
|
24
|
8
|
3
|
12
|
मणिपुर
|
6
|
7
|
1
|
1
|
13
|
मिजोरम
|
13
|
1
|
-
|
-
|
14
|
नागालैंड
|
1
|
3
|
-
|
2
|
15
|
ओडिशा
|
87
|
84
|
24
|
6
|
16
|
राजस्थान
|
45
|
23
|
29
|
2
|
17
|
सिक्किम
|
2
|
1
|
-
|
-
|
18
|
तमिलनाडु
|
1
|
14
|
-
|
-
|
19
|
तेलंगाना
|
37
|
31
|
8
|
-
|
20
|
त्रिपुरा
|
12
|
2
|
1
|
-
|
21
|
उत्तर प्रदेश
|
18
|
7
|
4
|
33
|
22
|
उत्तराखंड
|
-
|
1
|
-
|
-
|
23
|
पश्चिम बंगाल
|
5
|
8
|
3
|
-
|
|
कुल योग
|
552
|
329
|
241
|
111
|
*****
केपी/केसी/डीवी
(Release ID: 2153845)