कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में भारत रत्न डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से चलाए जा रहे हैं ‘लैब टू लैंड’ सहित अनेक अभियान- श्री शिवराज सिंह
स्वामीनाथन जी के बताए रास्ते पर चलते हुए हम देश व दुनिया में भुखमरी और अभाव नहीं होने देंगे- श्री शिवराज सिंह
आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक कृषि मिशन की शुरुआत– श्री शिवराज सिंह चौहान
Posted On:
07 AUG 2025 4:44PM by PIB Delhi
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज पूसा, नई दिल्ली में भारत रत्न डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर श्री शिवराज सिंह ने जीवन की सार्थकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दूसरों के लिए जीना ही असली जीवन हैं, जो देश के लिए जीता है, समाज के लिए जीता है, औरों के लिए जीता है, दुनिया के लिए जीता है, वही सही अर्थों में जीवन का अर्थ सिद्ध कर पाता है। डॉ. स्वामीनाथन जी ऐसे ही व्यक्तित्व के धनी थे, जिन्होंने अपना जीवन दूसरों के लिए समर्पित कर दिया। स्वामीनाथन जी के बताए रास्ते पर चलते हुए हम देश व दुनिया में भुखमरी और अभाव नहीं होने देंगे।

केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वामीनाथन जी के योगदान का स्मरण करते हुए कहा कि 1942-43 में बंगाल के अकाल के कारण जब लाखों लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए थे, तब स्वामीनाथन जी का हृदय व्यथित हो गया। उन्होंने अपने आप को खेती, किसान और भुखमरी मिटाने के लिए समर्पित कर दिया। श्री चौहान ने कहा कि केवल इतना स्मरण दिलाना चाहता हूं कि 1966 में मैक्सिको से अठारह हजार टन मैक्सिकन गेहूं आया था, जिसे मिश्रित करके पंजाब की किस्मों के साथ एक नई संकर किस्म गेहूं की विकसित की थी और उसी किस्म के कारण एक साल में गेहूं का उत्पादन पांच मिलियन टन से बढ़कर सत्रह बिलियन टन हो गया था। स्वामीनाथन जी हरित क्रांति के जनक थे और उसके बाद उन्होंने जो कृषि विज्ञान के लिए व्यवस्था बनाई वह आज सुदृढ़ता से सही दिशा में काम कर रही है।

केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कृषि विकास व किसान कल्याण की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी का हर शब्द हमारे लिए मंत्र जैसा होता है। एक साल पहले जब प्रधानमंत्री श्री मोदी इस पूसा परिसर में पधारे थे तब उन्होंने हमें कहा था- लैब टू लैंड जोड़ो, विज्ञान और किसान जब तक नहीं मिलेंगे, तब तक खेती सही दिशा में आगे नहीं बढ़ेगी। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से आज ‘लैब टू लैंड’ जोड़ने सहित अनेक अभियान चलाए जा रहे हैं। उसमें से एक कृषि चौपाल और दूसरा विकसित कृषि संकल्प अभियान भी है। केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने बताया कि विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत वैज्ञानिकों की 2,170 टीमों का गठन किया गया था। ये टीमें चौसठ हज़ार से ज्यादा गांवों में गईं और एक करोड़ से ज्यादा किसानों के साथ सीधा संवाद किया। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने खाद्यान्न वृद्धि का जिक्र करते हुए बताया कि देश में खाद्यान्न की स्थिति बहुत बेहतर हो गई है। चावल के मामले में हम सरप्लस हैं, गेहूं में हम आत्मनिर्भर है और खाद्यान्न भंडारण की व्यवस्था की जा रही है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज 80 करोड़ लोगों को नि:शुल्क राशन देने का काम हो रहा है।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रति हेक्टेयर दलहन और तिलहन की उत्पादकता बढ़ाने की बात करते हुए कहा कि सोयाबीन हो, मूंगफली हो, सरसों हो, तिल हो या चना मसूर, उड़द, अरहर हो, उसमें उत्पादन कैसे बढ़े, इस दिशा में भी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में तत्परता से काम किया जा रहा है।
अंत में केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक प्राकृतिक कृषि मिशन की शुरुआत की गई है। आने वाली पीढ़ियों के लिए भी धरती से अन्न, फल और सब्जियों की उपज होती रहें, इसके लिए इस मिशन के माध्यम से वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ गंभीरता से काम किया जा रहा है।
यह सम्मेलन कृषि विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी हस्ती एवं खाद्य सुरक्षा के अग्रदूत, प्रो. डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की जन्मशती के उपलक्ष्य में, एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी के सहयोग से 7-9 अगस्त, 2025 पूसा कैंपस, नई दिल्ली में आयोजित किया गया है। सम्मेलन की थीम "सदाबहार क्रांति- जैव-सुख का मार्ग" है। यहां श्री शिवराज सिंह ने प्रो. स्वामीनाथन के जीवन परिदृश्य और उनके अमूल्य योगदान को दर्शाती हुई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
इस कार्यक्रम में नीति आयोग के सदस्य डॉ. रमेश चंद के अलावा सुश्री सौम्या स्वामीनाथन सहित कृषि विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, किसान और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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आरसी/केएसआर/एआर
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