खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
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खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए प्रोत्साहन योजनाएं;


खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए मुख्य खाद्य प्रसंस्करण योजनाओं के अंतर्गत 2022-23 से 5,620 करोड़ रुपये का वितरण किया;

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की मुख्य योजनाएं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में विकास को गति देने के लिए अखिल भारतीय, मांग-आधारित समर्थन प्रदान करती हैं

Posted On: 07 AUG 2025 2:51PM by PIB Delhi

खाद्य प्रसंस्करण अवसंरचना की स्थापना/विस्तार को प्रोत्साहन देने के लिए, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय दो केंद्रीय क्षेत्र योजनाओं, अर्थात् प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) को क्रियान्वित कर रहा है। इसके अतिरिक्त, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा एक केंद्र प्रायोजित योजना, अर्थात् प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) भी क्रियान्वित की जा रही है।

ये योजनाए क्षेत्र-विशिष्ट या राज्य-विशिष्ट नहीं हैं, बल्कि मांग-आधारित हैं और पात्र आवेदकों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है तथा पूरे देश में लागू की जाती हैं। 2022-23 से इन योजनाओं के अंतर्गत जारी कुल धनराशि इस प्रकार है-

(करोड़ रुपये में)

योजना

2022-23

2023-24

2024-25

वास्तविक व्यय

वास्तविक व्यय

वास्तविक व्यय

पीएमकेएसवाई

561.92

666.20

540.12

पीएलआईएसएफपीआई

489.83

590.50

450.49

पीएमएफएमई

269

765

1017

परियोजना निष्पादन एजेंसी (पीईए)/कार्यान्वयन एजेंसियां/संगठन जैसे सरकार/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/संयुक्त उद्यम/गैर सरकारी संगठन/सहकारी समितियां/स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)/किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ)/किसान उत्पादक कंपनियां (एफपीसी)/निजी क्षेत्र की कंपनियां/साझेदारी फर्म/स्वामित्व वाली फर्म/व्यक्ति आदि एमओएफपीआई की योजनाओं के तहत अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजनाएं मांग-आधारित हैं, लेकिन इन योजनाओं के अंतर्गत स्वीकृत अधिकांश परियोजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में हैं, जिससे स्थानीय किसानों को सहायता मिलती है। ग्रामीण उद्यमियों को समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय जागरूकता अभियानों जैसे समाचार पत्रों में विज्ञापन, रेडियो जिंगल्स, प्रदर्शनियां और एक्सपो, मोटा अनाज मेले, क्रेता-विक्रेता बैठकें, जिला और ब्लॉक स्तरीय कार्यशालाओं आदि के माध्यम से योजना जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, जिनका उद्देश्य आम जनता में जागरूकता बढ़ाना और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की योजनाओं के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने हेतु उनकी भागीदारी बढ़ाना है।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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पीके/केसी/केएल/एसके


(Release ID: 2153563)
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