सहकारिता मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

मंत्रालय के अंतर्गत संचालित योजनाएँ

Posted On: 06 AUG 2025 6:08PM by PIB Delhi

सहकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी), जो सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय है, के अंतर्गत वर्तमान में संचालित योजनाओं का विवरण अनुलग्नक -I में दिया गया है। यद्यपि मंत्रालय रोजगार सृजन पर विशिष्ट आँकड़े नहीं रखता है, फिर भी इसकी पहल/वित्तीय सहायता विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी समितियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

पैक्स कम्प्यूटरीकरण योजना से लाभान्वित पैक्स (पीएसीएस) का विवरण अनुलग्नक-II में दिया गया है। महाराष्ट्र राज्य में इस परियोजना के जिलेवार कार्यान्वयन की स्थिति अनुलग्नक-III में दी गई है। पिछले 4 वर्षों के दौरान एनसीडीसी की योजनाओं के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने वाली सहकारी संस्थाओं और लाभार्थियों की संख्या (महाराष्ट्र सहित) का विवरण अनुलग्नक-IV में दिया गया है। इसके अतिरिक्त, महाराष्ट्र राज्य में विभिन्न क्षेत्रों के अंतर्गत सहकारी समितियों को एनसीडीसी द्वारा प्रदान की गई वित्तीय सहायता का विवरण अनुलग्नक-V में दिया गया है।

महाराष्ट्र राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी समितियों को प्रदान की गई वित्तीय सहायता का विवरण अनुलग्नक-V में संलग्न है।

पैक्स कम्प्यूटरीकरण परियोजना के अंतर्गत नए उद्यम संसाधन नियोजन (ईआरपी) सॉफ्टवेयर को अपनाने और प्रबंधित करने में पैक्स को सहायता प्रदान करने के लिए कार्यान्वयन के एक भाग के रूप में क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। प्रमुख पहलों में शामिल हैं:

पैक्स कर्मियों को ईआरपी उपयोग, डेटा प्रविष्टि और लेखांकन, ऋण, खरीद व वितरण जैसे परिचालन मॉड्यूल पर प्रशिक्षण।

अपनाने में आसानी के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में नियमित वेबिनार, हेल्पलाइन और उपयोगकर्ता पुस्तिकाएँ। पैक्स कम्प्यूटरीकरण परियोजना में प्रति पैक्स प्रशिक्षण लागत 10,198 रुपये है, जो कुल मिलाकर 64.24 करोड़ रुपये होती है। अब तक, परियोजना की कुल लागत 2925.39 करोड़ रुपये तक बढ़ा दी गई है। इस प्रशिक्षण में निम्नलिखित प्रकार के प्रशिक्षण शामिल हैं: -

पैक्स कर्मियों को 2 दिवसीय ईआरपी सॉफ्टवेयर प्रशिक्षण;

सिस्टम इंटीग्रेटर (एसआई) द्वारा पैक्स कर्मियों को 14 दिनों का मार्गदर्शन व सहायता प्रशिक्षण;

पैक्स की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं के अनुसार पुनश्चर्या (रिफ्रेशर) प्रशिक्षण।

इसके अलावा, पैक्स परियोजना के कम्प्यूटरीकरण के लिए अब तक महाराष्ट्र राज्य को कुल 121.60 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। वर्षवार विवरण इस प्रकार हैं:-

वित्त वर्ष 2022-23- 87.95 करोड़ रुपये

वित्त वर्ष 2023-24- 33.65 करोड़ रुपये

वित्त वर्ष 2024-25- शून्य

वित्त वर्ष 2025-26- शून्य

उपरोक्त के अलावा, सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (एनसीसीटी) ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 2,527 कार्यक्रमों के माध्यम से पैक्स के कुल 1,78,163 सदस्यों को प्रशिक्षित किया है, और वित्त वर्ष 2024-25 में 3,024 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से पैक्स के 2,58,365 सदस्यों को प्रशिक्षित किया है। 30.6.2025 तक, 115 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिससे महाराष्ट्र राज्य सहित देश भर में 7,434 पैक्स लाभान्वित हुए हैं।

इसके अतिरिक्त, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों को राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) और मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के प्रावधानों के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

2020-21 से 2025-26 (30.06.2025 तक) के दौरान, एनसीडीसी ने महाराष्ट्र राज्य में पैक्स, डेयरी और मत्स्य पालन आदि के लिए 481 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं और सहकारी समितियों के 7203 प्रतिभागियों/सदस्यों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया।

 

क्रम सं.

वित्त वर्ष

प्रशिक्षण कार्यक्रमों की संख्या

लाभान्वित प्रतिभागियों की संख्या

1

2020-21

67

395

2

2021-22

97

981

3

2022-23

80

827

4

2023-24

96

371

5

2024-25

96

4489

6

2025-26

(30.06.2025 तक)

45

140

कुल

481

7203

 

सहकारिता मंत्रालय के अंतर्गत प्रशिक्षण संस्थान, प्रशिक्षण कार्यक्रम की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित किये गये प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में संबंधित प्रतिभागियों से फीडबैक लेते हैं।

अनुलग्नक-I

सहकारिता मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित योजनाएँ

पैक्स कम्प्यूटरीकरण परियोजना:- भारत सरकार 2,516 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ कार्यात्मक पैक्स के कम्प्यूटरीकरण की इस परियोजना को क्रियान्वित कर रही है, जिसे अब बढ़ाकर 2925.39 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत सभी कार्यात्मक पैक्स को एक ईआरपी (उद्यम संसाधन नियोजन) आधारित साझा राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर पर लाना है, और उन्हें राज्य सहकारी बैंकों (एसटीसीबी) और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) के माध्यम से नाबार्ड से जोड़ना है। यह साझा ईआरपी सॉफ्टवेयर देश भर में परियोजना के अंतर्गत सभी पैक्स को प्रदान किया जाता है, ताकि पैक्स की सभी कार्यात्मकताओं, ऋण और गैर-ऋण दोनों, पर डेटा एकत्र किया जा सके। यह सॉफ्टवेयर राज्य-विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार अनुकूल बनाने योग्य है।

ईआरपी-आधारित साझा राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर, साझा लेखा प्रणाली (सीएएस) और प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) के माध्यम से पैक्स संचालन की दक्षता को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त, यह शासन और पारदर्शिता को मज़बूत करता है, जिसके परिणामस्वरूप ऋण वितरण में तेज़ी आती है, लेन-देन लागत में कमी आती है, भुगतान असंतुलन में कमी आती है और डीसीसीबी व एसटीसीबी के साथ निर्बाध लेखांकन संभव होता है। इसके अलावा, नाबार्ड द्वारा दिया गया प्रशिक्षण और  आवश्यक सहायता यह सुनिश्चित करती है कि छोटे और सीमांत किसान डिजिटलीकरण से समान रूप से लाभान्वित हों। इनमें ऐसे किसान भी शामिल हैं, जो डिजिटल रूप से साक्षर नहीं हैं।

एक व्यापक ईआरपी समाधान सदस्यता प्रबंधन, जमा और उधार (अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक) जैसी वित्तीय सेवाएँ, खरीद, प्रसंस्करण इकाइयाँ, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस), व्यवसाय योजना, भंडारण, बिक्री, उधार, परिसंपत्ति प्रबंधन और मानव संसाधन प्रबंधन सहित कई कार्यात्मकताओं को एकीकृत करता है। इसके अतिरिक्त, इसमें पैक्स सदस्यों के लिए निर्बाध वित्तीय लेनदेन की सुविधा हेतु रुपे और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी)/डेटाबेस एकीकरण को शामिल करने का प्रावधान है। इस परियोजना के अंतर्गत केंद्र सरकार के हिस्से के रूप में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 759.36 करोड़ रुपये और नाबार्ड को 165.92 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।

इसके अतिरिक्त, भारत सरकार आईटी हस्तक्षेपों के माध्यम से सहकारी समितियों के सुदृढ़ीकरण की एक केंद्र प्रायोजित परियोजना का क्रियान्वयन कर रही है। इस परियोजना की दो उप-परियोजनाएँ इस प्रकार हैं:-कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (एआरडीबी) का कम्प्यूटरीकरण: कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के कम्प्यूटरीकरण की उप-परियोजना को केंद्र सरकार द्वारा 06.10.2023 को मंजूरी दी गई, जिसमें 13 राज्यों में राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (एससीएआरडीबी) और प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (पीसीएआरडीबी) की 1851 इकाइयों को 119.40 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ इस परियोजना में शामिल किया गया है।

अभी तक, दो राज्यों पश्चिम बंगाल और केरल से प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुए हैं। हाल ही में, जम्मू और कश्मीर ने अपने प्रशासनिक कारणों से इस परियोजना से बाहर होने का विकल्प चुना है। अभी तक, केवल 10 राज्य ही इस परियोजना का हिस्सा हैं। परियोजना का विवरण और अद्यतन स्थिति अनुबंध 'VI' में दी गई है।

राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (आरसीएस) के कार्यालय का कम्प्यूटरीकरण: राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आरसीएस कार्यालयों के कम्प्यूटरीकरण के लिए केंद्र प्रायोजित परियोजना को केंद्र सरकार ने 06.10.2023 को 2023-24 से तीन वर्षों के लिए 94.59 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ मंजूरी दे दी है। यह मंत्रालय की "आईटी हस्तक्षेप के माध्यम से सहकारिता को मजबूत बनाने" की व्यापक परियोजना का एक हिस्सा है। इस परियोजना का उद्देश्य सहकारी समितियों के लिए व्यापार करने में आसानी को बढ़ाना और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आरसीएस कार्यालयों के साथ सहकारी समितियों की पारदर्शी कागज रहित संवाद के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम बनाना है। परियोजना के तहत, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को हार्डवेयर की खरीद, सॉफ्टवेयर के विकास, सॉफ्टवेयर के रखरखाव और उन्नयन आदि के लिए अनुदान प्रदान किये जा रहे हैं, वित्त वर्ष 2023-24, 2024-25 और 2025-26 (30 जून 2025 तक) के दौरान, 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं और भारत सरकार के हिस्से के रूप में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लगभग 19.73 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। विवरण अनुलग्नक 'VII' में संलग्न हैं।

एनसीडीसी द्वारा कार्यान्वित योजनाएँ/सहायता दी गयी गतिविधियाँ

निगम प्रायोजित योजनाएँ:

एनसीडीसी द्वारा सहायता दी गयी गतिविधियाँ:

एनसीडीसी सहकारी समितियों को उनके विकास के लिए ऋण (सावधि ऋण और निवेश ऋण दोनों) और सब्सिडी के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है। ऋण घटक एनसीडीसी के अपने कोष से प्रदान किया जाता है, जबकि पात्र सब्सिडी अन्य केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं से प्राप्त राशि को मिलाकर प्रदान की जाती है। एनसीडीसी द्वारा सहायता दी जाने वाली गतिविधियों की सूची इस प्रकार है:-

विपणन:

- अतिरिक्त राशि (मार्जिन मनी)/कार्यशील पूंजी सहायता

प्राथमिक/जिला सहकारी विपणन समितियों के शेयर पूंजी आधार को सुदृढ़ बनाना

फर्नीचर और अन्य, रेफ्रिजरेटेड वैन सहित परिवहन वाहनों की खरीद

कृषि विपणन अवसंरचना का विकास/सुदृढ़ीकरण, छंटाई ( ग्रेडिंग) और मानकीकरण

प्रसंस्करण:

- नई चीनी मिलों की स्थापना (निवेश ऋण)

मौजूदा चीनी मिलों का आधुनिकीकरण और विस्तार/विविधीकरण (निवेश ऋण और सावधि ऋण)

नई कताई मिलों की स्थापना/आधुनिकीकरण/विस्तार/पुनर्स्थापना

मौजूदा कपास ओटाई और प्रेसिंग इकाइयों का आधुनिकीकरण/विस्तार और स्थापना

लघु/मध्यम पैमाने की कृषि और संबद्ध क्षेत्र की प्रसंस्करण इकाइयाँ, करघा पूर्व/पश्चात प्रसंस्करण/परिधान और बुनाई इकाइयाँ

अन्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, जैसे खाद्यान्न/तिलहन/बागान फसलें/फल और सब्जियाँ/मक्का स्टार्च/पार्टिकल बोर्ड आदि

- अतिरिक्त राशि (मार्जिन मनी) / कार्यशील पूंजी सहायता

- नई कताई मिलों में राज्य सरकार की शेयर पूंजी भागीदारी

भंडारण:

- गोदामों का निर्माण और मौजूदा गोदामों की मरम्मत/नवीनीकरण

- अतिरिक्त राशि (मार्जिन मनी)/कार्यशील पूंजी सहायता

प्रशीतन श्रृंखला:

- शीत भंडारों का निर्माण/विस्तार/आधुनिकीकरण

- शीत श्रृंखला घटकों की स्थापना, जिनमें मोटे तौर पर शामिल हैं:

(i) एकीकृत पैक हाउस, (ii) रीफर परिवहन, (iii) शीत भंडारण (थोक-खेत के पास), (iv) शीत भंडारण (हब-बाजार के पास) और (v) पकाने की इकाइयाँ आदि।

अतिरिक्त राशि (मार्जिन मनी)/कार्यशील पूंजी सहायता

औद्योगिक:

सभी प्रकार की औद्योगिक सहकारी समितियाँ, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, हस्तशिल्प/ग्रामीण शिल्प, आदि।

सहकारी समितियों के माध्यम से आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं का वितरण:

शॉपिंग सेंटर, डीजल/केरोसिन बंक/गोदाम जैसी अवसंरचना की स्थापना, थोक उपभोक्ता सहकारी स्टोर/विभागीय उपभोक्ता सहकारी स्टोर/उपभोक्ता संघ का निर्माण/विस्तार/आधुनिकीकरण, आदि।

फर्नीचर और सहायक उपकरण की खरीद तथा उपभोक्ता वस्तुओं के वितरण के लिए रेफ्रिजरेटेड वैन सहित परिवहन वाहनों की खरीद

अतिरिक्त राशि (मार्जिन मनी)/कार्यशील पूंजी सहायता

ऋण एवं सेवा सहकारी समितियाँ/अधिसूचित सेवाएँ:

- कृषि ऋण/कृषि बीमा

- जल संरक्षण कार्य/सेवाएँ

- ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई, सूक्ष्म सिंचाई

- पशु देखभाल/स्वास्थ्य/रोग निवारण

- सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीण स्वच्छता, जल निकासी, सीवेज प्रणाली

- पर्यटन, आतिथ्य, परिवहन

ऊर्जा के नए, गैर-पारंपरिक और नवीकरणीय स्रोतों द्वारा बिजली का उत्पादन और वितरण

ग्रामीण आवास

- अस्पताल/स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा

- ऋण सहकारी समितियों के लिए अवसंरचना निर्माण

सहकारी बैंकिंग इकाई:

आधुनिक बैंकिंग इकाई से संबंधित अवसंरचना निर्माण के लिए पैक्स को सहायता।

कृषि सेवाएँ:

- सहकारी किसान सेवा केंद्र

- कस्टम हायरिंग के लिए कृषि सेवा केंद्र

- कृषि इनपुट निर्माण और संबद्ध इकाइयों की स्थापना

- सिंचाई/जल संचयन कार्यक्रम

जिला योजना योजनाएँ:

- चयनित जिलों में एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाएँ

कमजोर वर्ग सहकारी समितियाँ:

मत्स्य पालन, डेयरी एवं पशुधन, मुर्गीपालन, अनुसूचित जाति, जनजाति सहकारी समितियाँ, हथकरघा, नारियल के रेशे, जूट, रेशम उत्पादन, महिलाएँ, पहाड़ी क्षेत्र, तंबाकू और श्रम।

(एल) सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए सहायता:

कंप्यूटर/हार्डवेयर, प्रणालीगत एवं अनुप्रयोग सॉफ्टवेयर की खरीद/स्थापना, नेटवर्किंग, रखरखाव लागत, तकनीकी जनशक्ति और क्षमता विकास एवं प्रशिक्षण के लिए सहायता प्रदान की जाती है।

(एम) प्रचार एवं विकासात्मक कार्यक्रम।

एनसीडीसी के केंद्रित उत्पाद:

युवा सहकार - सहकारी उद्यम सहायता एवं नवाचार योजना: इस योजना का उद्देश्य नए और/या नवीन विचारों वाली नवगठित सहकारी समितियों को प्रोत्साहित करना है।

आयुष्मान सहकार: इस योजना का एक व्यापक दृष्टिकोण है, जिसमें अस्पतालों, स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा, नर्सिंग शिक्षा, पैरामेडिकल शिक्षा, स्वास्थ्य बीमा और आयुष जैसी समग्र स्वास्थ्य प्रणालियों को शामिल किया गया है।

नंदिनी सहकार: इस योजना का उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना और महिला सहकारी समितियों के माध्यम से महिलाओं की उद्यमशीलता का समर्थन करना है। यह योजना महिला उद्यम, व्यवसाय योजना निर्माण, क्षमता विकास, ऋण और सब्सिडी, और/या अन्य योजनाओं के ब्याज अनुदान जैसे महत्वपूर्ण इनपुट को एकीकृत करेगी।

डेयरी सहकार: यह सहकारी डेयरी व्यवसाय पर केंद्रित वित्तीय सहायता की एक रूपरेखा है जो सहकारी समितियों को ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक, शासन) से जुड़ी गतिविधियों में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसमें नई परियोजनाओं के लिए सहकारी समितियों द्वारा अवसंरचना निर्माण और मौजूदा परियोजनाओं का आधुनिकीकरण और/या विस्तार शामिल है।

डिजिटल सहकार: डिजिटल इंडिया के सिद्धांतों के अनुरूप, एनसीडीसी ने डिजिटल रूप से सशक्त सहकारी समितियों के लिए एक वित्तीय सहायता रूपरेखा की परिकल्पना की है, जो एनसीडीसी द्वारा मार्गदर्शन व सहायता और ऋण लिंकेज प्रदान करेगा। इसे भारत सरकार/राज्य/केंद्र शासित प्रदेश/एजेंसियों से अनुदान, सब्सिडी, प्रोत्साहन आदि के साथ जोड़ा गया है, जिसका उद्देश्य सहकारी समितियों को डिजिटल इंडिया में सक्रिय रूप से भाग लेने में मदद करना है।

स्वयं शक्ति सहकार योजना: महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ऋण/अग्रिम प्रदान करने के लिए कृषि ऋण सहकारी समितियों को एनसीडीसी की वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना।

दीर्घावधि कृषक पूँजी सहकार योजना:

एनसीडीसी के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली गतिविधियों/वस्तुओं/सेवाओं के लिए कृषि ऋण सहकारी समितियों को दीर्घकालिक ऋण/अग्रिम प्रदान करने हेतु एनसीडीसी की दीर्घकालिक वित्तीय सहायता योजना।

II अन्य केंद्रीय योजनाएँ:

केंद्रीय क्षेत्र एकीकृत कृषि विपणन योजना (सीएसआईएसएएम) की कृषि विपणन अवसंरचना (एएमआई) उप-योजना, भंडारण और भंडारण अवसंरचना के अलावा - डीएसी और एफडब्ल्यू, एमओए और एफडब्ल्यू राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (प्रशिक्षण) – डीएसी और एफडब्ल्यू, एमओए और एफडब्ल्यू

एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) – डीएसी और एफडब्ल्यू, एमओए और एफडब्ल्यू

कृषि अवसंरचना निधि योजना - कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय - के अंतर्गत वित्तपोषण सुविधा के माध्यम से ब्याज अनुदान और ऋण गारंटी।

राष्ट्रीय कृषि विस्तार एवं प्रौद्योगिकी मिशन (एनएमएईटी) के बीज एवं रोपण सामग्री उप-मिशन (एसएमएसपी) के अंतर्गत बीज उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सहायता।

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) - मत्स्य पालन विभाग; मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय

प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) - मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय के मत्स्य पालन विभाग द्वारा पीएमएमएसवाई के अंतर्गत उप-योजना।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम औपचारिकीकरण (पीएमएफएमई) - खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय

10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन और संवर्धन की योजना - कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय।

(i) प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) - खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन योजना - खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय।

(ii) प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) - एकीकृत शीत श्रृंखला एवं मूल्य संवर्धन अवसंरचना योजना - खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय।

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) - जनजातीय कार्य मंत्रालय।

राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) और राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) - पशुपालन एवं डेयरी विभाग; मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय।

पुनर्गठित पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ),

पशुपालन एवं डेयरी विभाग; मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय।

अनुलग्नक II

पैक्स कम्प्यूटरीकरण परियोजना की स्थिति

 

क्रम सं

राज्य

अनुमोदित पीएसीएस

शामिल ईआरपी

1.

महाराष्ट्र

12,000

11,954

2.

राजस्थान

7,468

5,900

3.

गुजरात

5,754

5,627

4.

उत्तर प्रदेश

5,686

3,048

5.

कर्नाटक

5,682

3,765

6.

मध्य प्रदेश

5,188

4,428

7.

तमिलनाडु

4,532

4,531

8.

बिहार

4,495

4,460

9.

पश्चिम बंगाल

4,167

3,145

10.

पंजाब

3,482

3,408

11.

ओडिशा*

2,711

-

12.

आंध्र प्रदेश

2,037

2,021

13.

छत्तीसगढ

2,028

2,028

14.

हिमाचल प्रदेश

1,789

965

15.

झारखंड

2,797

1,414

16.

हरियाणा

710

609

17.

उत्तराखंड

670

670

18.

असम

583

579

19.

जम्मू एवं कश्मीर

537

536

20.

त्रिपुरा

268

207

21.

मणिपुर

232

175

22.

नगालैंड

231

64

23.

मेघालय

112

99

24.

सिक्किम

107

103

25.

गोवा

58

45

26.

एएनआई

46

46

27.

पुदुचेरी

45

43

28.

मिजोरम

49

25

29.

अरुणाचल प्रदेश

14

11

30.

लद्दाख

10

10

31.

डीएनएच एवं डीडी

4

4

 

कुल

73,492

59,920

 

*ओडिशा हाल ही में इस परियोजना में शामिल हुआ है

अनुलग्नक-III   

पैक्स कम्प्यूटरीकरण परियोजना की स्थिति - महाराष्ट्र (30 जून 2025 तक)

 

क्रम सं

जिला

अनुमोदित पीएसीएस

शामिल ईआरपी

1

अहमदनगर

946

946

2

धुले

175

175

3

जलगांव

352

352

4

जालना

200

191

5

कोल्हापुर

1751

1725

6

नंदुरबार

111

111

7

पालघर

93

93

8

पुणे

1192

1192

9

रायगढ़

122

122

10

रत्नागिरि

287

282

11

सांगली

650

639

12

सतारा

933

942

13

सिंधुदुर्ग

214

214

14

ठाणे

144

144

16

अकोला

412

411

17

अमरावती

214

219

18

औरंगाबाद

305

305

19

बुलढाना

201

200

20

हिंगोली

156

155

21

नागपुर

162

162

22

नासिक

614

615

23

परभनी

149

149

24

वाशिम

424

424

25

यवतमाल

210

210

27

बीड

200

200

28

भंडारा

135

135

29

चंद्रपुर

179

179

30

गढचिरोली

101

101

31

गोंदिया

121

121

32

लातूर

482

475

33

नांदेड़

64

64

34

उस्मानाबाद

156

156

35

शोलापुर

545

545

कुल योग

12,000

11,954

 

एनसीडीसी

अनुलग्नक – IV

क्रम सं

 

वित्त वर्ष

स्वीकृत इकाइयों की संख्या

स्वीकृत राशि (करोड़ रुपये में)

जारी की गई राशि (करोड़ रुपये में)

लाभार्थी समितियों की संख्या

लाभार्थी सदस्यों की संख्या (लाख में)

1

2020-21

487

36,537.42

24,733.24

10567

239.76

2

2021-22

287

36,271.23

34,221.08

18869

134.85

3

2022-23

370945

83,198.07

41,031.40

19685

272.15

4

2023-24

2529

92,013.44

60,618.47

11015

94.74

5

2024-25

4583

1,30,385.45

95,182.83

10163

127.44

6

2025-26 (as

on 30.06.2025)

801

40,856.11

26,425.75

5220

70.44

कुल

379632

4,19,261.72

2,82,212.77

75519

939.38

 

अनुलग्नक-V एनसीडीसी द्वारा महाराष्ट्र को दी गयी वित्तीय सहायता का विवरण

गतिविधि

वित्त वर्ष  2022-23

वित्त वर्ष  2023-24

वित्त वर्ष  2024-25

वित्त वर्ष  2025-26

(15.07.2025 तक)

जारी करने की संख्या

जारी की गयी धनराशि

जारी करने की संख्या

जारी की गयी धनराशि

जारी करने की संख्या

जारी की गयी धनराशि

जारी करने की संख्या

जारी की गयी धनराशि

डेयरी एवं पशुधन

2

0.33

 

-

 

-

 

-

एफपीओ

11

0.53

37

2.24

43

2.57

15

0.85

मत्स्य पालन

14

10.11

9

5.27

3

0.25

 

-

मत्स्य पालन एफपीओ (एफएफपीओ)

8

0.41

14

8.82

224

11.06

22

0.51

एम.आई.एस.

 

-

 

-

1

0.75

 

-

सेवा सहकारी

1

6.40

4

36.40

8

81.06

 

-

चीनी

26

686.65

82

2,004.34

168

7,617.50

8

113.69

वस्त्र

13

46.72

5

44.35

5

51.31

1

0.89

कुल योग

75

751.16

151

2,101.42

452

7,764.51

46

115.94

 

अनुलग्नक-VI कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के कम्प्यूटरीकरण परियोजना की स्थिति

क्रम सं

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

स्वीकृत एआरडीबी इकाईयां

वितरित हार्डवेयर

जारी की गयी कुल राशि (करोड़ रुपये में)

1.

उत्तर प्रदेश

342

0

1.27

2.

तमिलनाडु

214

471

1.49

3.

कर्नाटक

207

467

0.8

4.

गुजरात

195

0

0.82

5.

राजस्थान

39

0

0.67

6.

पंजाब

90

0

0.47

7.

हरियाणा

20

0

0.76

8.

हिमाचल प्रदेश

57

202

0.56

9.

त्रिपुरा

6

0

0.04

10.

पुदुचेरी

2

4

0.04

 

कुल

1172

1144

7.18

 

अनुलग्नक – VII

 

क्रम सं.

राज्य

कुल जारी राशि (लाख रुपये में)

1.

अंडमान और निकोबार

8.7

2.

आंध्र प्रदेश

75

3.

अरुणाचल प्रदेश

88.4

4.

असम

14.9175

5.

बिहार

96.0625

6.

चंडीगढ़

89.9

7.

छत्तीसगढ

145.77

8.

दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव

89.9

9.

गोवा

84.715

10.

गुजरात

57.4875

11.

हरियाणा

131.15

12.

हिमाचल प्रदेश

35.76

13.

जम्मू और कश्मीर

7.71

14.

झारखंड

6.975

15.

कर्नाटक

98.2225

16.

केरल

 

17.

लद्दाख

91.625

18.

लक्षद्वीप

0.6375

19.

मध्य प्रदेश

18.405

20.

महाराष्ट्र

75

21.

मणिपुर

7.2225

22.

मेघालय

3.40875

23.

मिजोरम

75

24.

नगालैंड

28.8925

25.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली

86.9

26.

ओडिशा

75

27.

पुदुचेरी

89.05

28.

पंजाब

6.435

29.

राजस्थान

81.36

30.

सिक्किम

9.4725

31.

तमिलनाडु

75

32.

तेलंगाना

13.8375

33.

त्रिपुरा

80.9225

34.

उत्तर प्रदेश

25.065

35.

उत्तराखंड

14.52625

36.

पश्चिम बंगाल

85.15

कुल

1973.58

 

यह जानकारी सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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पीके/केसी/जेके


(Release ID: 2153450)
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