रेल मंत्रालय
पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए 777 किलोमीटर लंबी 12 नई परियोजनाओं को मंजूरी, इनकी लागत ₹69,000 करोड़ से अधिक होगी
पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए रेलवे बजट 2009-14 से लगभग 5 गुना बढ़ा
वित्त वर्ष 2022-23 से प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के अंतर्गत पूर्वोत्तर क्षेत्र में 1790 किलोमीटर के 17 रेलवे सर्वेक्षण स्वीकृत
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06 AUG 2025 7:03PM by PIB Delhi
पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल नेटवर्क की लाइन क्षमता को बढ़ाने के लिए 777 किलोमीटर लंबी 12 रेलवे परियोजनाओं (08 नई लाइनें, 04 दोहरीकरण) स्वीकृत किया गया है। पूर्णतः/आंशिक रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) की इन परियोजनाओं की लागत ₹69,342 करोड़ है। मार्च 2025 तक इनमें से 278 किलोमीटर की लाइन चालू हो चुकी है और ₹41,676 करोड़ का व्यय हो चुका है। ।
कार्य की स्थिति संक्षेप में निम्न है:-
वर्ग
|
परियोजनाओं की संख्या
|
कुल लंबाई
(किलोमीटर में)
|
कमीशन की गई लंबाई (किलोमीटर में)
|
मार्च, 2024 तक व्यय
( करोड़ रुपये में)
|
नई लाइनें
|
08
|
448
|
113
|
38,078
|
दोहरीकरण
|
04
|
329
|
165
|
3,698
|
कुल
|
12
|
777
|
278
|
41,676
|
पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में पूर्णतः/आंशिक रूप से आने वाली अवसंरचना परियोजनाओं और अन्य कार्यों के लिए औसत बजट आवंटन निम्न है:-
अवधि
|
व्यय
|
2009-14
|
₹2,122 करोड़/वर्ष
|
2025-26
|
₹10,440 करोड़ (लगभग 5 गुना)
|
वर्ष 2009-14 और 2014-2025 के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में पूर्णतः/आंशिक रूप से आने वाले खंडों (नई लाइन, गेज परिवर्तन और दोहरीकरण) की कमीशनिंग निम्न है:-
अवधि
|
नया ट्रैक कमीशन किया गया
|
नए ट्रैकों का औसत कमीशनिंग
|
2009-14
|
333
|
66.6 किलोमीटर /वर्ष
|
2014-25
|
1,840 किलोमीटर
|
167.27 किलोमीटर /वर्ष (लगभग 3 गुना)
|
वर्ष 2014 से पूर्वोत्तर क्षेत्र में पूर्णतः/आंशिक रूप से चालू की गई परियोजनाएं निम्नानुसार हैं:
क्रम संख्या
|
परियोजना
|
लागत
(करोड़ रुपये में)
|
1
|
बोगीबील पुल (92 किमी.)
|
5820
|
2
|
अगरतला-सबरूम (112 किमी.) नई लाइन
|
3170
|
3
|
अगरतला-अकौरा (5 किमी) नई लाइन
|
865
|
4
|
रंगिया-मुर्कोंगसेलेक (510 किमी) गेज परिवर्तन
|
3019
|
5
|
कुमारघाट-अगरतला (109 किमी) आमान परिवर्तन
|
1242
|
6
|
काटाखाल-भराबी (84 किमी) गेज परिवर्तन
|
348
|
7
|
लुमडिंग-बदरपुर-सिलचर और बदरपुर-कुमारघाट (412 किमी) गेज परिवर्तन
|
673
|
8
|
लुमडिंग-होजाई (45 किमी) दोहरीकरण
|
410
|
9
|
दिगारू-होजाई (102 किमी) दोहरीकरण
|
1873
|
10
|
न्यू बोंगाईगांव-अगथोरी (143 कि.मी.) दोहरीकरण
|
2048
|
पूर्वोत्तर क्षेत्र में पूर्णतः/आंशिक रूप से आने वाली कुछ मुख्य परियोजनाएं जो शुरू की गई हैं, वे इस प्रकार हैं:-
क्रम संख्या
|
परियोजना का नाम
|
लागत
(करोड़ रुपये में)
|
1
|
जिरीबाम-इम्फाल (111 किमी) नई लाइन
|
18562
|
2
|
दीमापुर-कोहिमा (82 किमी) नई लाइन
|
6911
|
3
|
भैरबी-सैरांग (51 किलोमीटर) नई लाइन
|
5521
|
4
|
मुरकोंगसेलेक-पासीघाट (27 किमी) नई लाइन
|
980
|
5
|
न्यू बोंगाईगांव-गोलपारा-गुवाहाटी (कामाख्या) (176 किलोमीटर) दोहरीकरण
|
2950
|
6
|
सरायघाट पुल (7 किमी) दोहरीकरण
|
1478
|
7
|
अलुआबारी-ठाकुरगंज (20 किमी) दोहरीकरण
|
327
|
8
|
अलुआबारी-न्यू जलपाईगुड़ी (57 किमी) तीसरी और चौथी लाइन
|
1786
|
इसके अलावा, पिछले तीन वर्षों अर्थात वित्त वर्ष 2022-23, 2023-24, 2024-25 और चालू वित्त वर्ष के दौरान, पीएम गति शक्ति एनएमपी के अंतर्गत उत्तर पूर्व क्षेत्र में पूर्णतः/आंशिक रूप से आने वाले कुल 1790 किलोमीटर लंबाई के 17 सर्वेक्षण (13 नई लाइन और 4 दोहरीकरण) स्वीकृत किए गए हैं। कुछ महत्वपूर्ण सर्वेक्षण इस प्रकार हैं:
क्रम संख्या
|
परियोजना का नाम
|
लंबाई किलोमीटर में
|
1
|
ज़ुब्ज़ा-इम्फाल नई लाइन
|
150
|
2
|
लंका - सिलचर वाया चंद्रनाथपुर नई लाइन
|
208
|
3
|
सैरांग-हबिछुआ (मिजोरम) नई लाइन
|
223
|
4
|
अगथोरी-डेकारगांव नई लाइन
|
130
|
5
|
तेजपुर-सिलघाट नई लाइन
|
40
|
6
|
चंद्रनाथपुर-अगरतला दोहरीकरण
|
244
|
7
|
गुवाहाटी-लुमडिंग तीसरी लाइन
|
181
|
8
|
न्यू जलपाईगुड़ी-कामाख्या तीसरी और चौथी लाइन
|
421
|
9
|
कटिहार-अलुआबारी तीसरी और चौथी लाइन
|
145
|
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार होने के बाद, परियोजना की स्वीकृति के लिए राज्य सरकार सहित विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श और नीति आयोग, वित्त मंत्रालय से आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है। चूँकि परियोजनाओं की स्वीकृति एक सतत और गतिशील प्रक्रिया है। इसलिए सटीक समय-सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती।
इसी प्रकार पूर्वोत्तर रेलवे में स्थित रेल नेटवर्क की लाइन क्षमता में वृद्धि और संवर्द्धन हेतु, 01.04.2025 तक पूर्वोत्तर रेलवे पर ₹20,466 करोड़ की लागत से कुल 1,253 किलोमीटर लंबाई की कुल 17 रेलवे अवसंरचना परियोजनाएँ (08 नई लाइन, 01 आमान परिवर्तन और 08 दोहरीकरण) स्वीकृत की गई हैं। इनमें से 354 किलोमीटर की लाइन चालू हो चुकी है और मार्च 2025 तक ₹10,486 करोड़ का व्यय हो चुका है। सारांश इस प्रकार है:
वर्ग
|
स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या
|
कुल लंबाई
(किलोमीटर)
|
कमीशन की गई लंबाई
मार्च 2025 तक (किलोमीटर)
|
मार्च 2025 तक कुल व्यय
(करोड़ में)
|
नई लाइन
|
8
|
656
|
48
|
4042
|
गेज रूपांतरण
|
1
|
56
|
0
|
260
|
दोहरीकरण / मल्टीट्रैकिंग
|
8
|
541
|
306
|
6184
|
कुल
|
17
|
1253
|
354
|
10486
|
पूर्वोत्तर रेलवे पर हाल ही में पूरी हुई कुछ परियोजनाओं का विवरण इस प्रकार है:
क्रम संख्या
|
परियोजना का नाम
|
नवीनतम लागत (करोड़)
|
1
|
ग़ाज़ीपुर सिटी-तारीघाट नई लाइन (17 किलोमीटर)
|
1766
|
2
|
इंदारा-दोहरीघाट आमान परिवर्तन (34 किमी)
|
213
|
3
|
लखनऊ-पीलीभीत आमान परिवर्तन (263 किमी)
|
1634
|
4
|
बलिया-गाजीपुर शहर दोहरीकरण (65 किमी)
|
650
|
5
|
औंरिहार-जौनपुर दोहरीकरण (60 किमी)
|
405
|
6
|
मल्हौर-डालीगंज दोहरीकरण (13 किमी)
|
183
|
7
|
रोजा-सीतापुर कैंट-बुढ़वल दोहरीकरण (181 किमी)
|
2094
|
8
|
वाराणसी-माधोसिंह-इलाहाबाद दोहरीकरण (120 किमी)
|
2018
|
9
|
ऐशबाग-मानकनगर दोहरीकरण (4 किमी)
|
82
|
पूर्वोत्तर रेलवे पर शुरू की गई कुछ मुख्य परियोजनाएं इस प्रकार हैं:
क्रम संख्या
|
परियोजना का नाम
|
लागत (करोड़)
|
1
|
आनंदनगर-घुघुली वाया महराजगंज नई लाइन (53 किमी)
|
958
|
2
|
एटा-कासगंज नई लाइन (29 किलोमीटर)
|
389
|
3
|
गोरखपुर कैंट-वाल्मीकि नगर दोहरीकरण (96 किमी)
|
1121
|
4
|
बाराबंकी-बुढ़वल तीसरी लाइन (27 किमी)
|
426
|
5
|
मनकापुर-टिकरी दोहरीकरण (28 किमी)
|
280
|
पिछले तीन वर्षों (2022-2023, 2023-2024, 2024-2025) और वर्त्तमान वित्त वर्ष के दौरान पूर्वोत्तर रेलवे पर कुल 1878 किलोमीटर लंबाई के 46 सर्वेक्षण (5 नई लाइन, 2 आमान परिवर्तन और 39 दोहरीकरण) स्वीकृत किए गए हैं।
रेलवे परियोजना/परियोजनाओं का पूरा होना विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है जैसे राज्य सरकार द्वारा शीघ्र भूमि अधिग्रहण, वन विभाग के अधिकारियों द्वारा वन मंजूरी, अतिक्रमणकारी उपयोगिताओं का स्थानांतरण, विभिन्न प्राधिकरणों से वैधानिक मंजूरी, क्षेत्र की भूवैज्ञानिक और स्थलाकृतिक स्थितियाँ, परियोजना/परियोजनाओं के क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति, किसी विशेष परियोजना स्थल के लिए वर्ष में कार्य महीनों की संख्या आदि। ये सभी कारक परियोजना/परियोजनाओं के पूरा होने के समय और लागत को प्रभावित करते हैं।
यह जानकारी केंद्रीय रेल, सूचना और प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
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पीके/ केसी/ एसके
(Release ID: 2153303)