कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
भविष्य की प्रौद्योगिकियों तथा रोजगार नियोजन में कौशल विकास
Posted On:
06 AUG 2025 3:53PM by PIB Delhi
कौशल भारत मिशन (एसआईएम) के अंतर्गत, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कौशल विकास केंद्रों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से कौशल, पुनः कौशल और अप-कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस), देश भर में समाज के सभी वर्गों को प्रशिक्षण प्रदान करता है।
एसआईएम का उद्देश्य भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना तथा उन्हें नए युग/भविष्य के कौशल सहित उद्योग प्रासंगिक कौशल से सुसज्जित करना है।
नए युग/भविष्य के कौशल एआई/एमएल, रोबोटिक्स, ईवी, डेटा सेंटर आदि में बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण कार्यक्रमों को संरेखित करने के लिए एमएसडीई ने निम्नलिखित विशिष्ट कदम उठाए हैं:
(i) पीएमकेवीवाई के अंतर्गत, आगामी बाजार मांग और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप, एआई/एमएल, रोबोटिक्स, ईवी, मेकाट्रॉनिक्स, ड्रोन तकनीक आदि जैसे क्षेत्रों में 200 से अधिक नए युग/भविष्य के कौशल वाली नौकरियों को उद्योग 4.0 आवश्यकताओं के साथ विशेष रूप से संरेखित किया गया है। पीएमकेवीवाई के अंतर्गत, 30 जून 2025 तक 4,32,712 उम्मीदवारों को ऐसे नए युग/भविष्य के कौशल वाली नौकरियों में प्रशिक्षित किया जा चुका है।
(ii) एनएपीएस के अंतर्गत, नए युग/भविष्य के कौशल से संबंधित व्यवसायों में प्रशिक्षुता के अवसर उपलब्ध हैं। एनएपीएस के अंतर्गत, 30 जून 2025 तक, 31,750 उम्मीदवारों को नए युग/भविष्य के कौशल से संबंधित 69 व्यवसायों में प्रशिक्षित किया गया है।
(iii) एमएसडीई के तत्वावधान में प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने 5जी नेटवर्क, एआई/एमएल, साइबर सुरक्षा, ड्रोन प्रौद्योगिकी आदि जैसे उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के तहत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) और राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में 31 नए युग/भविष्य कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। सीटीएस के तहत, सत्र 2022 से 2024 तक 52,882 उम्मीदवारों को नए युग/भविष्य कौशल पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित किया गया।
(iv) डीजीटी ने सीएसआर पहलों के तहत राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर संस्थानों के लिए उद्योग संपर्क स्थापित करने हेतु आईबीएम, सिस्को, फ्यूचर स्किल राइट्स नेटवर्क, अमेज़न वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) और माइक्रोसॉफ्ट जैसी आईटी प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। ये साझेदारियाँ आधुनिक तकनीकों में तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण के प्रावधान को सुगम बनाती हैं।
(v) सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में अहमदाबाद और मुंबई में स्थापित भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) उद्योग के लिए उद्योग-तैयार कार्यबल का एक पूल बनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, जो अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और व्यावहारिक प्रशिक्षण से सुसज्जित हैं।
एमएसडीई की योजनाओं में, 2015-16 से 2021-22 तक लागू किए गए पीएमकेवीवाई के पहले तीन संस्करणों (पीएमवीवाई 1.0, पीएमकेवीवाई 2.0 और पीएमकेवीवाई 3.0) में अल्पकालिक प्रशिक्षण घटक के अंतर्गत प्लेसमेंट पर नज़र रखी गई। पीएमकेवीवाई (1.0 से 3.0) के अंतर्गत, पूरे भारत में 24.38 लाख उम्मीदवारों को प्लेसमेंट मिलने की सूचना है।
पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत, प्रशिक्षित उम्मीदवारों को अपने विविध करियर पथ चुनने और उन्हें इसके लिए उपयुक्त रूप से उन्मुख करने के लिए सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके अलावा, स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) जैसे विभिन्न आईटी उपकरण भी यह अवसर प्रदान करते हैं। एमएसडीई ने एसआईडीएच को एक एकीकृत मंच के रूप में शुरू किया है जो जीवन भर सेवाओं की एक श्रृंखला प्रदान करने के लिए कौशल, शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता पारिस्थितिकी प्रणालियों को एकीकृत करता है।
प्रशिक्षित उम्मीदवारों का विवरण संभावित नियोक्ताओं से जुड़ने के लिए एसआईडीएच पोर्टल पर उपलब्ध है। एसआईडीएच के माध्यम से, उम्मीदवार नौकरियों और प्रशिक्षुता के अवसरों तक पहुँच प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रमाणित उम्मीदवारों को प्लेसमेंट के अवसर प्रदान करने के लिए रोज़गार मेले और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेले (पीएमएनएएम) का आयोजन किया गया है।
यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।
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पीके/केसी/एसजी
(Release ID: 2153213)