पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
संसद प्रश्न: डीप ओशन मिशन के लाभ
Posted On:
06 AUG 2025 3:39PM by PIB Delhi
केंद्र सरकार ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत डीप ओशन मिशन की शुरुआत की है। इस मिशन में छह कार्यक्षेत्र शामिल हैं, जिनमें से कार्यक्षेत्र 1 और कार्यक्षेत्र 4 के अंतर्गत गतिविधियां क्रमशः गहरे समुद्र में पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स (पीएमएन) और पॉलीमेटेलिक सल्फाइड्स (पीएमएस) का पता लगाने में मदद करती हैं। पीएमएन समुद्र तल के गहरे मैदानों में पाए जाते हैं और इनमें निकेल, तांबा, कोबाल्ट और मैंगनीज जैसी धातुएं होती हैं। पीएमएस हाइड्रोथर्मल वेंट क्षेत्रों में जमा होते हैं और इनमें तांबा, जस्ता, सीसा, लोहा, चांदी आदि जैसी बहुमूल्य धातुएं होती हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुद्र तल प्राधिकरण (आईएसए) के साथ भारत के अनुबंध के अनुसार, देश का लक्ष्य पीएमएन के लिए मध्य हिंद महासागर बेसिन में 75,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र और पीएमएस के लिए मध्य भारतीय रिज और दक्षिण-पश्चिम भारतीय रिज में 10,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वैज्ञानिक सर्वेक्षण और अन्वेषण गतिविधियां संचालित करना है। गहरे समुद्र सर्वेक्षणों के माध्यम से पीएमएन और पीएमएस में बहुमूल्य धातुओं की खोज रणनीतिक रूप से आईएसए के साथ देश के अनुबंध के अनुरूप है और भूमि संसाधनों के अलावा, सामूहिक धातु भंडारों के बारे में देश की जानकारी को बढ़ाती है।
नवीनतम निष्कर्षों में मानवयुक्त पनडुब्बी के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास, 2024 में अंडमान सागर में 1173 मीटर की गहराई से 100 किलोग्राम से अधिक कोबाल्ट-समृद्ध गहरे समुद्र के पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स के संग्रह का प्रदर्शन, मध्य हिंद महासागर में दो सक्रिय हाइड्रोथर्मल वेंट क्षेत्रों की पहचान और जलवायु परिवर्तन के कारण तटीय क्षेत्रों के लिए भेद्यता मानचित्रों का विकास शामिल है।
डीप ओशन मिशन के कार्यक्षेत्र 3 का उद्देश्य गहरे समुद्र की जैव विविधता के अन्वेषण और संरक्षण के लिए तकनीकी नवाचार करना है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का एक संबद्ध कार्यालय, सेंटर फॉर मरीन लिविंग रिसोर्सेज एंड इकोलॉजी (कोच्चि) ने अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में 19 समुद्री पर्वतों में जैव विविधता का सर्वेक्षण करते हुए छह क्रूज़ आयोजित किए हैं। कई (लगभग 1300) गहरे समुद्र के जीवों को एकत्रित कर उनका अध्ययन किया गया और दस्तावेज तैयार किया गया है, जिसमें चुनिंदा जीवों के लिए गहन जीनोमिक विश्लेषण और विज्ञान के लिए लगभग 23 नई प्रजातियों की खोज शामिल है।
भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्रतल प्राधिकरण के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके अंतर्गत देश का लक्ष्य मध्य हिंद महासागर बेसिन, मध्य भारतीय रिज और दक्षिण-पश्चिम भारतीय रिज में आवंटित क्षेत्रों में वैज्ञानिक सर्वेक्षण और अन्वेषण गतिविधियां संचालित करना है।
यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2153200)