सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
ई-साक्षी पोर्टल
ई-साक्षी वेब पोर्टल ने सांसदों की सिफारिशों, जिला प्राधिकरण की स्वीकृति और कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा निष्पादन के बीच सहज एकीकरण किया है
आज शुरू किया गया मोबाइल एप्लिकेशन सांसदों को योजना के अंतर्गत कार्यों की सिफारिश करने और निगरानी करने में सक्षम बनाता है
Posted On:
06 AUG 2025 4:33PM by PIB Delhi
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एमपीलैड योजना के अंतर्गत संशोधित निधि प्रवाह प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन के लिए 1 अप्रैल 2023 से भारतीय स्टेट बैंक के सहयोग से ई-साक्षी पोर्टल का शुभारंभ किया है। सांसदों की सिफारिशों, जिला प्राधिकरणों की स्वीकृतियों और कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा कार्यान्वयन को एक ही डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर एकीकृत करके, ई-साक्षी पोर्टल ने निधि जारी करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है, भौतिक खातों की आवश्यकता को समाप्त किया है, सभी हितधारकों के लिए संपूर्ण डिजिटल कार्यक्षमता को सक्षम किया है और सुरक्षित सत्यापन व्यवस्था के माध्यम से कार्यप्रवाह को सरल बनाया है। इन सुधारों से दक्षता, पारदर्शिता, वास्तविक-समय निगरानी और हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय में सुधार हुआ है, जिससे परियोजना निष्पादन में तेजी आई है और कार्यान्वयन के सभी स्तरों पर जवाबदेही मजबूत हुई है।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को ई-साक्षी पोर्टल पर सफलतापूर्वक शामिल और प्रशिक्षित किया जा चुका है। उपयोगकर्ता की जानकारी और प्लेटफ़ॉर्म के प्रभावी उपयोग को और बेहतर बनाने के लिए, मंत्रालय नियमित रूप से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों और माननीय सांसदों सहित हितधारकों के लिए कार्यशालाएँ, वेबिनार और व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करता है। ये क्षमता निर्माण पहल निरंतर जारी हैं और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त अनुरोधों के आधार पर आयोजित की जाती हैं, जिससे सभी स्तरों पर निरंतर समर्थन और सहभागिता सुनिश्चित होती है।
इसके अतिरिक्त, प्रत्येक संसद सत्र (2023 के मानसून सत्र से) के दौरान सांसदों को एमपीलैड्स से संबंधित प्रक्रियाओं और ई-साक्षी पोर्टल के उपयोग में सहायता के लिए कियोस्क स्थापित किए जाते हैं। संसद सत्रों के दौरान सभी कार्य दिवसों में सुबह 9:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक एक समर्पित हेल्पडेस्क संचालित होता है, जो सांसदों और अन्य हितधारकों को एमपीलैड्स निधि के सुचारू उपयोग को सुनिश्चित करने में सहायता प्रदान करता है। उपयोगकर्ताओं की और सहायता के लिए, मंत्रालय ने पोर्टल पर उपयोगकर्ता पुस्तिकाएँ और निर्देशात्मक वीडियो उपलब्ध कराए हैं।
ई-साक्षी वेब पोर्टल ने सांसदों की सिफ़ारिशों, ज़िला प्राधिकरण द्वारा मंज़ूरी और कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा कार्यान्वयन का सरल एकीकरण किया है; जिससे एक सुव्यवस्थित और कुशल कार्यप्रवाह संभव हुआ है। यह पोर्टल अनुकूलित लॉगिन, प्रगति रिपोर्ट और डैशबोर्ड के माध्यम से वास्तविक समय के आधार पर कार्यों की प्रगति की बेहतर दृश्यता भी प्रदान करता है। इससे एमपीलैड योजना के कार्य में दक्षता बढ़ी है, साथ ही प्रणाली में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही भी आई है। एक मोबाइल एप्लिकेशन भी शुरू किया गया है, जो सांसदों को योजना के अंतर्गत कार्यों की सिफ़ारिश और निगरानी करने में सक्षम बनाता है।
ई-साक्षी पोर्टल की निरंतर समीक्षा और नियमित अद्यतन किया जाता है। मंत्रालय विभिन्न हितधारकों से प्राप्त फीडबैक का नियमित रूप से मूल्यांकन करता है और पोर्टल की उपयोगिता में सुधार तथा इसके सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक संशोधन करता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि पोर्टल अपने संचालन में उत्तरदायी और कुशल बना रहे।
एमपीएलएडीएस दिशानिर्देश, 2023 में जिला प्राधिकरणों और कार्यान्वयन एजेंसियों के लिए समय-सीमा निर्धारित करने के विशिष्ट प्रावधान हैं, ताकि माननीय सांसदों द्वारा अनुशंसित कार्यों की समय पर स्वीकृति, निष्पादन और पूर्णता सुनिश्चित की जा सके, जैसा कि नीचे दिया गया है:
- पैरा-3.2.4: संसद सदस्य द्वारा की गई सभी सिफारिशों के संबंध में स्वीकृति/अस्वीकृति कार्यान्वयन जिला प्राधिकरण द्वारा सिफारिशें प्राप्त होने की तिथि से 45 दिनों के भीतर जारी की जाएगी।
- पैरा-3.2.12: कार्यान्वयन जिला प्राधिकरण द्वारा जारी स्वीकृति पत्र में कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा कार्य पूरा करने की समय-सीमा निर्धारित की जाएगी, जो सामान्यतः एक वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। असाधारण मामलों में, उदाहरण के लिए, कठिन/पहाड़ी क्षेत्रों आदि में, जहाँ कार्यान्वयन समय एक वर्ष से अधिक होने की संभावना हो, स्वीकृति पत्र में इसके लिए विशिष्ट औचित्य शामिल किया जाएगा।
- पैरा 10.6.1: कार्यान्वयन जिला प्राधिकरण यह सुनिश्चित करेगा कि सभी कार्य, जो विधिवत स्वीकृत हैं, उसके पद छोड़ने की तिथि से 18 महीने के भीतर पूरे हो जाएं।
इसके अलावा, मंत्रालय एमपीलैड योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित करता है। निष्पक्ष निगरानी के लिए, लंबित कार्यों पर नियमित अपडेट राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किए जाते हैं, जिनमें 45 दिनों से अधिक समय से स्वीकृत नहीं किए गए कार्यों, स्वीकृति के एक वर्ष बाद भी पूरे नहीं हुए कार्यों और स्वीकृति के तीन महीने बाद भी भुगतान न किए गए कार्यों का विवरण शामिल है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), योजना मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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पीके/केसी/एमकेएस/
(Release ID: 2153173)