महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय जन शिकायतों के निवारण में सहायता कर रहा है

Posted On: 06 AUG 2025 4:11PM by PIB Delhi

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पोर्टल के माध्यम से 1 अगस्त 2023 से 31 जुलाई 2025 तक पिछले 2 वर्षों के दौरान 15761 लोक शिकायतें प्राप्त की हैं, 414 शिकायतें आगे लाई हैं (पिछली लंबित) और 15782 लोक शिकायतों का निपटारा किया है।

केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) एक ऑनलाइन मंच है जो नागरिकों को सेवा वितरण से संबंधित किसी भी विषय पर सार्वजनिक प्राधिकारियों के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए 24x7 उपलब्ध है। यह भारत सरकार एवं राज्य सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों से जुड़ा एक एकल पोर्टल है। प्रत्येक मंत्रालय और राज्य को इस प्रणाली के अंतर्गत भूमिका-आधारित पहुंच प्राप्त है। सीपीजीआरएएमएस नागरिकों के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किए जा सकने वाले स्टैंडअलोन मोबाइल एप्लीकेशन तथा उमंग (UMANG) के साथ एकीकृत मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से भी उपलब्ध है।

सीपीजीआरएएमएस में दर्ज शिकायत की स्थिति को शिकायतकर्ता के पंजीकरण के समय प्रदान की गई विशिष्ट पंजीकरण आईडी से ट्रैक किया जा सकता है। यदि नागरिक शिकायत अधिकारी द्वारा किए गए समाधान से संतुष्ट नहीं हैं तो सीपीजीआरएएमएस उन्हें अपील की सुविधा भी प्रदान करता है। शिकायत निपटान के बाद यदि शिकायतकर्ता समाधान से संतुष्ट नहीं है तो वह फीडबैक दे सकता है।

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय का प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग, केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पोर्टल का प्रबंधन करने एवं देश में नागरिक-केंद्रित शासन के लिए नीतिगत दिशानिर्देश तैयार करने वाली नोडल एजेंसी है। देश में किसी भी सरकारी संगठन के विरुद्ध कोई भी शिकायत यहां दर्ज कराई जा सकती है, जो तत्काल निवारण के लिए संबंधित मंत्रालय/विभाग/राज्य सरकार के पास जाएगी। सीपीजीआरएएमएस में लंबित शिकायतों और उनके निवारण की गुणवत्ता की उच्च स्तर पर नियमित रूप से समीक्षा की जाती है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मिशन शक्ति के अंतर्गत महिला हेल्पलाइन (181) आपातकालीन और गैर-आपातकालीन दोनों स्थितियों में महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए 24 घंटे टोल-फ्री दूरसंचार सेवाएं प्रदान करती है। महिला हेल्पलाइन (डब्ल्यूएचएल) के माध्यम से देश भर में 1.06 करोड़ से अधिक महिलाओं को इसकी शुरुआत से यानी दिनांक 01.04.2015 से 30.06.2025 तक सहायता प्रदान की गई है। आपातकालीन प्रतिक्रिया और आउटरीच सेवा टोल-फ्री चाइल्ड हेल्पलाइन (#1098) के माध्यम से प्रदान की जाती है, जो कठिन परिस्थितियों में बच्चों के लिए 24x7x365 सेवा है। इसे गृह मंत्रालय की आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली-112 (ईआरएसएस-112) हेल्पलाइन और महिला हेल्पलाइन (181) के साथ एकीकृत किया गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मिशन वात्सल्य पोर्टल पर चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से दर्ज मामलों की जानकारी उपलब्ध है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 01 मार्च 2021 को एक महत्वपूर्ण शासन उपकरण के रूप में ‘पोषण ट्रैकर’ एप्लिकेशन भी शुरू किया है। पोषण ट्रैकर परिभाषित संकेतकों पर सभी आंगनवाड़ी केंद्रों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और लाभार्थियों की निगरानी और ट्रैकिंग की सुविधा प्रदान करता है। आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण वितरण सहायता प्रणालियों को सुदृढ़ बनाने एवं उनमें पारदर्शिता लाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी प्रणालियों का लाभ उठाया गया है। पोषण ट्रैकर के अंतर्गत प्रौद्योगिकी का उपयोग बच्चों में बौनेपन, दुर्बलता और कम वजन की व्यापकता की गतिशील पहचान के लिए किया जा रहा है। इसने आंगनवाड़ी सेवाओं जैसे दैनिक उपस्थिति, ईसीसीई, गर्म पका हुआ भोजन (एचसीएम) / टेक होम राशन (टीएचआर-कच्चा राशन नहीं), विकास माप आदि के लिए लगभग वास्तविक समय पर डेटा संग्रह की सुविधा प्रदान की है।

पोषण वितरण की अंतिम लाभार्थी तक पहुँच के लिए मंत्रालय ने टेक-होम राशन के वितरण के लिए फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) विकसित किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभ केवल पोषण ट्रैकर में पंजीकृत लाभार्थी को ही मिले। क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की जवाबदेही को मजबूत करने और पात्र लाभार्थियों को उनके उचित अधिकार प्राप्त करने हेतु सशक्त बनाने के लिए एफआरएस लागू किया गया है। 01 जुलाई, 2025 से टीएचआर के वितरण के लिए एफआरएस को अनिवार्य कर दिया गया है।

मिशन सक्षम आंगनवाड़ी एवं पोषण 2.0, पीएम केयर्स एवं पीएमएमवीवाई के अंतर्गत नागरिकों/लाभार्थियों को शिकायत निवारण की सुविधा प्रदान करने के लिए मंत्रालय ने टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 14408 के साथ एक वास्तविक कॉल सेंटर स्थापित किया है। शिकायतों की लंबित स्थिति जिला एवं राज्य स्तर के अधिकारियों को पोषण ट्रैकर के उनके संबंधित लॉगिन में भी दिखाई देती है। पोषण हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों का समाधान कॉल सेंटर कार्यकारी द्वारा किया जाता है या निवारण के लिए संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/पर्यवेक्षक/बाल विकास परियोजना अधिकारी को स्थानांतरित कर दिया जाता है। इन शिकायतों को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन में तथा पर्यवेक्षकों और बाल विकास परियोजना अधिकारियों द्वारा डैशबोर्ड में देखा और हल किया जा सकता है। अभी तक, हेल्पलाइन का उपयोग मिशन पोषण 2.0 (इनबाउंड और आउटबाउंड कॉल), पीएमएमवीवाई (इनबाउंड कॉल) और बच्चों के लिए पीएम केयर्स (आउटबाउंड कॉल) के लिए किया जा रहा है।

पीएमएमवीवाई हेल्पलाइन नंबर 14408 के माध्यम से - पीएमएमवीवाई हेल्पलाइन एजेंट आवेदक की ओर से शिकायत दर्ज करते हैं। शिकायत दर्ज होने के बाद आवेदक को एक एसएमएस प्राप्त होता है। निवारण मॉड्यूल पर पंजीकृत शिकायतों को सीधे राज्य/संघ राज्य क्षेत्रमें संबंधित कार्यकर्ताओं को सौंप दिया जाता है। राज्य नोडल अधिकारी (एसएनओ) के स्तर पर लंबित आवेदनों को एसएनओ को सौंप दिया जाता है। अन्य सभी आवेदन संबंधित स्वीकृति अधिकारी (एसओ) को सौंप दिए जाते हैं। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 30 दिनों के भीतर शिकायतों का समाधान करने का निर्देश दिया गया है।

यह जानकारी महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती सावित्री ठाकुर ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।

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