आयुष
एनएमपीबी द्वारा जनजातीय जिलों में औषधीय पौधों की खेती और प्रसंस्करण के लिए सहायता
Posted On:
05 AUG 2025 4:59PM by PIB Delhi
आयुष मंत्रालय का राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) देश भर में औषधीय पौधों के संरक्षण, विकास और स्थाई प्रबंधन के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र योजना चला रहा है। इस योजना का उद्देश्य देश भर में विभिन्न गतिविधियों के लिए पूरे देश में परियोजना-आधारित सहायता प्रदान करना है। "औषधीय पौधों की आपूर्ति श्रृंखला में अग्रगामी और पश्चगामी संबंध" इस केंद्रीय क्षेत्र योजना का एक घटक है, जिसके तहत निम्नलिखित गतिविधियों का समर्थन किया जाता है:
- गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री के लिए अवसंरचनाः खेती के लिए औषधीय पौधों की रोपण सामग्री तैयार करना।
- सूचना, शिक्षा, संचार (आईईसी) गतिविधियाः किसानों को जागरूक करना।
- फसल कटाई के बाद प्रबंधन और विपणन के लिए अवसंरचनाः औषधीय पौधों की विपणन क्षमता बढ़ाना, उपज का मूल्य संवर्धन करना, लाभप्रदता बढ़ाना और नुकसान कम करना।
- कच्चे माल का गुणवत्ता परीक्षण और प्रमाणिककरण।
अब तक आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) ने जनजातीय जिलों सहित पूरे देश में "औषधीय पौधों की आपूर्ति श्रृंखला में अग्रगामी और पश्चगामी संबंध (एकीकृत घटक)" के तहत 9 परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मिजोरम और उत्तराखंड जैसे राज्यों को और वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान गुजरात, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों को परियोजना आधारित सहायता प्रदान की गई।
"औषधीय पौधों की आपूर्ति श्रृंखला में अग्रगामी एवं पश्चगामी संबंध (एकीकृत घटक)" के तहत समर्थित परियोजनाओं के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 371 किसानों (जन-जातीय किसानों सहित) और वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 1635 किसानों (जन-जातीय किसानों सहित) को तकनीकी सहायता प्रदान की गई। इसका विस्तृत विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच)- एक केंद्र प्रायोजित योजना के तहत कम अवधि के औषधीय पौधों के क्षेत्र विस्तार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। लागत मानदंडो और सहायता के पैटर्न का विवरण अनुलग्नक-II में दिया गया है ।
जनजातीय कार्य मंत्रालय के भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास फेडरेशन (ट्राइफेड) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन और प्रधानमंत्री- जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान योजना के तहत जनजातीय समुदायों द्वारा एकत्र किए गए वन और कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और विपणन में सहायता की जाती है।
एकीकृत घटक के तहत स्वीकृत परियोजना गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय रोज़गार का सृजन किया गया, जहां समुदाय के सदस्यों को नर्सरी विकास के लिए पॉलीपॉट्स भरने में लगाया गया, जिससे विशेष रूप से महिलाओं को अल्पकालिक आय प्राप्त हुई। ग्रामीण संग्रहण केंद्र के निर्माण के लिए स्थानीय कुशल श्रमिकों और अकुशल श्रमिकों को काम पर रखा गया। इन प्रयासों से प्रत्यक्ष आय सृजन हुआ और जमीनी स्तर पर समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला।
अनुलग्नकों को देखने के लिए यहां क्लिक करें।
केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव ने यह जानकारी आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
****
पीके/केसी/आईएम/एसवी
(Release ID: 2152707)