इस्पात मंत्रालय
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस्पात आयात पर निर्भरता कम करना
Posted On:
05 AUG 2025 4:17PM by PIB Delhi
इस्पात एक विनियमन-मुक्त क्षेत्र है और सरकार देश में इस्पात क्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल नीतिगत वातावरण बनाकर एक सुविधाप्रदाता के रूप में कार्य करती है। आयात और निर्यात संबंधी निर्णय इस्पात कंपनियाँ तकनीकी-व्यावसायिक विचारों और बाज़ार की गतिशीलता के आधार पर लेती हैं।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान भारत का तैयार इस्पात उत्पादन और निर्यात 146.69 मिलियन टन और 4.86 मिलियन टन था।
सरकार ने इस्पात आयात में कमी लाने और आयात पर निर्भरता कम करने हेतु घरेलू इस्पात निर्माताओं की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार हेतु निम्न कदम उठाए हैं:-
- सरकारी खरीद के लिए 'मेड इन इंडिया' इस्पात को बढ़ावा देने हेतु घरेलू रूप से निर्मित लौह एवं इस्पात उत्पाद (डीएमआई एवं एसपी) नीति का कार्यान्वयन।
- II. देश में 'स्पेशल्टी स्टील' के निर्माण को बढ़ावा देने और पूंजी निवेश को आकर्षित करके आयात को कम करने हेतु स्पेशल्टी स्टील के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का शुभारंभ।
- इस्पात गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू करके घरेलू बाजार में घटिया/दोषपूर्ण इस्पात उत्पादों के साथ-साथ आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है ताकि उद्योग, उपयोगकर्ताओं और लोगो को गुणवत्तापूर्ण इस्पात की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
- IV. केंद्रीय बजट 2024-25 में घरेलू निर्माताओं को समर्थन देने और घरेलू इस्पात निर्माण को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित उपाय किए गए:-
- इस्पात उद्योग के लिए कच्चे माल, फेरो-निकेल और मोलिब्डेनम अयस्कों और सांद्रों पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) 2.5 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है।
- फेरस स्क्रैप पर बीसीडी छूट 31.03.2026 तक जारी रहेगी।
- कोल्ड रोल्ड ग्रेन ओरिएंटेड (सीआरजीओ) स्टील के निर्माण हेतु निर्दिष्ट कच्चे माल पर छूट 31.3.2026 तक जारी रहेगी। इसके अतिरिक्त टैरिफ मद 7226 11.00 के अंतर्गत आने वाले सीआरजीओ स्टील के निर्माण हेतु निर्दिष्ट कच्चे माल पर भी छूट बढ़ा दी गई है।
कुछ स्टील उत्पादों जैसे सीमलेस ट्यूब, पाइप और लौह, मिश्र धातु या गैर-मिश्र धातु स्टील (कास्ट आयरन और स्टेनलेस स्टील को छोड़कर) (चीन पीआर से), इलेक्ट्रो-गैल्वेनाइज्ड स्टील (कोरिया आरपी, जापान, सिंगापुर से), स्टेनलेस स्टील सीमलेस ट्यूब और पाइप (चीन पीआर से), वेल्डेड स्टेनलेस स्टील पाइप और ट्यूब (वियतनाम और थाईलैंड से) पर एंटी डंपिंग ड्यूटी (एडीडी) उपाय वर्तमान में लागू हैं।
चीन और वियतनाम से वेल्डेड स्टेनलेस स्टील पाइप और ट्यूब पर काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) लागू है।
सरकार ने कुछ गैर-मिश्र धातु और मिश्र धातु इस्पात के चपटे उत्पादों के आयात पर 200 दिनों के लिए 12 प्रतिशत की दर से प्रोविशनल सुरक्षा शुल्क लगाया है।
इस्पात आयात निगरानी प्रणाली (एस आई एम एस) को नया रूप दिया गया है और घरेलू इस्पात उद्योग की चिंताओं को दूर करने हेतु आयातों की अधिक प्रभावी निगरानी हेतु 25.07.2024 को एस आई एम एस के दूसरे चरण का शुभारंभ किया गया।
यह जानकारी इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री श्री एच.डी. कुमारस्वामी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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