मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
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तमिलनाडु में मछुआरिनें

Posted On: 05 AUG 2025 4:07PM by PIB Delhi

मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार तमिलनाडु सहित सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25 के दौरान 20,050 करोड़ रुपए के अनुमानित निवेश से  प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) का कार्यान्वयन कर रहा है। PMMSY का उद्देश्य मछुआरों और मत्स्य किसानों के कल्याण सहित मात्स्यिकी क्षेत्र का चहुमुंखी  विकास करना है, और इसे मत्स्य उत्पादन, उत्पादकता और गुणवत्ता से लेकर प्रौद्योगिकी, पोस्ट-हारवेस्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर और मारकेटिंग आदि तक मात्स्यिकी वैल्यू चैन में महत्वपूर्ण कमियों (क्रिटिकल गैप्स)  को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। तमिलनाडु सरकार से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर, 2020-2025 के दौरान तमिलनाडु के लिए PMMSY के अंतर्गत 451.55 करोड़ रुपए के केंद्रीय शेयर  के साथ कुल 1158.54 करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। तमिलनाडु सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, PMMSY के अंतर्गत स्वीकृत परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए राज्य द्वारा कुल केंद्रीय शेयर में से 258.46 करोड़ रुपए का उपयोग किया गया है ।

मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार तटीय समुदायों, विशेषकर महिला लाभार्थियों की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए तमिलनाडु सहित तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में PMMSY के अंतर्गत समुद्री शैवाल (सी वीड़)  की खेती को एक प्राथमिकता वाली गतिविधि के रूप में बढ़ावा दे रहा है। यह सब्सिडी समुद्री शैवाल की खेती के लिए राफ्ट, मोनोलाइन और सीड सामग्री की खरीद पर भी लागू है। 2020-21 से 2024-25 तक, महिला लाभार्थियों सहित तमिलनाडु के मछुआरों को PMMSY के अंतर्गत 8595 राफ्ट के लिए 77.31 लाख रुपए और 2580 मोनोलाइन के लिए 123.84 लाख रुपए जारी किए गए हैं। भारत सरकार की योजनाओं के अंतर्गत, 2018-19 के दौरान 750 मछुआरा महिलाओं को समुद्री शैवाल की खेती के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी दिए गए हैं। मत्स्यपालन विभाग, भारत सरकार ने 12.12.2022 को समुद्री शैवाल की खेती और इसकी वैल्यू चैन को सहायता प्रदान करने के लिए PMMSY के अंतर्गत 127.71 करोड़ रुपए की परियोजना लागत से तमिलनाडु में एक मल्टीपरपस सी वीड़  पार्क को मंजूरी दी है। इस समुद्री सी वीड़ पार्क में 8,821 लोगों को विभिन्न गतिविधियों में शामिल करके उनकी आजीविका को बढ़ावा देने की परिकल्पना की गई है। इस पहल से 18,000 मछुआरों, विशेषकर महिलाओं और उनके स्व सहायता समूहों तथा FFPOs के लिए रोजगार सृजित होने की आशा  है।

तमिलनाडु सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, विगत पाँच वर्षों (2020-21 से 2024-25) के दौरान, तमिलनाडु में PMMSY के अंतर्गत महिलाओं और महिला स्व-सहायता समूहों सहित 1,83,264 मछुआरे/मत्स्य किसान लाभान्वित हुए हैं। 2020-21 से 2024-25 तक, आइस प्लांट्स के निर्माण के लिए 6 लाभार्थियों को 334.55 लाख रुपए, इंसुलेटेड वाहनों के लिए 182 लाभार्थियों को 15.06 करोड़ रुपए, और रेफ्रिजरेटेड वाहनों के लिए 10 लाभार्थियों को 1.44 करोड़ रुपए सब्सिडी के रूप में जारी किए गए हैं। तमिलनाडु सरकार ने यह भी सूचित किया है कि PMMSY योजना के अंतर्गत, राज्य सरकार प्रत्येक घटक के अंतर्गत लिंग-आधारित लाभों का मूल्यांकन नहीं करती है। इस संबंध में, जिला स्तरीय अधिकारी विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों पर नियमित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। इसके आधार पर लाभार्थियों (पुरुष और महिला दोनों) का उनकी इच्छा के आधार पर चयन किया जाता है और संबंधित जिला अधीनस्थ कार्यालय के माध्यम से PMMSY योजना के पसंदीदा घटकों के अंतर्गत उन्हें लाभान्वित किया जाता है।

यह जानकारी मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री, श्री जॉर्ज कुरियन ने ५ अगस्त २०२५ को लोक सभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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(Release ID: 2152511)
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