मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

केंद्रीय मत्स्यपालन मंत्री ने पश्चिम बंगाल से एनएफडीबी पंजीकरण को तेज करने, प्रसंस्करण एवं अंतर्देशीय मछली निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया

Posted On: 02 AUG 2025 4:27PM by PIB Delhi

केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने आज पश्चिम बंगाल में मत्स्यपालन योजनाओं के कार्यान्वयन में अंतर को पाटने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने विशेष रूप से राष्ट्रीय मत्स्यपालन विकास बोर्ड (एनएफडीबी) में मत्स्य किसानों के कम पंजीकरण की समस्या का समाधान करने की आवश्यकता पर बल दिया।

कोलकाता में आयोजित मत्स्यपालन विभाग की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्य के 32 लाख मत्स्य किसानों में से केवल एक भाग ही वर्तमान में एनएफडीबी में पंजीकृत है, जिससे उनको पीएम मत्स्य किसान समृद्धि योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) जैसी योजनाओं के अंतर्गत प्राप्त होने वाले केंद्रीय लाभों तक पहुंचने में बाधा होती है।

मंत्री ने राज्य में अंतर्देशीय मत्स्यपालन की अप्रयुक्त क्षमता पर बल दिया और पारंपरिक जल निकायों (पुकुर) या तालाब का बेहतर उपयोग, मछुआरों के लिए सहकारी संरचनाओं का विकास और एक मजबूत प्रसंस्करण पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण का आह्वान किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल में स्थानीय रोजगार एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विकसित शुष्क मछली क्लस्टर की स्थापना की योजनाओं का भी संकेत दिया। नई तकनीकों पर बल देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सतत विकास के लिए नई तकनीकें, बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं और कृत्रिम रीफ़ जैसी पहलों का पुनरुद्धार बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मत्स्य उत्पादक देश है, जहां मछली उत्पादन में 104% की वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दशक में अंतर्देशीय मछली उत्पादन में 142% की वृद्धि हुई है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि मत्स्य निर्यात में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी में सुधार लाने की आवश्यकता है।

बैठक में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन और भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी भी उपस्थित हुए। दोनों ने मत्स्यपालन से संबंधित योजनाओं के लिए संस्थागत समर्थन, केंद्र-राज्य समन्वय एवं कुशल वितरण तंत्र के महत्व पर बल दिया।

कोलकाता शहर के एक होटल में आयोजित क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में चार पूर्वी राज्यों पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में प्रमुख मत्स्य पालन योजनाओं की प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत सरकार के मत्स्य विभाग और सहभागी राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतियां और संक्षिप्त जानकारी प्रदान की गई।

इस सत्र का उद्देश्य प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), मत्स्यपालन और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ), किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) और पीएम-एमकेएसएसवाई जैसी योजनाओं के जमीनी कार्यान्वयन का आकलन करना तथा क्षेत्र में बेहतर परिणामों के लिए रोडमैप तैयार करना था।

 

***

पीके/एके/केसी/एके/डीए

 


(Release ID: 2151856)
Read this release in: English , Bengali , Tamil