पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय
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राष्ट्रीय जलमार्गों पर बुनियादी ढांचे का संवर्धन

Posted On: 01 AUG 2025 4:51PM by PIB Delhi

केंद्र सरकार ने पिछले 5 वर्षों के दौरान राष्ट्रीय जलमार्गों पर बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए 6833.46 करोड़ रुपये के महत्वपूर्ण निवेश को अनुमति दी है।

गत पांच वर्षों के दौरान जलमार्गों पर स्वीकृत निवेश का विवरण:

क्रम.

परियोजना का नाम

राशि
(करोड़ में)

 

 

1

उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय जलमार्ग-1 (गंगा-भागीरथी-हुगली नदी प्रणाली) पर वाराणसी-हल्दिया खंड से जल मार्ग विकास परियोजना (जेएमवीपी-I और II)

5061.15

 

2

8 हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कैटामारन (ग्रीन अंतर्देशीय जहाज)

144.00

 

3

असम में राष्ट्रीय जलमार्ग-2 (बांग्लादेश सीमा से धुबरी से सदिया तक ब्रह्मपुत्र नदी) का व्यापक विकास

498.38

 

4

पांडु पोर्ट टर्मिनल से एनएच-27 तक पहुंच मार्ग का विकास और पांडु, गुवाहाटी में जहाज मरम्मत सुविधा

419.00

 

5

राष्ट्रीय जलमार्ग-16 का व्यापक विकास

134.72

 

7

23 राष्ट्रीय जलमार्गों का विकास (चरण-1)

266.09

 

8

पूर्वोत्तर क्षेत्र में अंतर्देशीय जलमार्ग अवसंरचना परियोजनाओं के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना (सीएसएस)

100.00

 

9.

विविध परियोजनाएं

210.22

 

राष्ट्रीय जलमार्गों का विकास, परिवहन का एक वैकल्पिक और पूरक साधन होने के नाते, परिवहन दक्षता में सुधार कर सकता है और क्षेत्रों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहन दे सकता है।

जल मार्ग विकास परियोजना के अंतर्गत, पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में गंगा नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग-1) के किनारे रहने वाले किसानों, मछुआरों और स्थानीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक लाभ के लिए 60 सामुदायिक जेटी का निर्माण कार्य शुरू किया है। इसके अलावा, इन नदियों के आसपास रहने वाले समुदायों की सुविधा के लिए देश भर के अन्य राष्ट्रीय जलमार्गों पर तैरते जेटी/टर्मिनल बनाए गए हैं।

आईडब्ल्यूएआई ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) को आठ हाइब्रिड इलेक्ट्रिक कटमरैन के निर्माण का ऑर्डर दिया है। इसके अतिरिक्त, सीएसएल द्वारा निर्मित एक हाइड्रोजन ईंधन चालित पोत आईडब्ल्यूएआई को सौंप दिया गया है और उसे वाराणसी में तैनात किया गया है।

अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) क्षेत्र के विकास में रोजगार के अवसर सृजित करने और विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास को प्रोत्साहन देने की क्षमता है, जिसमें नदी क्रूज पर्यटन, पोत डिजाइन/संचालन, टर्मिनल निर्माण और संचालन, रखरखाव ड्रेजिंग, फेयरवे विकास, नेविगेशन सहायता, नदी इंजीनियरिंग, जल विज्ञान आदि सम्मिलित हैं।

केंद्रीय पोत, पत्तन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने यह जानकारी लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी ।

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पीके/एके/केसी/एजे


(Release ID: 2151507)
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