इस्‍पात मंत्रालय
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घरेलू इस्पात उत्पादन को प्रोत्साहन

Posted On: 01 AUG 2025 4:53PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री गति शक्ति और राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन का उद्देश्य बुनियादी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित क्रियान्वयन सुनिश्चित करना तथा भारत में उच्च गुणवत्ता वाली बुनियादी ढांचा प्रदान करना है। इस्पात एक विनियमन-मुक्त क्षेत्र है और सरकार इस्पात क्षेत्र के विकास हेतु अनुकूल नीतिगत वातावरण तैयार करने में सहायक के रूप में कार्य करती है। इस्पात संयंत्र स्थापित करने के निर्णय उद्योग द्वारा तकनीकी-व्यावसायिक पहलुओं, जैसे बाजार की मांग, कच्चे माल की उपलब्धता, रसद आवश्यकताओं आदि के आधार पर लिए जाते हैं। कोई इस्पात उत्पादन क्लस्टर प्रस्तावित या स्थापित नहीं किया गया है। इस्पात क्षेत्र के विकास के लिए, सरकार ने निम्नलिखित उपाय किए हैं:-

  1. सरकारी खरीद के लिए 'मेड इन इंडिया' इस्पात को प्रोत्साहन देने के लिए घरेलू स्तर पर निर्मित लौह एवं इस्पात उत्पाद (डीएमआई एवं एसपी) नीति का कार्यान्वयन
  2. देश के भीतर 'स्पेशलिटी स्टील' के विनिर्माण को प्रोत्साहन देने और पूंजी निवेश को आकर्षित करके आयात को कम करने के लिए स्पेशलिटी स्टील के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का शुभारंभ
  3. केन्द्रीय बजट में बुनियादी ढांचे के विस्तार पर जोर दिया गया है, जिससे इस्पात की खपत में वृद्धि हुई है।
  4. इनपुट लागत को कम करने के लिए फेरो-निकेल और फेरस स्क्रैप जैसे कच्चे माल के आयात पर मूल सीमा शुल्क में अंशांकन।
  5. घरेलू इस्पात उद्योग को आयात पर विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने के लिए आयात की निगरानी हेतु इस्पात आयात निगरानी प्रणाली (एसआईएमएस) का पुनर्गठन।

हरित इस्पात प्रौद्योगिकियों को अपनाने और प्रोत्साहन देने की वर्तमान स्थिति तथा कार्बन-गहन विधियों से संक्रमण में उद्योग की सहायता के लिए उपलब्ध प्रोत्साहन इस प्रकार हैं:-

  1. इस्पात मंत्रालय ने कम उत्सर्जन वाले इस्पात को परिभाषित करने और वर्गीकृत करने के लिए मानक प्रदान करने हेतु हरित इस्पात के लिए वर्गीकरण जारी किया है।
  2. इस्पात मंत्रालय ने भारत में इस्पात क्षेत्र को हरित बनाना: रोडमैप और कार्य योजनाशीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है, जो वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य लक्ष्य की ओर हरित इस्पात और स्थिरता के लिए भविष्य की कार्ययोजना प्रदान करती है।
  3. इस्पात मंत्रालय को राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अंतर्गत वित्त वर्ष 2029-30 तक इस्पात क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन के उपयोग हेतु पायलट परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु 455 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस्पात मंत्रालय ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत इस्पात क्षेत्र में हाइड्रोजन के उपयोग हेतु पायलट परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु पांच पायलट परियोजनाएं प्रदान की हैं।
  1. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जनवरी, 2010 में शुरू किया गया राष्ट्रीय सौर मिशन सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन देता है।
  2. विद्युत मंत्रालय द्वारा 28 जून, 2023 को कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना (सीसीटीएस) अधिसूचित की गई है , जो भारतीय कार्बन बाजार के कामकाज के लिए एक समग्र रूपरेखा प्रदान करती है।

केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने यह जानकारी राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

 

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