स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय
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मानसिक स्वास्थ्य देखभाल में सुधार के लिए उठाए गए कदम


राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम घटक को 767 जिलों में कार्यान्वयन के लिए मंजूरी दी गई है

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तृतीयक देखभाल घटक के तहत, मानसिक स्वास्थ्य विशिष्टसताओं में स्नातकोत्तर विभागों में छात्रों का प्रवेश बढ़ाने और तृतीयक स्तर की उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए 25 उत्कृष्टता केंद्रों को मंजूरी दी गई

36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 53 टेली मानस प्रकोष्ठ स्थापित किए हैं और टेली मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं आरंभ की हैं; हेल्पलाइन नंबर पर 23,82,000 से अधिक कॉलों का समाधान किया गया

Posted On: 01 AUG 2025 2:27PM by PIB Delhi

सरकार देश में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) का क्रियान्वयन कर रही है। एनएमएचपी के जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) घटक को 767 जिलों में क्रियान्वयन हेतु स्वीकृत किया गया है, जिसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता प्रदान की जाती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्तर पर डीएमएचपी के अंतर्गत उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं में बाह्य रोगी सेवाएं, मूल्यांकन, परामर्श/मनो-सामाजिक युक्तियां, गंभीर मानसिक विकारों से ग्रस्त व्यक्तियों की निरंतर देखभाल और सहायता, दवाइयां, आउटरीच सेवाएं, एम्बुलेंस सेवाएं आदि शामिल हैं। उपरोक्त सेवाओं के अतिरिक्त, जिला स्तर पर 10 बिस्तरों वाली आंतरिक रोगी सुविधा केंद्र का प्रावधान है।

एनएमएचपी के तृतीयक देखभाल घटक के अंतर्गत, मानसिक स्वास्थ्य विशिष्‍टताओं में स्नातकोत्तर विभागों में छात्रों की संख्या बढ़ाने और तृतीयक स्तर की उपचार सुविधाएं प्रदान करने के लिए 25 उत्कृष्टता केंद्रों को मंजूरी दी गई है। इसके अतिरिक्‍त, सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य विशिष्‍टताओं में 47 स्नातकोत्तर विभागों को सुदृढ़ करने के लिए 19 सरकारी मेडिकल कॉलेजों/संस्थानों को भी सहायता प्रदान की है।

भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्तमान में,                69 संस्थानों/विश्वविद्यालयों को नैदानिक मनोविज्ञान में एम.फिल., व्यावसायिक डिप्लोमा, साइकोलॉजी में डॉक्टरेट (डॉक्टर ऑफ साइकोलॉजी) जैसे पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए आरसीआई द्वारा अनुमोदित किया गया है और 9 संस्थानों/विश्वविद्यालयों को पुनर्वास मनोविज्ञान में एम.फिल. (पुनर्वास मनोविज्ञान) जैसे पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए आरसीआई द्वारा अनुमोदित किया गया है। परिषद ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 से नैदानिक मनोविज्ञान में दो और प्रोग्राम, अर्थात बी.एससी. (नैदानिक मनोविज्ञान) और एमए (नैदानिक मनोविज्ञान) भी आरंभ किए हैं।

सरकार डिजिटल अकादमियों के माध्यम से सामान्य स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सा और पैरा मेडिकल पेशेवरों की विभिन्न श्रेणियों को ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रदान करके देश के वंचित क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के लिए श्रमबल की उपलब्धता भी बढ़ा रही है।

मानसिक बीमारी के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए, समुदाय, स्कूलों, कार्यस्थलों में सामुदायिक भागीदारी के साथ सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) कार्यकलाप और जागरूकता सृजन कार्यकलाप एनएमएचपी के अभिन्न अंग हैं।

जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (डीएमएचपी) को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत देश के 767 जिलों में कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य मानसिक बीमारियों का पता लगाना, उनका प्रबंधन करना और उनका उपचार करना है। इसके प्रमुख घटकों में स्कूलों और कॉलेजों में परामर्श, कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन, जीवन कौशल प्रशिक्षण, आत्महत्या रोकथाम सेवाएं और जागरूकता पैदा करने तथा मानसिक बीमारी से जुड़े कलंक को दूर करने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) कार्यकलाप शामिल हैं।

सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए भी कदम उठा रही है। सरकार ने 1.77 लाख से अधिक उप-स्वास्थ्य केंद्रों (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में अपग्रेड किया है। इन आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में प्रदान की जाने वाली व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के अंतर्गत सेवाओं के पैकेज में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को भी शामिल किया गया है। आयुष्मान भारत के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में मानसिक, तंत्रिका संबंधी और मादक द्रव्यों के सेवन संबंधी विकारों (एमएनएस) पर विभिन्न संवर्गों के लिए संचालन संबंधी दिशा-निर्देश और प्रशिक्षण नियमावली जारी की गई है।

उपरोक्त के अतिरिक्‍त, सरकार ने देश में गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक पहुंच को और बेहतर बनाने के लिए 10 अक्टूबर, 2022 को एक "राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम" आरंभ किया है। 17 जुलाई, 2025 तक, 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने 53 टेली मानस प्रकोष्ठ स्थापित किए हैं और टेली मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं शुरू की हैं। हेल्पलाइन नंबर पर 23,82,000 से अधिक शिकायत कॉलों का समाधान किया जा चुका है।

सरकार ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस - 10 अक्टूबर, 2024 के अवसर पर टेली-मानस मोबाइल एप्लिकेशन भी लॉन्च किया है। टेली-मानस मोबाइल एप्लिकेशन एक व्यापक मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म है जिसे मानसिक स्वास्थ्य से लेकर मानसिक विकारों तक, सभी प्रकार के मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों पर सहायता प्रदान करने के लिए विकसित किया गया है। सरकार ने पहले से विद्यमान ऑडियो कॉलिंग सुविधा के एक और अपग्रेड के रूप में, टेली-मानस के अंतर्गत वीडियो परामर्श सुविधा भी आरंभ की है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

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