जनजातीय कार्य मंत्रालय
अनुसूचित जनजातियों का सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण
Posted On:
31 JUL 2025 4:54PM by PIB Delhi
जनजातीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री श्री दुर्गादास उइके ने लोकसभा में आज श्री श्यामकुमार दौलत बर्वे के अतारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि सरकार देश में अनुसूचित जनजातियों और जनजातीय बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए एक रणनीति के रूप में अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) को क्रियान्वित कर रही है। जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अलावा, 41 मंत्रालय/विभाग अनुसूचित जनजातियों और गैर-अनुसूचित जनजातियों आबादी के बीच विकासात्मक अंतर को पाटने और शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, सड़क, आवास, विद्युतीकरण, रोजगार सृजन, कौशल विकास आदि से संबंधित विभिन्न जनजातीय विकास परियोजनाओं के लिए डीएपीएसटी के तहत जनजातीय विकास के लिए हर साल अपने कुल योजना बजट का कुछ प्रतिशत आवंटित कर रहे हैं। अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए बाध्य मंत्रालयों/विभागों द्वारा आवंटित धन के साथ-साथ योजनाएं https://www.indiabudget.gov.in/budget2024-25/doc/eb/stat10b.pdf लिंक में केंद्रीय बजट दस्तावेज़ के व्यय प्रोफाइल के विवरण 10बी में दी गई हैं।
राज्यों में अनुसूचित जनजाति जनसंख्या (जनगणना 2011) के अनुपात में, कुल योजना आवंटन के संबंध में राज्य सरकारों को टीएसपी निधि निर्धारित करनी होगी। महाराष्ट्र सहित राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा अपने स्वयं के कोष से टीएसपी के लिए आवंटन और व्यय का विवरण https://statetsp.tribal.gov.in पर उपलब्ध है।
इसके अतिरिक्त, जनजातीय कार्य मंत्रालय देश में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और विकास के लिए विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों का क्रियान्वयन कर रहा है। इन योजनाओं का विवरण और मंत्रालय द्वारा पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान किए गए राज्य-वार निधि आवंटन का विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है।
भारत सरकार का जनजातीय कार्य मंत्रालय अपनी योजनाओं को विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से क्रियान्वित करता है। इनमें भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राइफेड) जनजातीय उत्पादों के विपणन और आर्थिक विकास पर केंद्रित है, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) ऋण और स्व-रोज़गार सहायता प्रदान करता है और राष्ट्रीय जनजातीय छात्र शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों का पर्यवेक्षण करती है। मुख्य रूप से, राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन करते हैं। राज्य-स्तरीय कार्यान्वयन एजेंसियों में राज्य जनजातीय कल्याण विभाग और राष्ट्रीय एजेंसियों की राज्य शाखाएं (जैसे ट्राइफेड और एनएसटीएफडीसी) शामिल हैं।
इसी प्रकार, बाध्य मंत्रालय/विभाग अपने-अपने राज्य स्तरीय विभागों और एजेंसियों के माध्यम से डीएपीएसटी के अंतर्गत योजनाओं का क्रियान्वयन करते हैं।
मंत्रालय/विभाग और नीति आयोग क्रमशः सीएस और सीएसएस योजनाओं का मूल्यांकन तृतीय पक्ष के माध्यम से करते हैं। नीति आयोग ने 2020-21 में समाप्त हुए ईएफसी चक्र के लिए एक मूल्यांकन अध्ययन किया है, जिसमें पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति, टीआरआई को सहायता, लघु वनोपज के लिए एमएसपी, टीएसएस को एससीए, पीवीटीजी का विकास, आदिवासी महोत्सव, बुनियादी ढांचा, जन शिक्षा जैसी योजनाओं को शामिल किया गया है। कुछ योजनाओं के अंतर्गत कुछ प्रमुख निष्कर्ष इस प्रकार हैं:
- अनुसूचित जनजातियों के लिए प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं ने कुछ प्रगति दिखाई है, लेकिन दोनों ही योजनाओं का कार्यान्वयन धीमा है और स्कूल व कॉलेज स्तर पर जागरूकता सीमित है। राज्यों और हितधारकों ने पहुंच और प्रभावशीलता में सुधार के लिए बेहतर संचार, जवाबदेही और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है। छात्रवृत्ति नवीनीकरण और शिकायत निवारण तंत्र को मज़बूत करना भी पोस्ट-मैट्रिक योजना की प्राथमिकता है।
- जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई) को सहायता योजना अत्यंत प्रासंगिक बनी हुई है, लेकिन प्रभावी थिंक-टैंक के रूप में कार्य करने के लिए इसके उद्देश्यों को नए सिरे से परिभाषित करने की आवश्यकता है। गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान, मज़बूत सामुदायिक सहभागिता, बेहतर निधि प्रवाह प्रणाली और क्षमता निर्माण पर ज़ोर दिया जाना चाहिए। मंत्रालय को इस योजना पर नियमित रूप से नज़र रखनी चाहिए और बेहतर मानव संसाधन एवं संस्थागत ढांचों में निवेश करना चाहिए।
- एससीए से टीएसएस योजना आदिवासी समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन संसाधन आवंटन, निधि उपयोग और परियोजना निगरानी में सुधार की आवश्यकता है। समय पर और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए निधि प्रवाह के लिए बेहतर प्रणालियां और मज़बूत निगरानी ढांचे आवश्यक हैं।
मंत्रालय ने डीएपीएसटी के तहत विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के पास उपलब्ध धन के अभिसरण के माध्यम से एसटी के विकास के लिए दो मिशन - प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) और धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान शुरू किए हैं।
पीएम जनमन: सरकार ने 18 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में रहने वाले 75 पिछड़े वर्गों (पीवीटीजी) समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य तीन वर्षों में सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण तक बेहतर पहुंच, सड़क एवं दूरसंचार संपर्क, अविद्युतीकृत घरों का विद्युतीकरण और स्थायी आजीविका के अवसर जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना है। इन उद्देश्यों को 9 मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित छात्रावासों और मोबाइल चिकित्सा इकाइयों (एमएमयू) सहित 11 कार्यक्रमों के माध्यम से पूरा करने की योजना है। प्रधानमंत्री जनमन का कुल बजटीय परिव्यय 24,104 करोड़ रुपये (केंद्रीय अंश: 15336 करोड़ रुपये और राज्य अंश: 8768 करोड़ रुपये) है।
डीएजेजीयूए : माननीय प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर, 2024 को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) का शुभारंभ किया। इस अभियान में 17 मंत्रालयों की ओर से कार्यान्वित 25 कार्यक्रम शामिल हैं। इसका उद्देश्य 63,843 गांवों में बुनियादी ढांचे की कमियों को पूरा करना, छात्रावास, आंगनवाड़ी सुविधाएं और मोबाइल चिकित्सा इकाइयां जैसी सामाजिक बुनियादी ढांचा प्रदान करना और 5 वर्षों में 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,911 ब्लॉकों में 5 करोड़ से अधिक आदिवासियों को आजीविका के अवसर प्रदान करने हेतु वन धन विकास केंद्र स्थापित करना है। इस अभियान का कुल बजटीय परिव्यय 79,156 करोड़ रुपये (केंद्रीय अंश: 56,333 करोड़ रुपये और राज्य अंश: 22,823 करोड़ रुपये) है।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन, समन्वय और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर समितियां गठित की गई हैं। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य-स्तरीय शीर्ष समिति (एसएलएसी) का गठन किया गया है। जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक जिला-स्तरीय समिति और ब्लॉक स्तर पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों वाली ब्लॉक-स्तरीय कार्यान्वयन टीमें (बीएलआईटी) गठित की गई हैं ताकि कार्यक्रमों के जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन को सुगम बनाया जा सके।
इसके अतिरिक्त, जनजातीय कार्य मंत्रालय संबंधित मंत्रालयों/विभागों के साथ समीक्षा बैठकें भी आयोजित करता है। संबंधित मंत्रालयों/विभागों में नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए जाते हैं।
जनजातीय कार्य मंत्रालय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत मासिक प्रगति रिपोर्टों की निगरानी करता है। जनजातीय कार्य मंत्रालय अधिनियम के समुचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर विभिन्न पहलुओं पर निर्देश और दिशानिर्देश जारी करता रहा है। राज्य जनजातीय कल्याण विभाग और संबंधित अधिकारियों के साथ समय-समय पर समीक्षा बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं। डीसी/डीएम को सभी लंबित एफआरए दावों का समय पर निपटान करने की सलाह दी गई है। एफआरए के उल्लंघन के संबंध में मंत्रालय में प्राप्त शिकायतों/अभ्यावेदनों को संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों को भेज दिया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वैध दावेदारों को उनके वन अधिकारों से वंचित न किया जाए।
इसके अतिरिक्त, एफआरए के व्यापक कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए, जनजातीय कार्य मंत्रालय दो साल की अवधि के लिए राज्य और जिला/उपखंड स्तर पर समर्पित एफआरए प्रकोष्ठों की स्थापना के लिए 'धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान' (डीएजेजीयूए) के तहत जिलों को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। मंत्रालय राज्यों से एफआरए एटलस तैयार करने का आग्रह कर रहा है ताकि संभावित वन क्षेत्रों का मानचित्रण किया जा सके, जिन पर एफआरए के तहत विचार किया जा सकता है और सभी हितधारकों का क्षमता निर्माण किया जा सके। इसके अतिरिक्त, मंत्रालय डीएजेजीयूए के तहत राज्य विशिष्ट एफआरए पोर्टल (जिसमें समर्पित सर्वर, सॉफ्टवेयर की लागत, हार्डवेयर, सुरक्षा ऑडिट, भूमि अभिलेखों की डिजिटल मैपिंग और अन्य परिचालन लागत शामिल हैं) के विकास और रखरखाव के लिए राज्य जनजातीय कल्याण विभाग को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है।
एफआरए और उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार, राज्य सरकारें एफआरए के विभिन्न प्रावधानों के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार हैं। राज्यों द्वारा दी गई और एमपीआर के अंतर्गत संकलित नवीनतम जानकारी के अनुसार, एफआरए का कार्यान्वयन 20 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में किया जा रहा है। 31.05.2025 तक, एफआरए के तहत दायर दावों की कुल संख्या 51,23,104 थी, जिनमें से 85.47 प्रतिशत दावों का निपटारा कर दिया गया है और 2,32,73,947.39 एकड़ वन भूमि पर दावे और 25,11,375 स्वामित्व (49.02 प्रतिशत) वितरित किए गए हैं। 31.05.2025 तक एफआरए स्वामित्व के वितरण का राज्यवार विवरण अनुलग्नक-II में दिया गया है।
अनुलग्नक-I
देश में जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित की जा रही प्रमुख योजनाओं/कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण:
(i) धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान: माननीय प्रधानमंत्री ने 2 अक्टूबर, 2024 को धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान में 17 संबंधित मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित 25 कार्यक्रम शामिल हैं। इसका उद्देश्य 63,843 गांवों में बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करना, स्वास्थ्य, शिक्षा, आंगनवाड़ी सुविधाओं तक पहुंच में सुधार करना और 5 वर्षों में 30 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों और 2,911 ब्लॉकों में 5 करोड़ से अधिक आदिवासियों को आजीविका के अवसर प्रदान करना है। इस अभियान का कुल बजटीय परिव्यय 79,156 करोड़ रुपये है (केंद्रीय अंश: 56,333 करोड़ रुपये और राज्य अंश: 22,823 करोड़ रुपये)।
(ii) प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन): सरकार ने 15 नवंबर 2023 को प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) शुरू किया है। 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। लगभग 24,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय वाले इस मिशन का उद्देश्य 3 वर्षों में समयबद्ध तरीके से पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच, सड़क और दूरसंचार संपर्क, गैर-विद्युतीकृत घरों का विद्युतीकरण और स्थायी आजीविका के अवसर जैसी बुनियादी सुविधाओं से परिपूर्ण करना है।
(iii) प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम): जनजातीय कार्य मंत्रालय प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) को क्रियान्वित कर रहा है। इसे जनजातीय आजीविका को बढ़ावा देने के लिए दो मौजूदा योजनाओं के विलय के माध्यम से डिजाइन किया गया है, अर्थात, “न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के माध्यम से लघु वन उपज (एमएफपी) के विपणन के लिए तंत्र और एमएफपी के लिए मूल्य श्रृंखला का विकास” और “जनजातीय उत्पादों/उत्पादों के विकास और विपणन के लिए संस्थागत समर्थन”।
इस योजना में चयनित लघु वनोपज (एमएफपी) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने और घोषित करने की परिकल्पना की गई है। किसी विशेष लघु वनोपज (एमएफपी) वस्तु का प्रचलित बाजार मूल्य निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने की स्थिति में, निर्दिष्ट राज्य एजेंसियों द्वारा पूर्व-निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद और विपणन कार्य किया जाएगा। साथ ही, सतत संग्रहण, मूल्य संवर्धन, अवसंरचना विकास, लघु वनोपज (एमएफपी) के ज्ञान आधार का विस्तार और बाजार सूचना विकास जैसे अन्य मध्यम और दीर्घकालिक मुद्दों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
(iv) एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस): आदिवासी बच्चों को उनके अपने परिवेश में नवोदय विद्यालय के समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 2018-19 में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) शुरू किए गए थे। नई योजना के अंतर्गत, सरकार ने 440 ईएमआरएस स्थापित करने का निर्णय लिया। इसके तहत प्रत्येक ब्लॉक में एक ईएमआरएस, जहां 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जनजाति की आबादी हो और 2011 की जनगणना के अनुसार कम से कम 20,000 आदिवासी हों। 288 ईएमआरएस स्कूलों को शुरू में संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत अनुदान के तहत वित्त पोषित किया गया था, जिन्हें नए मॉडल के अनुसार उन्नत किया जा रहा है। इसके अनुसार मंत्रालय ने देश भर में लगभग 3.5 लाख अनुसूचित जनजाति के छात्रों को लाभान्वित करने के लिए कुल 728 ईएमआरएस स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
(v) संविधान के अनुच्छेद 275(1) के अंतर्गत अनुदान : संविधान के अनुच्छेद 275(1) के प्रावधान के अंतर्गत, अनुसूचित क्षेत्रों में प्रशासन के स्तर को बेहतर बनाने और जनजातीय लोगों के कल्याण हेतु अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले राज्यों को अनुदान जारी किए जाते हैं। यह एक विशेष क्षेत्र कार्यक्रम है और राज्यों को शत-प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, आजीविका, पेयजल, स्वच्छता आदि के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा गतिविधियों में अंतर को पाटने के लिए अनुसूचित जनजाति जनसंख्या की आवश्यकताओं के आधार पर राज्य सरकारों को धनराशि जारी की जाती है।
(vi) अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान सहायता: मंत्रालय शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान सहायता योजना के अंतर्गत परियोजनाओं को वित्तपोषित करता है, जिसमें आवासीय विद्यालय, गैर-आवासीय विद्यालय, छात्रावास, मोबाइल औषधालय, दस या अधिक बिस्तरों वाले अस्पताल, आजीविका आदि शामिल हैं।
(vii) अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक-पूर्व छात्रवृत्ति : यह योजना कक्षा नौवीं और दसवीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए लागू है। इस योजना में विद्यार्थियों के माता-पिता की सभी स्रोतों से आय 2.50 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। वर्ष में 10 महीने की अवधि के लिए दैनिक विद्यार्थियों को 225 रुपये प्रति माह और छात्रावास में रहने वालों को 525 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति दी जाती है। छात्रवृत्ति राज्य सरकार/केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन के माध्यम से वितरित की जाती है। पूर्वोत्तर और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को छोड़कर, सभी राज्यों के लिए केंद्र और राज्यों के बीच वित्तपोषण अनुपात 75:25 है, जहां यह अनुपात 90:10 है। विधायिका रहित केंद्रशासित प्रदेशों के लिए, शत-प्रतिशत केंद्रीय हिस्सेदारी साझा करने का प्रावधान है।
(viii) अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति: इस योजना का उद्देश्य मैट्रिकोत्तर या उच्चतर माध्यमिक स्तर पर अध्ययन कर रहे अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है ताकि वे अपनी शिक्षा पूरी कर सकें। माता-पिता की सभी स्रोतों से आय 2.50 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। शैक्षणिक संस्थानों द्वारा ली जाने वाली अनिवार्य फीस की प्रतिपूर्ति संबंधित राज्य शुल्क निर्धारण समिति द्वारा निर्धारित सीमा के अधीन की जाती है और अध्ययन के पाठ्यक्रम के आधार पर 230 रुपये से 1200 रुपये प्रति माह की छात्रवृत्ति राशि का भुगतान किया जाता है। यह योजना राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों द्वारा कार्यान्वित की जाती है। पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्र और राज्यों के बीच वित्त पोषण अनुपात 90:10 है। इन्हें छोड़कर सभी राज्यों में यह अनुपात 75:25 है। बिना विधायिका वाले केंद्र शासित प्रदेशों के लिए साझाकरण पैटर्न शत-प्रतिशत केंद्रीय हिस्सा है।
(ix) अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्तियां : यह योजना चयनित छात्रों को विदेश में स्नातकोत्तर, पीएचडी और पोस्ट-डॉक्टरल अध्ययन हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करती है। प्रतिवर्ष कुल 20 छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं। इनमें से 17 छात्रवृत्तियां अनुसूचित जनजातियों के लिए और 3 छात्रवृत्तियां विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के छात्रों के लिए हैं। माता-पिता/परिवार की सभी स्रोतों से आय 6.00 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
(x) अनुसूचित जनजाति के छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय फैलोशिप और छात्रवृत्ति:
(क) राष्ट्रीय छात्रवृत्ति- (उच्चतम श्रेणी) योजना [स्नातक स्तर]: इस योजना का उद्देश्य मेधावी अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मंत्रालय द्वारा चिन्हित देश भर के 265 उत्कृष्ट संस्थानों, जैसे आईआईटी, एम्स, आईआईएम, एनआईआईटी आदि में से किसी में भी निर्धारित पाठ्यक्रमों में अध्ययन हेतु प्रोत्साहित करना है। सभी स्रोतों से पारिवारिक आय 6.00 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। छात्रवृत्ति राशि में शिक्षण शुल्क, रहने का खर्च और पुस्तकों व कंप्यूटर के लिए भत्ते शामिल हैं।
(ख) अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय फ़ेलोशिप: भारत में एमफिल और पीएचडी की उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अनुसूचित जनजाति के छात्रों को प्रति वर्ष 750 फ़ेलोशिप प्रदान की जाती हैं। फ़ेलोशिप यूजीसी के मानदंडों के अनुसार प्रदान की जाती है।
(xi) जनजातीय अनुसंधान संस्थानों (टीआरआई) को सहायता: मंत्रालय इस योजना के माध्यम से राज्य सरकारों को सहायता प्रदान करता है ताकि जहां पहले से नए टीआरआई स्थापित नहीं हैं, वहां उनकी स्थापना की जा सके। साथ ही मौजूदा टीआरआई के कामकाज को मजबूत किया जा सके ताकि अनुसंधान और दस्तावेजीकरण, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, समृद्ध जनजातीय विरासत को बढ़ावा देने आदि के प्रति अपनी मुख्य जिम्मेदारी को पूरा किया जा सके। जनजातीय कला और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए, अनुसंधान और दस्तावेजीकरण, कला और कलाकृतियों के रखरखाव और संरक्षण, जनजातीय संग्रहालय की स्थापना, राज्य के अन्य हिस्सों में आदिवासियों के लिए आदान-प्रदान यात्राओं, जनजातीय त्योहारों के आयोजन आदि के माध्यम से देश भर में जनजातीय संस्कृति और विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियों को करने के लिए टीआरआई को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा शीर्ष समिति के अनुमोदन से आवश्यकतानुसार टीआरआई को शत-प्रतिशत अनुदान सहायता प्रदान की जाती है।
मंत्रालय द्वारा इन योजनाओं/कार्यक्रमों के अंतर्गत पिछले पांच वित्तीय वर्षों के दौरान राज्यवार निधि आवंटन निम्नानुसार है:
अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत राज्यवार धनराशि जारी की गई
(रुपये करोड़ में)
क्र.सं.
|
राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के नाम
|
वित्त वर्ष 2020-21
|
वित्त वर्ष 2021-22
|
वित्त वर्ष 2022-23
|
वित्त वर्ष 2023-24
|
वित्त वर्ष 2024-25*
|
1
|
अंडमान और निकोबार
|
0.12
|
0.08
|
|
|
0.10
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
14.34
|
39.35
|
|
57.00
|
30.77
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
0.00
|
2.07
|
2.67
|
|
|
4
|
असम
|
0.17
|
1.02
|
1.07
|
1.88
|
1.00
|
5
|
बिहार
|
0.00
|
0.00
|
|
|
|
6
|
छत्तीसगढ
|
35.42
|
0.00
|
|
52.50
|
|
7
|
दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव
|
2.34
|
2.07
|
|
|
|
8
|
गोवा
|
0.41
|
0.00
|
1.08
|
0.53
|
0.36
|
9
|
गुजरात
|
21.99
|
36.89
|
54.52
|
62.00
|
9.23
|
10
|
हिमाचल प्रदेश
|
0.92
|
0.00
|
0.79
|
1.10
|
|
11
|
जम्मू-कश्मीर
|
0.00
|
0.00
|
|
|
|
12
|
झारखंड
|
0.00
|
38.99
|
|
57.00
|
|
13
|
कर्नाटक
|
0.00
|
17.53
|
23.70
|
34.00
|
7.00
|
14
|
केरल
|
1.17
|
3.47
|
|
4.36
|
1.00
|
15
|
लद्दाख
|
0.42
|
0.74
|
|
|
0.40
|
16
|
मध्य प्रदेश
|
54.29
|
114.58
|
127.44
|
|
53.05
|
17
|
मणिपुर
|
0.00
|
0.00
|
|
|
|
18
|
मेघालय
|
0.00
|
0.00
|
1.15
|
|
0.70
|
19
|
मिजोरम
|
1.68
|
6.57
|
|
3.07
|
|
20
|
नगालैंड
|
0.61
|
0.00
|
|
|
|
21
|
ओडिशा
|
69.45
|
52.37
|
93.97
|
|
29.50
|
22
|
पुदुचेरी
|
0.02
|
0.00
|
|
|
|
23
|
राजस्थान
|
31.27
|
62.34
|
35.31
|
|
22.36
|
24
|
सिक्किम
|
0.09
|
0.00
|
0.18
|
|
|
25
|
तमिलनाडु
|
2.41
|
5.47
|
4.04
|
3.62
|
0.60
|
26
|
तेलंगाना
|
0.00
|
0.00
|
|
1.50
|
0.00
|
27
|
त्रिपुरा
|
2.52
|
0.59
|
11.37
|
|
6.92
|
28
|
उत्तर प्रदेश
|
0.00
|
0.88
|
|
|
|
29
|
उत्तराखंड
|
1.38
|
0.00
|
|
0.15
|
0.70
|
30
|
पश्चिम बंगाल
|
7.88
|
9.13
|
|
29.89
|
|
|
कुल
|
248.90
|
394.14
|
357.29
|
308.60
|
163.69
|
*अनंतिम
अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत राज्यवार धनराशि जारी की गई
(रुपये करोड़ में)
क्र.सं.
|
राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों के नाम
|
वित्त वर्ष 2020-21
|
वित्त वर्ष 2021-22
|
वित्त वर्ष 2022-23
|
वित्त वर्ष 2023-24
|
वित्त वर्ष 2024-25*
|
1
|
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
|
0.13
|
0.10
|
|
|
0.10
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
60.39
|
89.91
|
133.57
|
114.71
|
120.00
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
57.13
|
123.61
|
96.16
|
80.00
|
100.00
|
4
|
असम
|
54.14
|
10.93
|
68.45
|
35.00
|
79.71
|
5
|
बिहार
|
7.08
|
|
|
|
4.43
|
6
|
छत्तीसगढ
|
87.90
|
|
93.30
|
71.25
|
70.00
|
7
|
दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव
|
34.82
|
|
|
4.04
|
4.90
|
8
|
गोवा
|
4.58
|
|
11.87
|
5.27
|
5.00
|
9
|
गुजरात
|
229.78
|
461.70
|
244.26
|
350.00
|
231.22
|
10
|
हिमाचल प्रदेश
|
0.00
|
|
|
|
5.00
|
11
|
जम्मू-कश्मीर
|
8.05
|
|
6.84
|
7.46
|
9.95
|
12
|
झारखंड
|
0.00
|
126.55
|
|
53.11
|
200.00
|
13
|
कर्नाटक
|
0.00
|
170.81
|
|
225.56
|
125.00
|
14
|
केरल
|
32.85
|
25.16
|
|
46.89
|
29.00
|
15
|
लद्दाख
|
7.38
|
22.14
|
18.91
|
5.96
|
35.00
|
16
|
मध्य प्रदेश
|
123.44
|
245.29
|
270.49
|
350.00
|
250.00
|
17
|
महाराष्ट्र
|
181.50
|
192.15
|
90.27
|
570.36
|
117.81
|
18
|
मणिपुर
|
21.84
|
42.92
|
41.38
|
30.00
|
25.00
|
19
|
मेघालय
|
0.00
|
26.36
|
146.20
|
85.00
|
145.08
|
20
|
मिजोरम
|
34.47
|
38.75
|
25.90
|
25.00
|
24.00
|
21
|
नगालैंड
|
32.26
|
44.36
|
36.08
|
35.00
|
62.00
|
22
|
ओडिशा
|
190.96
|
218.43
|
171.33
|
135.64
|
294.00
|
23
|
पुदुचेरी
|
0.20
|
|
|
|
0.00
|
24
|
राजस्थान
|
255.57
|
137.45
|
188.10
|
220.00
|
350.00
|
25
|
सिक्किम
|
5.54
|
10.36
|
9.25
|
|
6.00
|
26
|
तमिलनाडु
|
33.29
|
48.49
|
28.54
|
20.00
|
25.00
|
27
|
तेलंगाना
|
272.98
|
75.04
|
238.51
|
112.50
|
152.50
|
28
|
त्रिपुरा
|
48.05
|
71.89
|
45.22
|
40.00
|
74.94
|
29
|
उत्तर प्रदेश
|
22.19
|
|
|
10.00
|
15.00
|
30
|
उत्तराखंड
|
0.00
|
35.68
|
|
1.88
|
2.70
|
31
|
पश्चिम बंगाल
|
22.56
|
38.72
|
|
34.06
|
35.00
|
|
कुल
|
1829.08
|
2256.80
|
1964.63
|
2668.69
|
2598.34
|
*अनंतिम
पीएम-जनमन के अंतर्गत पिछले दो वर्षों के दौरान राज्य सरकारों को जारी धनराशि का राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार विवरण
(रुपये करोड़ में)
क्र. सं.
|
राज्य
|
वित्त वर्ष 2023-24
|
वित्त वर्ष 2024-25*
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
14.97
|
5.00
|
2
|
छत्तीसगढ
|
8.52
|
0.00
|
3
|
गुजरात
|
1.66
|
4.37
|
4
|
झारखंड
|
0.62
|
1.50
|
5
|
कर्नाटक
|
3.33
|
10.26
|
6
|
केरल
|
2.29
|
0.00
|
7
|
मध्य प्रदेश
|
25.99
|
0.00
|
8
|
महाराष्ट्र
|
12.47
|
5.00
|
9
|
ओडिशा
|
12.68
|
23.92
|
10
|
राजस्थान
|
3.33
|
3.44
|
11
|
तमिलनाडु
|
5.20
|
20.67
|
12
|
तेलंगाना
|
2.91
|
13.24
|
13
|
त्रिपुरा
|
4.57
|
7.50
|
14
|
उत्तर प्रदेश
|
0.83
|
0.00
|
15
|
उत्तराखंड
|
0.62
|
4.78
|
|
कुल
|
100.00
|
99.68
|
*अनंतिम
“पीवीटीजी का विकास” योजना के अंतर्गत पिछले पांच वर्षों के दौरान जारी धनराशि का विवरण
निम्नानुसार हैं:
(रुपये लाख में)
क्र. सं.
|
राज्य
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
1245.51
|
1829.6
|
1645.5
|
0
|
0
|
2
|
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
|
0
|
252.11
|
0
|
0
|
0
|
3
|
बिहार
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
4
|
छत्तीसगढ
|
989.32
|
996.9
|
1500
|
0
|
0
|
5
|
गुजरात
|
552.2
|
761.8
|
1731.2
|
0
|
0
|
6
|
झारखंड
|
1777.29
|
1696.93
|
0
|
0
|
0
|
7
|
कर्नाटक
|
438.46
|
661.17
|
1439.42
|
0
|
0
|
8
|
केरल
|
88
|
0
|
0
|
0
|
0
|
9
|
मध्य प्रदेश
|
2188.11
|
2888.69
|
0
|
0
|
0
|
10
|
महाराष्ट्र
|
1411.66
|
0
|
0
|
0
|
0
|
11
|
मणिपुर
|
0
|
0
|
0
|
0
|
0
|
12
|
ओडिशा
|
1202
|
1197
|
1796.75
|
0
|
0
|
13
|
राजस्थान
|
968
|
706.17
|
1120.625
|
0
|
0
|
14
|
तमिलनाडु
|
551.08
|
1967.81
|
907.7
|
0
|
2723..11
|
15
|
तेलंगाना
|
1460.5
|
1193.04
|
1508.13
|
0
|
2746.87
|
16
|
त्रिपुरा
|
231.43
|
1481.71
|
1402.65
|
0
|
207.95
|
17
|
उत्तर प्रदेश
|
82.04
|
0
|
0
|
0
|
0
|
18
|
उत्तराखंड
|
295
|
367.07
|
0
|
0
|
0
|
19
|
पश्चिम बंगाल
|
519.4
|
0
|
665.95
|
0
|
1631.05
|
|
कुल
|
14000
|
16000
|
13717.925
|
0
|
7308.98
|
*अनंतिम
पिछले पांच वर्षों में एनएसटीएफडीसी द्वारा वितरित ऋण की राशि
|
|
|
|
|
|
|
रुपये लाख में
|
क्रम सं.
|
राज्य
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
वितरित राशि
|
वितरित राशि
|
वितरित राशि
|
वितरित राशि
|
वितरित राशि
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
5022.24
|
1127.19
|
4119.80
|
5551.49
|
6039.21
|
2
|
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
|
|
|
|
0.00
|
0.00
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
970.52
|
814.01
|
699.90
|
25.77
|
17.88
|
4
|
असम
|
5.00
|
|
|
40.02
|
24.24
|
5
|
बिहार
|
|
11.48
|
|
3.06
|
0.00
|
6
|
छत्तीसगढ
|
197.49
|
1398.99
|
296.00
|
227.29
|
499.43
|
7
|
दादरा और नगर हवेली
|
|
|
|
4.55
|
0.00
|
8
|
गोवा
|
|
|
|
0.22
|
0.00
|
9
|
गुजरात
|
1442.03
|
2022.50
|
1019.61
|
2810.12
|
4931.39
|
10
|
हरियाणा
|
|
|
|
|
0.00
|
11
|
हिमाचल प्रदेश
|
13.40
|
14.00
|
56.90
|
2.19
|
30.60
|
12
|
जम्मू-कश्मीर
|
408.75
|
1362.87
|
1272.54
|
295.19
|
1102.49
|
13
|
झारखंड
|
1001.60
|
1422.00
|
3.00
|
684.25
|
247.45
|
14
|
कर्नाटक
|
3109.08
|
1369.31
|
1582.42
|
853.41
|
1854.44
|
15
|
केरल
|
298.76
|
637.30
|
720.73
|
446.74
|
684.80
|
16
|
लक्षद्वीप
|
|
|
|
|
73.53
|
17
|
मध्य प्रदेश
|
3360.10
|
2755.01
|
5392.05
|
1759.58
|
1660.72
|
18
|
महाराष्ट्र
|
37.27
|
209.06
|
658.19
|
2523.52
|
567.76
|
19
|
मणिपुर
|
62.37
|
|
25.00
|
235.49
|
102.80
|
20
|
मेघालय
|
4485.43
|
694.81
|
470.60
|
475.91
|
298.09
|
21
|
मिजोरम
|
3324.18
|
5450.68
|
5295.74
|
6856.69
|
6948.28
|
22
|
नगालैंड
|
1098.72
|
693.36
|
20.39
|
1199.77
|
627.08
|
23
|
ओडिशा
|
1794.44
|
2457.93
|
63.19
|
362.35
|
883.56
|
24
|
राजस्थान
|
2205.16
|
508.60
|
789.35
|
712.22
|
130.16
|
25
|
सिक्किम
|
82.11
|
62.56
|
|
34.23
|
201.63
|
26
|
तमिलनाडु
|
12.50
|
15.00
|
1087.13
|
3265.67
|
1210.39
|
27
|
तेलंगाना
|
5359.23
|
3111.55
|
4583.99
|
3218.52
|
5174.31
|
28
|
त्रिपुरा
|
2216.28
|
580.26
|
48.02
|
2014.62
|
1695.98
|
29
|
उत्तराखंड
|
6.15
|
|
81.42
|
32.59
|
1.92
|
30
|
उत्तर प्रदेश
|
1.55
|
|
|
3.37
|
85.81
|
31
|
पश्चिम बंगाल
|
275.64
|
573.91
|
1643.33
|
1526.59
|
2233.75
|
|
कुल
|
36790.00
|
27292.38
|
29929.30
|
35165.42
|
37327.70
|
|
*अनंतिम
|
पिछले 5 वर्षों के दौरान एससीए के अंतर्गत टीएसएस/पीएमएएजीवाई को जारी की गई राज्यवार निधि
(रुपये लाख में)
क्र. सं.
|
राज्य
|
एससीए से टीएसएस
|
पीएमएएजीवाई
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
निधि विमोचन
|
निधि विमोचन
|
निधि विमोचन
|
निधि विमोचन
|
निधि विमोचन
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
4954.96
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
2
|
अरुणाचल प्रदेश
|
7015.50
|
733.68
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
3
|
असम
|
4578.76
|
8743.02
|
11538.22
|
7182.38
|
5186.19
|
4
|
बिहार
|
3106.00
|
774.44
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
5
|
छत्तीसगढ
|
8769.06
|
15595.8
|
23021.82
|
0.00
|
0.00
|
6
|
दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव
|
0.00
|
0.00
|
173.23
|
0.00
|
0.00
|
7
|
गोवा
|
724.26
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
8
|
गुजरात
|
10786.40
|
15916.78
|
19401.76
|
0.00
|
0.00
|
9
|
हिमाचल प्रदेश
|
1367.00
|
377.03
|
288.09
|
0.00
|
0.00
|
10
|
जम्मू-कश्मीर
|
0.00
|
0.00
|
932.39
|
0.00
|
0.00
|
11
|
लद्दाख
|
0.00
|
0.00
|
470.53
|
0.00
|
0.00
|
12
|
झारखंड
|
7049.64
|
6531.79
|
6915.28
|
0.00
|
0.00
|
13
|
कर्नाटक
|
0.00
|
2139.9
|
937.48
|
0.00
|
0.00
|
14
|
केरल
|
459.15
|
0.00
|
0.00
|
61.19
|
30.00
|
15
|
मध्य प्रदेश
|
0.00
|
12268.76
|
27694.54
|
0.00
|
0.00
|
16
|
महाराष्ट्र
|
0.00
|
0.00
|
13485.50
|
0.00
|
0.00
|
17
|
मणिपुर
|
0.00
|
427.98
|
295.47
|
0.00
|
0.00
|
18
|
मेघालय
|
328.25
|
0.00
|
3342.30
|
0.00
|
0.00
|
19
|
मिजोरम
|
1236.22
|
580.83
|
1818.61
|
1112.009
|
1468.00
|
20
|
नगालैंड
|
2846.14
|
886.53
|
2233.97
|
0.00
|
3827.44
|
21
|
ओडिशा
|
9010.42
|
2771.68
|
1001.24
|
3044.42
|
0.00
|
22
|
राजस्थान
|
8662.66
|
7224.71
|
15269.66
|
0.00
|
0.00
|
23
|
सिक्किम
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
24
|
तमिलनाडु
|
377.47
|
285.32
|
285.62
|
855.805
|
461.37
|
25
|
तेलंगाना
|
4191.00
|
2262.18
|
1681.04
|
0.00
|
1646.00
|
26
|
त्रिपुरा
|
1173.30
|
631.78
|
904.48
|
2737.23
|
0.00
|
27
|
उत्तराखंड
|
757.80
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
28
|
उत्तर प्रदेश
|
508.83
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
29
|
पश्चिम बंगाल
|
3746.00
|
0.00
|
3495.20
|
0.00
|
0.00
|
|
कुल
|
81648.82
|
78152.21
|
135186.41
|
14993.04
|
12619.00
|
*अनंतिम
संविधान के अनुच्छेद 275(1) के तहत जारी की गई धनराशि (05.06.2025 तक)
|
(रुपये लाख में)
|
क्र.सं.
|
राज्य
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
|
|
कुल रिलीज़
|
कुल रिलीज़
|
कुल रिलीज़
|
कुल रिलीज़
|
कुल रिलीज़
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
2055.55
|
2638.65
|
0.00
|
0.00
|
9841.55
|
2
|
अरुणाचल प्रदेश
|
6014.00
|
9830.00
|
7265.30
|
6740.00
|
10030.00
|
3
|
असम
|
4592.37
|
2570.000
|
2300.00
|
3294.12
|
4286.23
|
4
|
बिहार
|
0.00
|
642.08
|
1001.01
|
871.24
|
524.00
|
5
|
छत्तीसगढ
|
9976.24
|
11604.02
|
13578.43
|
15676.77
|
14506.46
|
6
|
गोवा
|
0.00
|
600.41
|
667.79
|
150.00
|
479.91
|
7
|
गुजरात
|
5940.04
|
6923.79
|
7549.12
|
4584.77
|
2727.27
|
8
|
हिमाचल प्रदेश
|
1161.00
|
1500.00
|
1655.00
|
1696.45
|
2244.23
|
10
|
झारखंड
|
10278.00
|
12264.19
|
6677.87
|
14299.82
|
5147.06
|
11
|
कर्नाटक
|
3305.68
|
3210.00
|
4297.57
|
4070.00
|
4730.26
|
12
|
केरल
|
0.00
|
0.00
|
817.67
|
1910.44
|
395.81
|
13
|
मध्य प्रदेश
|
4279.78
|
5319.10
|
8438.75
|
15741.70
|
9183.585
|
14
|
महाराष्ट्र
|
4573.16
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
15
|
मणिपुर
|
0.00
|
0.00
|
1067.36
|
2456.35
|
1981.32
|
16
|
मेघालय
|
492.71
|
1595.25
|
2904.84
|
3127.29
|
2217.40
|
17
|
मिजोरम
|
1909.71
|
2971.54
|
1654.05
|
2897.97
|
2143.80
|
18
|
नगालैंड
|
1717.38
|
3202.39
|
5863.47
|
5020.11
|
2050.50
|
19
|
ओडिशा
|
6304.62
|
11382.05
|
10150.55
|
6870.56
|
10107.95
|
20
|
राजस्थान
|
9166.00
|
10435.21
|
11002.53
|
8940.07
|
4626.61
|
21
|
सिक्किम
|
516.00
|
2045.00
|
720.38
|
1754.38
|
4485.06
|
22
|
तमिलनाडु
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
650.49
|
2019.665
|
23
|
तेलंगाना
|
2517.00
|
2050.00
|
3114.46
|
5169.00
|
13797.00
|
24
|
त्रिपुरा
|
201.74
|
607.53
|
1294.71
|
4226.39
|
4151.82
|
25
|
उत्तर प्रदेश
|
927.426
|
832.71
|
1135.82
|
1353.63
|
1829.90
|
26
|
उत्तराखंड
|
0.00
|
100.65
|
306.02
|
964.05
|
0.00
|
27
|
पश्चिम बंगाल
|
4041.14
|
0.00
|
4186.50
|
4744.40
|
3549.61
|
कुल योग
|
79969.55
|
92324.57
|
97649.20
|
117210.00
|
117057.00
|
*अनंतिम
अनुसूचित जनजातियों के कल्याण हेतु कार्यरत स्वैच्छिक संगठनों को सहायता अनुदान योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक जारी धनराशि का विवरण
(रुपये लाख में)
|
|
|
|
|
राज्य
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
|
|
आंध्र प्रदेश
|
50.26
|
162.29
|
183.01
|
92.19
|
249.08
|
|
|
अरुणाचल प्रदेश
|
271.84
|
237.79
|
213.91
|
205.74
|
639.09
|
|
|
असम
|
40.62
|
185.12
|
214.46
|
121.75
|
284.47
|
|
|
छत्तीसगढ
|
49.00
|
130.37
|
138.42
|
140.64
|
250.83
|
|
|
दिल्ली
|
13.16
|
14.29
|
8.31
|
-
|
17.42
|
|
|
गुजरात
|
120.98
|
104.03
|
284.73
|
299.17
|
338.79
|
|
|
हिमाचल प्रदेश
|
224.25
|
131.55
|
226.02
|
437.22
|
578.27
|
|
|
जम्मू-कश्मीर
|
46.39
|
26.73
|
36.76
|
-
|
49.28
|
|
|
झारखंड
|
501.37
|
697.12
|
881.91
|
918.76
|
2666.31
|
|
|
कर्नाटक
|
116.51
|
222.94
|
290.59
|
247.33
|
520.86
|
|
|
केरल
|
120.82
|
142.81
|
129.48
|
7.53
|
186.75
|
|
|
लद्दाख
|
-
|
43.09
|
74.33
|
84.54
|
181.79
|
|
|
मध्य प्रदेश
|
223.89
|
1102.69
|
1091.13
|
975.56
|
1438.54
|
|
|
महाराष्ट्र
|
402.57
|
673.98
|
1358.81
|
1047.53
|
1550.50
|
|
|
मणिपुर
|
280.92
|
602.03
|
207.54
|
406.09
|
657.29
|
|
|
मेघालय
|
845.01
|
776.02
|
2132.05
|
914.83
|
2017.34
|
|
|
मिजोरम
|
69.64
|
111.51
|
51.50
|
38.69
|
158.85
|
|
|
ओडिशा
|
1536.82
|
2424.82
|
2049.49
|
4095.84
|
2885.48
|
|
|
राजस्थान
|
189.80
|
101.66
|
269.21
|
217.68
|
498.95
|
|
|
सिक्किम
|
9.46
|
27.18
|
46.81
|
53.16
|
117.11
|
|
|
तमिलनाडु
|
117.03
|
274.74
|
250.31
|
377.29
|
189.10
|
|
|
तेलंगाना
|
54.82
|
56.64
|
39.99
|
96.98
|
208.03
|
|
|
त्रिपुरा
|
33.54
|
1.56
|
95.69
|
42.09
|
186.63
|
|
|
उत्तर प्रदेश
|
112.23
|
32.21
|
61.49
|
51.03
|
140.36
|
|
|
उत्तराखंड
|
48.54
|
64.22
|
112.93
|
44.30
|
98.68
|
|
|
पश्चिम बंगाल
|
470.51
|
577.61
|
476.10
|
1167.79
|
1390.18
|
|
|
कुल
|
5950.00
|
8925.00
|
10925.00
|
12083.71
|
17500.00
|
|
|
*अनंतिम
2020-21 से 2024-25 के दौरान 'जनजातीय अनुसंधान संस्थानों को सहायता' योजना के अंतर्गत जारी धनराशि का विवरण
(लाख में)
क्रम संख्या
|
राज्य
|
निधि जारी
|
|
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
|
1
|
अंडमान और निकोबार
|
0.00
|
0
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
|
2
|
आंध्र प्रदेश
|
455.00
|
432.75
|
219.13
|
125.00
|
0.00
|
|
3
|
अरुणाचल प्रदेश
|
184.15
|
0
|
0.00
|
48.63
|
150.00
|
|
4
|
असम
|
0.00
|
0
|
0.00
|
0.00
|
270.00
|
|
5
|
बिहार
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
99.00
|
|
6
|
छत्तीसगढ
|
0.00
|
189.04
|
113.43
|
250.00
|
1100.00
|
|
7
|
गोवा
|
202.50
|
111.75
|
0.00
|
50.57
|
200.00
|
|
8
|
गुजरात
|
0.00
|
0
|
0.00
|
0.00
|
250.00
|
|
9
|
हिमाचल प्रदेश
|
50.00
|
114.1
|
0
|
0.00
|
125.00
|
|
10
|
जम्मू-कश्मीर
|
206.51
|
200
|
170.84
|
770.85
|
100.00
|
|
11
|
झारखंड
|
0.00
|
13.92
|
164.96
|
417.03
|
200.00
|
|
12
|
कर्नाटक
|
26.35
|
184.25
|
0.00
|
0.00
|
200.00
|
|
13
|
केरल
|
0.00
|
0
|
0.00
|
0.00
|
300.00
|
|
14
|
लद्दाख
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
99.00
|
|
15
|
मध्य प्रदेश
|
447.00
|
484.58
|
0.00
|
143.08
|
600.00
|
|
16
|
महाराष्ट्र
|
0.00
|
0
|
0.00
|
0.00
|
250.00
|
|
17
|
मणिपुर
|
0.00
|
0
|
0.00
|
0.00
|
140.00
|
|
18
|
मिजोरम
|
1178.22
|
766.65
|
53.75
|
550.00
|
723.14
|
|
19
|
नगालैंड
|
0.00
|
85
|
205.000
|
400.00
|
600.00
|
|
20
|
ओडिशा
|
503.00
|
644.76
|
313.15
|
600.00
|
600.00
|
|
21
|
राजस्थान
|
8.89
|
215.34216
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
|
22
|
सिक्किम
|
144.00
|
273.3
|
0.00
|
0.00
|
200.00
|
|
23
|
तमिलनाडु
|
0.00
|
135.09
|
0.00
|
25.00
|
300.00
|
|
24
|
तेलंगाना
|
375.75
|
548.95
|
0.00
|
0.00
|
1300.00
|
|
25
|
त्रिपुरा
|
0.00
|
44.29384
|
0.00
|
25.00
|
300.00
|
|
26
|
उत्तर प्रदेश
|
35.15
|
89.25
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
|
27
|
पश्चिम बंगाल
|
0.00
|
0
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
|
28
|
मेघालय
|
0.00
|
66.224
|
0.00
|
0.00
|
100.00
|
|
29
|
उत्तराखंड
|
2183.48
|
1400.75
|
0.00
|
948.01
|
793.86
|
|
|
कुल
|
6000.00
|
6000.00
|
1240.26
|
4353.17
|
9000.00
|
|
*अनंतिम
पिछले पांच वर्षों के दौरान ईएमआरएस के अंतर्गत जारी धनराशि का विवरण
(रुपये लाख में)
क्र. सं.
|
राज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नाम
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25*
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
6,199.12
|
14,591.28
|
12,600.57
|
10,795.05
|
20,252.60
|
2
|
अरुणाचल प्रदेश (पूर्वोत्तर)
|
200.24
|
119.54
|
1,010.87
|
693.91
|
1,998.01
|
3
|
असम (पूर्वोत्तर)
|
750
|
1,800.00
|
1,433.65
|
2,732.67
|
10,638.59
|
4
|
बिहार
|
10
|
0
|
0
|
8.95
|
34.12
|
5
|
छत्तीसगढ
|
6,968.12
|
13,259.66
|
19,435.93
|
15,888.89
|
75,241.68
|
6
|
दादरा और नगर हवेली
|
95.7
|
252.55
|
568.22
|
163.45
|
173.77
|
7
|
गुजरात
|
4,755.86
|
1,060.00
|
10,088.95
|
15,667.55
|
23,739.43
|
8
|
हिमाचल प्रदेश
|
255.06
|
599.11
|
483.18
|
829.76
|
1,353.01
|
9
|
जम्मू-कश्मीर
|
0
|
392.4
|
1,200.00
|
891.4
|
373.56
|
10
|
झारखंड
|
2,205.73
|
11,309.20
|
23,562.27
|
23,915.13
|
63,365.39
|
11
|
कर्नाटक
|
2,495.83
|
3,672.86
|
1,768.84
|
2,677.67
|
5,996.19
|
12
|
केरल
|
0
|
229.56
|
1,515.66
|
249
|
1,030.37
|
13
|
लद्दाख
|
0
|
10
|
450
|
800
|
17.41
|
14
|
मध्य प्रदेश
|
14,459.36
|
3,560.00
|
31,817.79
|
13,157.19
|
24,589.25
|
15
|
महाराष्ट्र
|
2,787.16
|
4,393.74
|
12,919.16
|
8,525.91
|
26,849.30
|
16
|
मणिपुर (पूर्वोत्तर)
|
1,268.00
|
398.08
|
2,369.98
|
3,044.92
|
2,325.91
|
17
|
मेघालय (पूर्वोत्तर)
|
1,123.45
|
1,100.00
|
800
|
21,014.66
|
31,442.72
|
18
|
मिजोरम (पूर्वोत्तर)
|
3,283.73
|
6,085.41
|
2,094.54
|
1,242.52
|
14,313.18
|
19
|
नागालैंड (पूर्वोत्तर)
|
5,885.51
|
9,481.60
|
557.71
|
18,377.12
|
698.27
|
20
|
ओडिशा
|
6,174.27
|
10,648.82
|
28,164.31
|
48,934.80
|
60,184.05
|
21
|
राजस्थान
|
12,944.17
|
18,214.71
|
19,463.30
|
13,687.79
|
8,532.54
|
22
|
सिक्किम (पूर्वोत्तर)
|
800.33
|
1,037.88
|
1,047.35
|
1,118.83
|
845.00
|
23
|
तमिलनाडु
|
1,225.14
|
1,190.62
|
1,098.78
|
1,099.80
|
1,738.95
|
24
|
तेलंगाना
|
9,517.30
|
19,695.52
|
12,794.53
|
14,276.17
|
13,492.34
|
25
|
त्रिपुरा (पूर्वोत्तर)
|
6,064.89
|
5,715.44
|
6,435.19
|
6,670.35
|
9,946.98
|
26
|
उत्तर प्रदेश
|
386.68
|
337.49
|
596.23
|
624.14
|
949.43
|
27
|
उत्तराखंड
|
321.28
|
598.39
|
474.95
|
1,537.53
|
3,475.04
|
28
|
पश्चिम बंगाल
|
2,062.45
|
0
|
2,303.67
|
1,869.70
|
1,789.50
|
|
कुल
|
92,239.38
|
1,29,753.86
|
1,97,055.63
|
2,30,494.86
|
4,05,386.59
|
*अनंतिम
अनुलग्नक II
31.05.2025 तक “अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006” के तहत प्राप्त दावों का विवरण, स्वामित्व विलेखों का वितरण, और वितरित की गई वन भूमि की सीमा (व्यक्तिगत और सामुदायिक):
क्र. सं.
|
राज्य
|
प्राप्त दावों की संख्या
31.05.2025 तक
|
वितरित शीर्षकों की संख्या
31.05.2025 तक
|
वन भूमि की सीमा जिसके लिए स्वामित्व वितरित किए गए
(एकड़ में)
|
व्यक्ति
|
समुदाय
|
कुल
|
व्यक्ति
|
समुदाय
|
कुल
|
व्यक्ति
|
समुदाय
|
कुल
|
|
|
1
|
2
|
3
|
4
|
5
|
6
|
7
|
8
|
9
|
1
|
आंध्र प्रदेश
|
285,098
|
3,294
|
288,392
|
226,651
|
1,822
|
228,473
|
454,706
|
526,454
|
981,160.00
|
2
|
असम
|
148,965
|
6,046
|
155,011
|
57,325
|
1,477
|
58,802
|
एनए/एनआर
|
एनए/एनआर
|
एनए/एनआर
|
3
|
बिहार
|
4,696
|
0
|
4,696
|
191
|
0
|
191
|
53.03
|
0.00
|
53
|
4
|
छत्तीसगढ
|
890,220
|
57,259
|
947,479
|
481,432
|
52,636
|
534,068
|
949,770.89
|
9,102,957.49
|
10,052,728.38
|
5
|
गोवा
|
9,757
|
379
|
10,136
|
856
|
15
|
871
|
1,506.45
|
18.66
|
1,525.11
|
6
|
गुजरात
|
183,055
|
7,187
|
190,242
|
98,732
|
4,792
|
103,524
|
168,448.83
|
1,240,680.15
|
1,409,128.99
|
7
|
हिमाचल प्रदेश
|
4,883
|
683
|
5,566
|
662
|
146
|
808
|
126.65
|
62,677.24
|
62,803.89
|
8
|
झारखंड
|
107,032
|
3,724
|
110,756
|
59,866
|
2,104
|
61,970
|
153,395.86
|
103,758.97
|
257,154.83
|
9
|
कर्नाटक
|
288,549
|
5,940
|
294,489
|
14,981
|
1,345
|
16,326
|
20,077.30
|
36,340.52
|
56,417.82
|
10
|
केरल
|
44,455
|
1,014
|
45,469
|
29,422
|
282
|
29,704
|
38,810.58
|
788,651.25
|
827,461.83
|
11
|
मध्य प्रदेश
|
585,326
|
42,187
|
627,513
|
266,901
|
27,976
|
294,877
|
903,533.06
|
1,463,614.46
|
2,367,147.52
|
12
|
महाराष्ट्र
|
397,897
|
11,259
|
409,156
|
199,667
|
8,668
|
208,335
|
461,491.25
|
3,371,497.43
|
3,832,988.68
|
13
|
ओडिशा
|
701,148
|
35,024
|
736,172
|
462,067
|
8,832
|
470,899
|
674,775.33
|
743,193.39
|
1,417,968.72
|
14
|
राजस्थान
|
113,162
|
5,213
|
118,375
|
49,215
|
2,551
|
51,766
|
70,387.18
|
239,763.95
|
310,151.13
|
15
|
तमिलनाडु
|
33,119
|
1,548
|
34,667
|
15,442
|
1,066
|
16,508
|
22,104.80
|
60,468.77
|
82,573.57
|
16
|
तेलंगाना
|
651,822
|
3,427
|
655,249
|
230,735
|
721
|
231,456
|
669,689.14
|
457,663.17
|
1,127,352.32
|
17
|
त्रिपुरा
|
200,557
|
164
|
200,721
|
127,931
|
101
|
128,032
|
465,192.88
|
552.40
|
465,745.28
|
18
|
उत्तर प्रदेश
|
92,972
|
1,194
|
94,166
|
22,537
|
893
|
23,430
|
एनए/एनआर
|
एनए/एनआर
|
एनए/एनआर
|
19
|
उत्तराखंड
|
3,587
|
3,091
|
6,678
|
184
|
1
|
185
|
0.00
|
0.00
|
0.00
|
20
|
पश्चिम बंगाल
|
131,962
|
10,119
|
142,081
|
44,444
|
686
|
45,130
|
21,014.27
|
572.03
|
21,586.29
|
21
|
जम्मू -कश्मीर
|
33,233
|
12,857
|
46,090
|
429
|
5,591
|
6,020
|
एनए/एनआर
|
एनए/एनआर
|
एनए/एनआर
|
कुल
|
4,911,495
|
211,609
|
5,123,104
|
2,389,670
|
121,705
|
2,511,375
|
5075083.51
|
18198863.89
|
23273947.39
|
*****
पीके/एके/केसी/केके/जीआरएस
(Release ID: 2151273)
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