विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
संसद प्रश्न: वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए वित्तीय सहायता और बजट में वृद्धि
Posted On:
31 JUL 2025 5:09PM by PIB Delhi
सरकार ने विज्ञान और अनुसंधान के लिए बजट आवंटन में लगातार वृद्धि की है। पिछले पाँच वर्षों में छह प्रमुख वैज्ञानिक एजेंसियों/विभागों के लिए बजट आवंटन (बजट अनुमान) इस प्रकार है:
स्रोत: केंद्र सरकार की अनुदान मांगें, व्यय बजट, भारत सरकार (विभिन्न वर्ष)
नोट
1. डीएसटी - विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
2. डीएसआईआर/सीएसआईआर - वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग/वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद
3. डीबीटी - जैव प्रौद्योगिकी विभाग
4. डीओएस - अंतरिक्ष विभाग
5. डीएई - परमाणु ऊर्जा विभाग
6. एमओईएस - पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
सरकार युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को सीधे लाभ देने वाली कई फेलोशिप लागू कर रही है। कुछ प्रमुख योजनाओं में शामिल हैं: इंस्पायर फेलोशिप, इंस्पायर फैकल्टी फेलोशिप, विज्ञान और इंजीनियरिंग में महिलाएं (डब्ल्यूआईएसई)-पीएचडी, डब्ल्यूआईएसई-पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप (पीडीएफ), युवा वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों के लिए योजना (एसवाईएसटी) कार्यक्रम ताकि युवा वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीविद अनुप्रयोग उन्मुख सामाजिक रूप से प्रासंगिक अनुसंधान कर सकें, अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ)-राष्ट्रीय पोस्ट-डॉक्टरल फेलोशिप (एनपीडीएफ), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा प्रधानमंत्री प्रारंभिक करियर अनुसंधान अनुदान (पीएमईसीआरजी) और रामानुजन फेलोशिप; जूनियर रिसर्च फेलोशिप प्रोग्राम, जैव प्रौद्योगिकी और जीवन विज्ञान में रिसर्च एसोसिएटशिप प्रोग्राम, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) द्वारा एमके भान यंग रिसर्चर फेलोशिप प्रोग्राम, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-यूजीसी जूनियर रिसर्च फेलोशिप; पीएचडी के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) फेलोशिप; उच्च शिक्षा विभाग (डीएचई) द्वारा प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलोशिप आदि।
सरकार ने देश में अनुसंधान एवं विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार द्वारा किए गए कुछ प्रमुख प्रयासों में शामिल हैं: जीईआरडी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करना; सार्वजनिक-निजी-भागीदारी और अन्य नवीन हाइब्रिड फंडिंग तंत्र जैसे पोर्टफोलियो-आधारित फंडिंग तंत्रों के माध्यम से सहयोगी एसटीआई फंडिंग के अवसर पैदा करना। सरकार ने कॉर्पोरेट क्षेत्र को कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के प्रावधान के तहत अनुसंधान एवं विकास निवेश करने की अनुमति दी है। कॉर्पोरेट अपने सीएसआर के एक भाग के रूप में प्रौद्योगिकी व्यवसाय इन्क्यूबेटरों में निवेश कर सकते हैं या संस्थानों और राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए अनुसंधान प्रयासों में योगदान कर सकते हैं। स्थान-आधारित कर प्रोत्साहन जैसे विशिष्ट निवेश प्रोत्साहन प्रदान किए जाते हैं जो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में व्यवसाय स्थापित करने और करने से उत्पन्न लाभों में 100% कटौती को सक्षम बनाते हैं।
देश में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को उच्च-स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए सरकार ने एएनआरएफ अधिनियम, 2023 के माध्यम से अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) की स्थापना की है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के साथ-साथ निजी क्षेत्र की संस्थाओं को फाउंडेशन की गतिविधियों में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने हेतु विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके अलावा, सरकार ने पाँच वर्षों में ₹1 लाख करोड़ के वित्तीय पूल के साथ अनुसंधान, विकास और नवाचार (आरडीआई) योजना भी शुरू की है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संचालित इस आरडीआई योजना का उद्देश्य उभरते क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और विकास एवं नवाचार को गति प्रदान करना है।
यह जानकारी आज राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी।
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पीके/ एके / केसी/ एसके
(Release ID: 2151034)