मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
बर्ड फ्लू का प्रकोप
Posted On:
30 JUL 2025 4:38PM by PIB Delhi
वर्ष 2025 के दौरान (24 जुलाई 2025 तक) देश के 10 राज्यों महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में घरेलू पोल्ट्री में एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) का प्रकोप रहा।
पिछले पांच वर्षों के दौरान एवियन इंफ्लूएंजा के प्रकोपों की वर्षवार संख्या निम्न है -
S.No
|
सालों
|
प्रकोपों की संख्या
|
1
|
2021
|
118
|
2
|
2022
|
22
|
3
|
2023
|
15
|
4
|
2024
|
49
|
5
|
2025 (24 तक)वां जुलाई 2025)
|
41
|
इसके अतिरिक्त, बाघ, शेर, तेंदुआ, जंगली बिल्ली और घरेलू बिल्ली में एवियन इंफ्लूएंजा की छुट-पुट घटनाएं देखी गई हैं।
पूर्व चेतावनी उपायों के लिए निगरानी को सुदृढ़ करने और प्रणाली विकसित करने तथा एवियन इंफ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए उठाए गए कदम निम्न हैं
i. एवियन इन्फ्लूएंजा की रोकथाम, नियंत्रण और रोकथाम के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (संशोधित 2021) तैयार की गई है। इसमें ऑपरेशन के बाद निगरानी प्रोटोकॉल के साथ-साथ प्रभावित क्षेत्रों की तैयारी, पहचान और अधिसूचना जारी करने, संचालन संचालन, आंदोलन प्रतिबंध, जैव सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन, पोल्ट्री फार्मों, बैकयार्ड पोल्ट्री और जीवित पक्षी बाजारों (एलबीएम), प्रवासी पक्षी आवासों में सक्रिय निगरानी के लिए व्यापक दिशानिर्देश प्रदान किए गए हैं।
ii. शीतकालीन प्रवासी पक्षी मौसम से पहले तैयारियों को बढ़ाने के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह जारी की गई है। इसमें वन हेल्थ के अंतर्गत वन्यजीव और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समन्वय में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में निगरानी को मजबूत करना, पोल्ट्री फार्मों में जैव सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करना, आंदोलन को प्रतिबंधित करना और रैपिड रिस्पांस टीमों (आरआरटी) का गठन शामिल है।
iii. कुक्कुट रोग कार्य योजना, 2024 को बैकयार्ड और वाणिज्यिक पोल्ट्री फार्मों के लिए जैव सुरक्षा दिशानिर्देश सहित एक लचीला और रोग मुक्त पोल्ट्री क्षेत्र बनाने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
iv. पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एलएचडीसीपी) के पशु रोग नियंत्रण (एएससीएडी) के लिए राज्यों को सहायता घटक के तहत पक्षियों को मारने के लिए प्रभावित कुक्कुट मालिकों को मुआवजा देने के लिए साझा आधार पर राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता दी जाती है। प्रयोगशालाओं की स्थापना और सुदृढ़ीकरण, अनुसंधान और नवाचार, क्षमता निर्माण और अच्छी पशुपालन पद्धतियों, जैव सुरक्षा / स्वच्छता उपायों, असामान्य मृत्यु दर की घटनाओं की समय पर रिपोर्टिंग आदि जैसे विषयों पर प्रशिक्षण/जागरूकता के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है।
v. प्रकोपों की जांच करने और क्षेत्र में जांच तथा नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यों के लिए सहायता के लिए एक राष्ट्रीय संयुक्त प्रकोप प्रतिक्रिया दल (एनजेओआरटी) का गठन किया गया है। इसमें पशुपालन और डेयरी विभाग, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के प्रतिनिधि शामिल हैं।
vi. विभाग स्थानीय प्रकोपों के बीच व्यापार निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए डब्ल्यूओएएच दिशानिर्देशों के अनुरूप पोल्ट्री उत्पादों के लिए एवियन इन्फ्लूएंजा रोग मुक्त डिब्बों के गठन की अनुमति दे रहा है।
vii. देश में रोग निवारण में सहायता करने के लिए एक अतिरिक्त उपकरण जोड़ते हुए स्वदेशी बीज स्ट्रेन का उपयोग करके लो पैथोजेनिक एवियन इन्फ्लूएंजा (एच9एन2) वैक्सीन के उपयोग की अनुमति दी गई है।
viii. आईसीएआर-एनआईवीईडीआइ की राष्ट्रीय पशु रोग रेफरल विशेषज्ञ प्रणाली (एनएडीआरईएस_वी2) ने अग्रिम तैयारी और प्रतिक्रिया के लिए रोग पूर्वानुमान के 2 महीने पहले पूर्वानुमान देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित एक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित की है।
यह जानकारी केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल ने आज 30 जुलाई, 2025 को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
*****
पीके/ एके / केसी/ एसके
(Release ID: 2150395)