कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
स्वावलंबिनी महिला उद्यमिता कार्यक्रम
Posted On:
30 JUL 2025 4:56PM by PIB Delhi
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने नीति आयोग के महिला उद्यमिता मंच के सहयोग से ज्ञान भागीदार के रूप में, फरवरी 2025 में असम, मेघालय, मिजोरम, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना के छह उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई)/विश्वविद्यालयों में प्रायोगिक परियोजना के रूप में स्वावलंबिनी - महिला उद्यमिता कार्यक्रम - शुरू किया। मंत्रालय अपने स्वायत्त संस्थानों, अर्थात् राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी), नोएडा और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई), गुवाहाटी के माध्यम से इस कार्यक्रम को कार्यान्वित कर रहा है।
स्वावलंबिनी परियोजना युवा महिलाओं को विचार से लेकर सफल उद्यम निर्माण तक के परिवर्तन में मदद करने के लिए संरचित, बहु-चरणीय प्रशिक्षण दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। इस परियोजना का उद्देश्य छात्राओं में उद्यमशीलता की मानसिकता विकसित करना है और उन्हें उद्यमिता को करियर के रूप में अपनाने के लिए आवश्यक उपलब्ध सहायता तंत्रों, योजनाओं, संसाधनों और नेटवर्क के बारे में जागरूक बनाना है।
स्वावलंबिनी परियोजना के लक्षित समूह में उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) और विश्वविद्यालयों की 1200 छात्राएँ शामिल हैं, जो उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (ईएपी) के माध्यम से उद्यमिता जागरूकता पर एक परिचयात्मक कार्यक्रम में भाग लेंगी। इनमें से, ईएपी प्रतिभागियों में से चयनित 600 छात्राएँ उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) में भाग लेंगी। इसमें कौशल विकास, वित्त तक पहुँच, बाज़ार संपर्क, अनुपालन और कानूनी सहायता, व्यावसायिक सेवाएँ और नेटवर्किंग के अवसर जैसे महत्वपूर्ण व्यावसायिक पहलुओं को शामिल करते हुए गहन उद्यमिता विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इसके बाद प्रतिभागियों को अपने विचारों को स्थायी उद्यमों में बदलने में मदद करने के लिए 21 सप्ताह का मार्गदर्शन और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।
एमएसडीई कार्यक्रम के कार्यान्वयन, पर्यवेक्षण और निगरानी की देखरेख करेगा, जबकि नीति आयोग कार्यशालाओं का आयोजन करेगा, मार्गदर्शन सहायता प्रदान करेगा, प्रारंभिक निधि की सुविधा प्रदान करेगा और अवार्ड टू रिवॉर्ड (एटीआर) पहल के माध्यम से सफल उद्यमियों को सम्मानित करेगा।
मेंटरिंग और मार्गदर्शन के दौरान, उद्योग जगत के अग्रणी और सफल उद्यमी प्रतिभागियों को मार्गदर्शन और व्यावहारिक सहायता प्रदान करके उनका मार्गदर्शन करेंगे। सफल उद्यमियों को अपने अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसमें उन्होंने जिन चुनौतियों का सामना किया और अपने व्यवसाय को स्थापित करने के लिए जिन रणनीतियों का उपयोग किया, उन पर प्रकाश डाला जाएगा।
दीर्घकालिक प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए, कार्यक्रम में संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी) भी शामिल है। इसमें भाग लेने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों/विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्य पाँच दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में शामिल होंगे। यह पहल शिक्षकों को अपने संस्थानों में महत्वाकांक्षी महिला उद्यमियों को मार्गदर्शन और सलाह देने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करेगी।
प्रायोगिक परियोजना के अंतर्गत 15.07.2025 तक प्रशिक्षित प्रतिभागियों का कार्यक्रमवार विवरण इस प्रकार है:
कार्यक्रम का नाम
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कुल लक्ष्य
|
कुल प्रशिक्षित
|
संकाय विकास कार्यक्रम (एफडीपी)
|
75
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43
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उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (ईएपी)
|
1200
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996
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उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी)
|
600
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139
|
प्रायोगिक स्वावलंबिनी कार्यक्रम के परिणामों के आधार पर, मंत्रालय उच्च शिक्षा में उद्यमशीलता संबंधी ज्ञान को समाहित करने के उद्देश्य से, अधिक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च शिक्षा संस्थानों के व्यापक नेटवर्क तक स्वावलंबिनी कार्यक्रम के विस्तार की व्यवहार्यता का आकलन करेगा। इससे युवा महिलाओं को रोजगार सृजनकर्ता बनने और भारत के नवाचार एवं उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र में सार्थक योगदान देने के लिए सशक्त बनाया जा सकेगा।
यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2150311)