भारी उद्योग मंत्रालय
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भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र

Posted On: 29 JUL 2025 4:37PM by PIB Delhi

वर्ष 2014 से वर्ष 2025 तक पूंजीगत वस्तु क्षेत्र के उप-क्षेत्रों के उत्पादन में वृद्धि का विवरण निम्नानुसार है:

(करोड़ रुपये में)

क्र.सं.

पूंजीगत वस्तुओं का उप-क्षेत्र

2014-15

2015-16

2016-17

2017-18

2018-19

2019-20

2020-21

2021-22

2022-23

2023-24

2024-25*

1

मशीन टूल्स-उत्पादन

4230

4726

5803

7294

9612

6152

6602

9307

11956

13571

14286

2

डाई, मोल्ड और प्रेस उपकरण

14647

15000

14750

16068

13600

13682

12294

13128

13915

15600

18400

3

कपड़ा मशीनरी

6960

6580

6650

6900

6865

5355

5093

11658

14033

14639

10461

4

मुद्रण मशीनरी-उत्पादन

15748

16916

13986

12968

12390

12678

10058

13215

16107

23479

29716

5

भू-संचालन और खनन मशीनरी

17000

18500

25000

31800

38900

31020

29021

28674

37551

73000

80750

6

प्लास्टिक प्रसंस्करण मशीनरी- उत्पादन

2950

2700

3000

3375

3100

2350

3710

3850

3912

4310

4827

7

खाद्य प्रसंस्करण मशीनरी

20000

13206

15246

15600

8750

7547

10250

12210

13203

13863

15249

8

प्रक्रिया संयंत्र उपकरण

18900

19000

19500

18400

27400

29250

21938

24000

23415

27396

31505

9

भारी विद्युत उपकरण

140308

147136

159257

176823

193781

179199

167706

219158

258832

302900

372200

 

*वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित आंकड़े

स्रोत: उद्योग संघ अर्थात् आईईईएमए, आईएमटीएमए, टीएजीएमए, एएफटीपीएआई, पीएमएमएआई, पीपीएमएआई, टीएमएमए, आईसीईएमए और आईपीएएमए

वर्तमान अनुमानों के अनुसार, पूंजीगत वस्तु उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 1.9% का योगदान देता है।

25 जनवरी, 2022 को, भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) ने सामान्य प्रौद्योगिकी विकास और सेवा अवसंरचना को सहायता प्रदान करने के लिए "भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने की योजना- चरण-II" शुरू की। इसका कुल वित्तीय परिव्यय 1207 करोड़ रुपये है, जिसमें 975 करोड़ रुपये का बजटीय समर्थन और 232 करोड़ रुपये का उद्योग योगदान शामिल है। इस योजना के तहत कुल 33 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन 33 परियोजनाओं में 9 उत्कृष्टता केंद्र (सीओई), 5 सामान्य इंजीनियरिंग सुविधा केंद्र (सीईएफसी), 7 परीक्षण और प्रमाणन केंद्र, प्रौद्योगिकी विकास के लिए 9 उद्योग त्वरक और कौशल स्तर 6 और उससे ऊपर के लिए योग्यता पैक (क्यूपी) निर्माण की 3 परियोजनाएँ शामिल हैं।

यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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पीके/एके/केसी/जीके/एसएस


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