वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय
azadi ka amrit mahotsav

पेटेंट कार्यालय (सीजीपीडीटीएम) ने कंप्यूटर संबंधी खोजों (सीआरआई) की जांच के लिए संशोधित दिशानिर्देश, 2025 जारी किए


नए दिशानिर्देशों में एआई, एमएल, ब्लॉकचेन, क्वांटम कंप्यूटिंग और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए प्रावधान शामिल

भारत के पेटेंट पारिस्थितिकी तंत्र में पारदर्शिता, एकरूपता और नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम

Posted On: 29 JUL 2025 4:17PM by PIB Delhi

पेटेंट, डिज़ाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय (सीजीपीटीडीएम) ने कंप्यूटर संबंधी खोजों (सीआरआई) की जांच के लिए संशोधित दिशानिर्देश, 2025 जारी किए हैं। नए दिशानिर्देशों का उद्देश्य सीआरआई की जांच में स्पष्टता, एकरूपता और पूर्वानुमेयता को बढ़ाना है, साथ ही भारत की पेटेंटिंग प्रथाओं को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है। यह तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

संशोधित दिशानिर्देशों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), डीप लर्निंग (डीएल), क्लाउड कंप्यूटिंग, क्वांटम कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों से संबंधित आविष्कारों के लिए प्रमुख विचारों को शामिल किया गया है।

संशोधित सीआरआई दिशानिर्देश, 2025 की प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं:

सीआरआई की बारीकियों को स्पष्ट करते हुए न्यायशास्त्र पर एक विस्तृत अध्याय को जोड़ना;

पेटेंट अधिनियम की धारा 3(के) के लिए चरणबद्ध मूल्यांकन पद्धति, कई उदाहरणों के सहयोग से;

धारा 3(के) के तहत मूल्यांकन प्रक्रिया को समझने में आईपीओ अधिकारियों सहित हितधारकों की सहायता के लिए फ्लोचार्ट;

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल) और डीप लर्निंग (डीएल), ब्लॉकचेन, क्वांटम कंप्यूटिंग से जुड़ी खोजों की जांच पर एक व्यापक अध्याय, जिसमें परिदृश्य-आधारित उदाहरण, प्रकटीकरण जरूरतों की पर्याप्तता और वे पहलू शामिल हैं जो इसे धारा 3(के) के अंतर्गत बहिष्करण के दायरे से बाहर कर सकते हैं।

एक अनुलग्नक जिसमें मुख्य भाग में दिए गए 20 उदाहरणों के अलावा 40 अन्य उदाहरणों की एक सांकेतिक सूची शामिल है, जो धारा 3(के) के अंतर्गत स्वीकार्य और अस्वीकार्य दावों को दर्शाता है।

सीआरआई की जांच हेतु मसौदा दिशानिर्देश, 2025 (संस्करण 1.0) 25 मार्च 2025 को प्रकाशित किए गए, जिसके बाद सभी चार पेटेंट कार्यालय स्थानोंचेन्नई, दिल्ली, कोलकाता और मुंबईमें हितधारकों के साथ एक संरचित परामर्श प्रक्रिया आयोजित की गई। प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर, सीआरआई की जांच के लिए संशोधित मसौदा दिशानिर्देश, 2025 संस्करण 2.0, आगे की टिप्पणियों के लिए 26 जून 2025 को प्रकाशित किया गया। हितधारकों के सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद, अब अंतिम संशोधित दिशानिर्देश अधिसूचित कर दिए गए हैं।

संशोधित दिशानिर्देशों का उद्देश्य सीआरआई परीक्षा पद्धतियों में एकरूपता और पारदर्शिता लाना है और भारतीय पेटेंट पारिस्थितिकी तंत्र में निर्णय लेने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में मदद करना है। दस्तावेज में पेटेंट योग्यता संबंधी चुनौतियों के प्रभावी समाधान में सहायता के लिए प्रचलित न्यायशास्त्र के अनुसार विषय-विशिष्ट उदाहरण भी शामिल हैं।

पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक, प्रो. (डॉ.) उन्नत पी. पंडित ने कहा कि संशोधित दिशानिर्देश आविष्कारकों और अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ के रूप में काम करेंगे, विशेष रूप से एआई-क्रियान्वित और अन्य विघटनकारी प्रौद्योगिकी-आधारित खोजों की पेटेंट योग्यता को निर्धारित करने में।

अधिसूचित दिशानिर्देश अब सीजीपीडीटीएम की आधिकारिक वेबसाइट www.ipindia.gov.in पर उपलब्ध हैं। पारदर्शी और सहयोगात्मक निर्णय लेने की प्रतिबद्धता के अनुरूप, दोनों प्रारूप संस्करणों पर प्राप्त प्रतिक्रियाओं का संकलन, साथ ही चारों स्थानों पर आयोजित व्यक्तिगत परामर्शों के सारांश भी प्रकाशित किए गए हैं।

सीजीपीडीटीएम कार्यालय परामर्श प्रक्रिया के दौरान सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी और बहुमूल्य योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करता है।

*******

पीके/एके/केसी/एमएम/डीके


(Release ID: 2149862) Visitor Counter : 9
Read this release in: English , Urdu