सहकारिता मंत्रालय
सहारा सहकारी समितियों में जमा धन की वापसी की स्थिति
Posted On:
29 JUL 2025 4:46PM by PIB Delhi
सर्वोच्च न्यायालय ने डब्ल्यूपी (सी) संख्या 191/2022 (पिनाक पाणि मोहंती बनाम यूओआई और अन्य) में सहकारिता मंत्रालय की दायर एक अंतरिम आवेदन में 29.03.2023 को अन्य बातों के साथ-साथ आदेश दिया कि:
“(i) “सहारा-सेबी रिफंड खाते” में पड़ी 24,979.67 करोड़ रुपये की कुल राशि में से, 5000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार को हस्तांतरित किए जाएंगे, जो सहारा समूह के सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं के वैध बकाये की वापसी के लिए इसे वितरित करेंगे। बकाये की राशि वास्तविक जमाकर्ताओं को सबसे पारदर्शी तरीके से और उचित पहचान तथा उनके जमा का प्रमाण और उनके दावों का प्रमाण प्रस्तुत करने पर भुगतान किया जाएगा जो सीधे उनके संबंधित बैंक खातों में जमा किया जाएगा।
(ii) इस संवितरण की निगरानी और पर्यवेक्षण सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी विद्वान अधिवक्ता श्री गौरव अग्रवाल की सक्षम सहायता से करेंगे, जिन्हें सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं को राशि वितरित करने में न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार की सहायता के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया गया है। बकाया राशि भुगतान करने की विधि और तौर-तरीके सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी और विद्वान अधिवक्ता श्री गौरव अग्रवाल के परामर्श से केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार करेंगे।
सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 29.03.2023 के आदेश के अनुपालन में, सहारा समूह की 4 बहु-राज्यीय सहकारी समितियों, अर्थात् सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ; सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल; हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता; और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद के वास्तविक जमाकर्ताओं की ओर से अपनी वैध जमा राशि की वापसी हेतु दावे प्रस्तुत करने के लिए 18.07.2023 को एक ऑनलाइन पोर्टल "सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल" https://mocrefund.crcs.gov.in लॉन्च किया गया है। संवितरण की पूरी प्रक्रिया डिजिटल और कागज़ रहित है और यह सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर. सुभाष रेड्डी की देखरेख और निगरानी में न्याय मित्र श्री गौरव अग्रवाल की सहायता से की जा रही है।
पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों की उचित पहचान और पहचान तथा जमा राशि का प्रमाण प्रस्तुत करने के बाद पारदर्शी तरीके से निपटान किया जा रहा है। भुगतान सीधे वास्तविक जमाकर्ताओं के आधार से जुड़े बैंक खाते में जमा किया जा रहा है। मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार, जिन जमाकर्ताओं की जमा राशि 31.03.2023 तक परिपक्व हो चुकी है और जिसका भुगतान नहीं किया गया है, वे पोर्टल पर अपना आवेदन जमा करने के पात्र हैं। अभी सहारा समूह के प्रत्येक वास्तविक जमाकर्ता को आधार से जुड़े बैंक खाते के माध्यम से सत्यापित दावों के आधार पर केवल 50,000/- रुपये तक की मूल राशि का भुगतान किया जा रहा है। इसके अलावा, छोटे जमाकर्ताओं को प्राथमिकता और धन की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए, समय-समय पर प्रति जमाकर्ता संवितरण की अधिकतम सीमा बढ़ाई जाती है।
इसके अलावा, पोर्टल पर जमाकर्ता के आवेदन में कोई कमी पाए जाने पर, उन्हें 15.11.2023 को पहले से लॉन्च किए गए “पुनः प्रस्तुतीकरण पोर्टल” https://mocresubmit.crcs.gov.in के माध्यम से अपने आवेदन को पुनः प्रस्तुत करने के लिए कमियों से अवगत कराया जा रहा है।
23.07.2025 तक, सहारा समूह सहकारी समितियों के 1,35,34,410 जमाकर्ताओं में से 27,33,520 जमाकर्ताओं को 5,139.23 करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है और 523.72 करोड़ रुपये की राशि वितरण के लिए उपलब्ध है। सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा जमाकर्ताओं को धन वापसी के वितरण हेतु 31.12.2025 तक की अवधि बढ़ा दी है।
यह बात सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।
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(Release ID: 2149830)