कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
प्रमुख कौशल मिशन
Posted On:
28 JUL 2025 5:13PM by PIB Delhi
देश के युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार करने के लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) कौशल भारत मिशन (एसआईएम) के तहत विभिन्न योजनाओं के तहत कौशल विकास केंद्रों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से कुशन बनाना, पुनः कौशल प्रदान करना और अप-स्किल प्रशिक्षण प्रदान करना है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) और शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के माध्यम से औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को पूरे देश के समाज के सभी वर्गों तक पहुंचाया जा रहा है। एसआईएम का उद्देश्य भारत के कुशल श्रमिकों को उद्योग प्रासंगिक कौशल के साथ भविष्य के लिए तैयार करना है।
एमएसडीई योजनाओं में पीएमकेवीवाई के अल्पकालिक प्रशिक्षण घटक के तहत प्रारंभिक तीन स्वरूपों पीएमकेवीवाई 1.0, पीएमकेवीवाई 2.0 और पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत प्लेसमेंट को ट्रैक किया गया, जिन्हें वित्त वर्ष 2015-16 से वित्त वर्ष 2021-22 तक लागू किया गया। पीएमकेवीवाई के इन तीन संस्करणों में देश भर में नियोजित उम्मीदवारों की संख्या 24,37,887 है।
पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत हमारे प्रशिक्षित उम्मीदवारों को अपने अलग करियर की राह चुनने और इसके लिए उन्हें उपयुक्त रूप से तैयार करने के लिए सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके अलावा स्किल इंडिया डिजिटल हब जैसे विभिन्न आईटी उपकरण भी यह अवसर प्रदान करते हैं।
भावी कार्यबल की कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने, प्रशिक्षुओं के कौशल और रोजगार क्षमता में सुधार करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि विभिन्न एमएसडीई योजनाओं के माध्यम से प्रदान किए गए कौशल वर्तमान उद्योग की आवश्यकताओं और तकनीकी प्रगति के अनुरूप हों, निम्नलिखित विशिष्ट कदम उठाए गए हैं:
- एमएसडीई की योजनाओं के तहत प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रम बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए उद्योगों के सहयोग से विकसित किए जाते हैं। संबंधित क्षेत्रों में उद्योग जगत के अग्रणी लोगों के नेतृत्व में 36 क्षेत्र कौशल परिषदों (एसएससी) की स्थापना की गई है, जिन्हें कौशल विकास आवश्यकताओं की पहचान करने के साथ-साथ कौशल योग्यता मानकों का निर्धारण करने का दायित्व सौंपा गया है।
- राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) की स्थापना एक व्यापक नियामक के रूप में की गई है, जो तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (टीवीईटी) क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियम एवं मानक स्थापित करता है।
- एनसीवीईटी द्वारा मान्यता प्राप्त पुरस्कार प्रदान करने वाले निकायों से अपेक्षा की जाती है कि वे उद्योग की मांग के अनुसार योग्यताएं विकसित करें और उन्हें राष्ट्रीय व्यवसाय वर्गीकरण, 2015 के अनुसार पहचाने गए व्यवसायों के साथ जोड़ें और उद्योग से मान्यता प्राप्त करें।
- राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) से जुड़े पाठ्यक्रमों में ऑन जॉब ट्रेनिंग (ओजेटी) और रोजगार कौशल के घटक भी शामिल हैं।
- प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) फ्लेक्सी एमओयू योजना और दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली (डीएसटी) लागू कर रहा है। इन पहल का उद्देश्य आईटीआई छात्रों को औद्योगिक वातावरण में प्रशिक्षण प्रदान करना है।
- कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के तत्वावधान में प्रशिक्षण महानिदेशक (डीजीटी) ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) और राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में 31 नए युग/भविष्य कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए हैं ताकि कृत्रिम बुद्धिमत्ता(एआई), मेक्ट्रोनिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सुरक्षा, सेमीकंडक्टर आदि जैसे उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।
- डीजीटी ने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) पहल के तहत राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर संस्थानों के लिए उद्योग संपर्क सुनिश्चित करने हेतु आईबीएम, सीआईएससीओ, फ्यूचर स्किल राइट्स नेटवर्क, अमेज़न वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) और माइक्रोसॉफ्ट जैसी आईटी टेक कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
- पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत आगामी बाजार की मांग और उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप एआई/एमएल, रोबोटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स, ड्रोन तकनीक आदि जैसे क्षेत्रों में नए युग/भविष्य के कौशल से संबंधित नौकरियों को विशेष रूप से उद्योग 4.0 आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है।
- एनएपीएस के तहत प्रशिक्षुता प्रशिक्षण और प्रशिक्षुता कार्यक्रमों के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ सहभागिता बढ़ाने को बढ़ावा दिया जाता है।
- भारत सरकार ने विदेशों में कुशल श्रमिकों की मांग को पूरा करने के लिए 30 स्किल इंडिया अंतरराष्ट्रीय केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है।
- अहमदाबाद और मुंबई में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में स्थापित भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) अत्याधुनिक तकनीक और व्यावहारिक प्रशिक्षण से सुसज्जित, उद्योग 4.0 के लिए उद्योग-तैयार कार्यबल तैयार करने हेतु प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
- बाजार आधारित कार्यक्रम के तहत एनएसडीसी उन प्रशिक्षण प्रदाताओं को सहायता प्रदान करता है जो कौशल पाठ्यक्रमों को उद्योग की मांग के साथ जोड़ते हैं। इसके अलावा डिजिटल पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए एडब्ल्यूएस, माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, रेडहैट, पियर्सन वीयूई, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी), सिस्को नेटवर्किंग अकादमी जैसे कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ भागीदारी की है।
- इसके अलावा प्रमाणित उम्मीदवारों को प्लेसमेंट और प्रशिक्षुता के अवसर प्रदान करने के लिए रोजगार मेले और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेले (पीएमएनएएम) का आयोजन किया गया है।
- प्रशिक्षकों की बेहतर गुणवत्ता के लिए राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) और प्रशिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीओटी) के माध्यम से प्रशिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
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