कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
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कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत नामांकन, रोजगार और प्रतिधारण

Posted On: 28 JUL 2025 5:11PM by PIB Delhi

भारत सरकार के स्किल इंडिया मिशन (एसआईएम) के अंतर्गत, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के अंतर्गत कौशल विकास केन्द्रों/संस्थानों आदि जैसे विभिन्न योजनाओं के एक व्यापक नेटवर्क के जरिए उत्तर प्रदेश सहित देश भर में समाज के सभी वर्गों को कुशल (स्किल्ड), पुनर्कुशल (रीस्किल्ड) और उन्नत कौशल से लैस (अपस्किल्ड) करने संबंधी प्रशिक्षण प्रदान करता है। इस एसआईएम का उद्देश्य भारत के युवाओं को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तैयार करना और उन्हें उद्योग-संबंधित कौशल से लैस करना है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 से एमएसडीई की विभिन्न योजनाओं के तहत प्रशिक्षित उम्मीदवारों की कुल संख्या नीचे दी गई है:  

 

योजना

2021-22

2022-23

2023-24

2024-25

पीएमकेवीवाई

6,16,040

2,11,170

5,39,340

20,34,686

जेएसएस

4,61,996

7,26,284

5,07,337

4,55,856

एनएपीएस

5,90,785

7,38,252

9,32,731

9,85,641

सीटीएस

12,25,851

12,51,181

14,45,362

13,09,640

 

नोट: एनएपीएस के तहत डेटा कार्यरत प्रशिक्षुओं से संबंधित है और सीटीएस में डेटा सत्र 2021-2024 के लिए नामांकित उम्मीदवारों का है

कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) की योजनाओं में, पीएमकेवीवाई के पहले  तीन संस्करणों, यानी पीएमकेवीवाई 1.0, पीएमकेवीवाई 2.0 और पीएमकेवीवाई 3.0जिन्हें 2015-16 से 2021-22 तक लागू किया गया, के दौरान अल्पकालिक प्रशिक्षण घटक के तहत प्लेसमेंट पर नज़र रखी गई। पीएमकेवीवाई के इन तीनों संस्करणों में देश भर में 24,37,887 उम्मीदवारों को नौकरी मिली। पीएमकेवीवाई 4.0 के तहत, प्रशिक्षित उम्मीदवारों को अपने करियर का विविध विकल्प चुनने और उन्हें इसके लिए उपयुक्त रूप से उन्मुख करने हेतु सशक्त बनाने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। इसके अलावा, स्किल इंडिया डिजिटल हब जैसे विभिन्न आईटी उपकरण भी यह अवसर प्रदान करते हैं।

एमएसडीई की योजनाओं के तीसरे पक्ष के मूल्यांकन ने उनके सकारात्मक परिणाम को स्वीकार किया है और प्रशिक्षित उम्मीदवारों की नियुक्ति या आजीविका में सुधार के संदर्भ में उनकी सफलता का उल्लेख किया है, जैसा कि नीचे दर्शाया गया है:

पीएमकेवीवाई: एमएसडीई की प्रमुख योजना पीएमकेवीवाई का मूल्यांकन नीति आयोग द्वारा अक्टूबर 2020 में किया गया था। अध्ययन के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल लगभग 94 प्रतिशत नियोक्ताओं ने बताया कि वे पीएमकेवीवाई के तहत प्रशिक्षित और अधिक उम्मीदवारों को नियुक्त करेंगे। इसके अलावा, पूर्णकालिक/अंशकालिक रोजगार में रखे गए और आरपीएल घटक के तहत उन्मुख 52 प्रतिशत उम्मीदवारों को उच्च वेतन मिला या उन्हें लगा कि उन्हें अपने अप्रमाणित साथियों की तुलना में अधिक वेतन मिलेगा।

जेएसएस: 2020 में जेएसएस योजना पर किए गए मूल्यांकन अध्ययन में पाया गया है कि इस योजना ने उन लाभार्थियों की घरेलू आय लगभग दोगुनी करने में मदद की है जिन्हें जेएसएस प्रशिक्षण के बाद रोजगार मिला है या वे स्वरोजगार कर रहे हैं। 79 प्रतिशत महिला प्रतिनिधित्व, 50.5 प्रतिशत ग्रामीण हिस्सेदारी, बेहतर आजीविका के लिए रोजगार में 73.4 प्रतिशत बदलाव, प्रत्येक लाभार्थी की औसत आय में 89.1 प्रतिशत बदलाव, जेएसएस द्वारा लाभार्थियों का 85.7 प्रतिशत जुटाव को ध्यान में रखते हुए, रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस योजना की उपयोगिता इस तथ्य से और स्पष्ट होगी कि 77.05 प्रतिशत लाभार्थी प्रशिक्षुओं ने व्यावसायिक बदलाव किए हैं। अध्ययन ने इस बात की भी पुष्टि की कि इस योजना में कौशल का फोकस स्वरोजगार पर है जोकि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप है।

आईटीआई: एमएसडीई द्वारा 2018 में प्रकाशित आईटीआई स्नातकों के ट्रेसर अध्ययन की अंतिम रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि कुल आईटीआई उत्तीर्णों में से 63.5 प्रतिशत को रोजगार मिला (वेतन+स्व, जिनमें से 6.7 प्रतिशत स्व-नियोजित हैं)।

एनएपीएस: 2021 में किए गए एनएपीएस के तृतीय-पक्ष मूल्यांकन अध्ययन से पता चला है कि इस योजना ने व्यवस्थित ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण प्रदान करके युवाओं की रोजगार क्षमता को सफलतापूर्वक बढ़ाया है और विभिन्न उद्योगों में प्रशिक्षुओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस योजना के नए संस्करण में, सरकार के हिस्से को सीधे प्रशिक्षुओं के बैंक खातों में हस्तांतरित करने के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) पद्धति को अपनाया गया है, क्योंकि रिपोर्ट में सुव्यवस्थित प्रतिपूर्ति प्रक्रिया की सिफारिश की गई थी।

यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।  

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पीके/एके/केसी/आर/एसएस


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