कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
कौशल विकास के माध्यम से स्टार्टअप को समर्थन
Posted On:
28 JUL 2025 5:17PM by PIB Delhi
भारत सरकार के कौशल भारत मिशन (एस.आई.एम.) के अंतर्गत, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कौशल विकास केंद्रों के एक व्यापक नेटवर्क के माध्यम से कौशल, पुनः-कौशल और उच्च-कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है। इनमें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एन.ए.पी.एस.) और शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) शामिल हैं। इसे देश भर के सभी समाजिक वर्गों के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है। एसआईएम का उद्देश्य भारत के युवाओं को उद्योग-संबंधित कौशल से सुसज्जित कर उन्हें भविष्य के लिए तैयार करना है।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रदान किए जाने वाले कौशल वर्तमान उद्योग आवश्यकताओं के अनुरूप हों तथा इससे युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार हो, एमएसडीई द्वारा निम्नलिखित विशिष्ट कदम उठाए गए हैं:
(i) राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) की स्थापना एक व्यापक नियामक के रूप में की गई है, जो तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (टीवीईटी) क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियम एवं मानक स्थापित करता है।
(ii) एनसीवीईटी द्वारा मान्यता प्राप्त पुरस्कार देने वाली संस्थाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे उद्योग की मांग के अनुसार योग्यताएं विकसित करें और उन्हें राष्ट्रीय व्यवसाय वर्गीकरण, 2015 के अनुसार पहचाने गए व्यवसायों के साथ जोड़ें तथा उद्योग से मान्यता प्राप्त करें।
(iii) संबंधित क्षेत्रों के उद्योग जगत के अग्रणी लोगों के नेतृत्व में 36 क्षेत्र कौशल परिषदें (एसएससी) स्थापित की गई हैं, जिनका कार्य संबंधित क्षेत्रों की कौशल विकास आवश्यकताओं की पहचान करना और कौशल योग्यता मानकों का निर्धारण करना है। एनएसडीसी, बाज़ार-आधारित कार्यक्रम के अंतर्गत, उन प्रशिक्षण प्रदाताओं को सहायता प्रदान करता है जो उद्योग जगत की माँग के साथ सहयोग और कौशल पाठ्यक्रमों को संरेखित करते हैं।
(iv) एमएसडीई के तत्वावधान में प्रशिक्षण महानिदेशक (डीजीटी) फ्लेक्सी एमओयू योजना और प्रशिक्षण की दोहरी प्रणाली (डीएसटी) को क्रियान्वित कर रहा है, जिसका उद्देश्य आईटीआई छात्रों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार औद्योगिक वातावरण में प्रशिक्षण प्रदान करना है।
(v) पीएमकेवीवाई के अंतर्गत, नए युग/भविष्य के कौशल वाली नौकरी-भूमिकाओं को आगामी बाजार मांग और उद्योग की आवश्यकताओं के लिए एआई/एमएल, रोबोटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी आदि जैसे क्षेत्रों में उद्योग 4.0 आवश्यकताओं के साथ विशेष रूप से संरेखित किया गया है।
(vi) डीजीटी ने 5जी नेटवर्क तकनीशियन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग सहायक, साइबर सुरक्षा सहायक, ड्रोन तकनीशियन आदि जैसे उभरते क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सीटीएस के तहत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) और राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में नए युग/भविष्य कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए हैं।
(vii) डीजीटी ने सीएसआर पहलों के तहत राज्य और क्षेत्रीय स्तर पर संस्थानों के लिए उद्योग संपर्क सुनिश्चित करने हेतु आईबीएम, सिस्को, फ्यूचर स्किल राइट्स नेटवर्क, अमेज़न वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) और माइक्रोसॉफ्ट जैसी आईटी प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। ये साझेदारियाँ आधुनिक तकनीकों में तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण के प्रावधान को सुगम बनाती हैं।
(viii) सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में अहमदाबाद और मुंबई में स्थापित भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और व्यावहारिक प्रशिक्षण से लैस उद्योग 4.0 के लिए उद्योग-तैयार कार्यबल का एक पूल बनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।
(ix) एमएसडीई के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने डिजिटल पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए एडब्ल्यूएस, माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, रेडहैट, पियर्सन वीयूई, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी), सिस्को नेटवर्किंग अकादमी जैसे कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ साझेदारी की है।
(x) एमएसडीई ने स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) नामक एक एकीकृत मंच शुरू किया है जो कौशल, शिक्षा, रोज़गार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को एकीकृत करता है ताकि विभिन्न हितधारकों को लक्षित करते हुए आजीवन सेवाएँ प्रदान की जा सकें। प्रशिक्षित उम्मीदवारों का विवरण संभावित नियोक्ताओं से जुड़ने के लिए एसआईडीएच पोर्टल पर उपलब्ध है। एसआईडीएच के माध्यम से, उम्मीदवार नौकरियों और प्रशिक्षुता के अवसरों तक पहुँच प्राप्त कर सकते हैं।
(xi) इसके अलावा, प्रमाणित उम्मीदवारों को प्लेसमेंट और प्रशिक्षुता के अवसर प्रदान करने के लिए रोजगार मेले और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षुता मेले (पीएमएनएएम) का आयोजन किया गया है।
भारत सरकार ने उद्यमिता शिक्षा, प्रशिक्षण, वकालत और उद्यमिता नेटवर्क तक आसान पहुँच के माध्यम से एक अधिक समावेशी उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए विभिन्न पहल की हैं। भारत सरकार उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों को क्रियान्वित करती है, जैसे प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम; सूक्ष्म एवं लघु उद्यम-क्लस्टर विकास कार्यक्रम; पारंपरिक उद्योगों के पुनरुद्धार हेतु निधि योजना; नवाचार, ग्रामीण उद्योग एवं उद्यमिता प्रोत्साहन योजना; स्टार्टअप इंडिया; स्टार्टअप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम; प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकीकरण; प्रौद्योगिकी ऊष्मायन एवं उद्यमी विकास योजना; आदि।
भारत सरकार ने नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने तथा देश के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु एक मज़बूत तंत्र बनाने के उद्देश्य से 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल की शुरुआत की। स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स (एफएफएस), स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) और स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम (सीजीएसएस) जैसी प्रमुख योजनाएँ, स्टार्टअप्स को उनके व्यावसायिक चक्र के विभिन्न चरणों में सहायता प्रदान करती हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, 30 जून 2025 तक कुल 1,80,683 संस्थाओं को डीपीआईआईटी द्वारा स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई है। इनमें से 34,294 संस्थाओं को 2024 में स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई।
एमएसडीई अपने स्वायत्त संस्थानों, अर्थात् राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी), नोएडा और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई), गुवाहाटी के माध्यम से पूर्वोत्तर क्षेत्र और आकांक्षी जिलों जैसे विशेष क्षेत्रों सहित देश भर में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (ईएपी) और उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) आयोजित करता है।
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने नीति आयोग के महिला उद्यमिता मंच के सहयोग से, फरवरी 2025 में पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, मिज़ोरम और उत्तर प्रदेश व तेलंगाना में महिला उद्यमिता कार्यक्रम - स्वावलंबिनी - की शुरुआत की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान, नोएडा और भारतीय उद्यमिता संस्थान, गुवाहाटी के माध्यम से कार्यान्वित किए जाने वाले ईएपी और ईडीपी के माध्यम से छात्राओं में उद्यमशीलता की मानसिकता विकसित करना है।
यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी है।
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