खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय
पीएमकेएसवाई के माध्यम से शीत श्रृंखला अवसंरचना और मूल्य संवर्धन
Posted On:
25 JUL 2025 6:21PM by PIB Delhi
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) केंद्रीय क्षेत्र की व्यापक योजना "प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई)" का कार्यान्वयन कर रहा है। पीएमकेएसवाई की विभिन्न घटक योजनाओं के अंतर्गत, 30.06.2025 तक, देश भर में कुल 1601 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। इनमें से 1133 परियोजनाएँ पूरी/संचालित हो चुकी हैं, जिनका कुल स्वीकृत अनुदान 5365.32 करोड़ रुपये है। इससे कुल 255.66 लाख मीट्रिक टन/वर्ष की संरक्षण और प्रसंस्करण क्षमता का सृजन हुआ है। इससे 3415102 किसान लाभान्वित हुए हैं और 433639 रोजगार सृजित हुए हैं। पीएमकेएसवाई की एकीकृत शीत श्रृंखला और मूल्य संवर्धन योजना के अंतर्गत, कुल 395 शीत श्रृंखला परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इनमें से उत्तर प्रदेश में 27 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिनमें औरैया और इटावा जिलों में 1-1 परियोजना शामिल है।
पीएमकेएसवाई के अंतर्गत स्टैंडअलोन पैक हाउस को समर्थन नहीं दिया जाता है। यद्यपि ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के घटक के अंतर्गत पात्र परियोजना उप-घटक के रूप में पैक हाउस को समर्थन दिया जाता है। 30.06.2025 तक ऑपरेशन ग्रीन योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 4 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सहित देश भर में बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास हेतु एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) का कार्यान्वयन कर रहा है ताकि फसल और कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। एमआईडीएच के अंतर्गत विभिन्न फसलोत्तर हानि प्रबंधन अवसंरचना जैसे पैक हाउस, एकीकृत पैक हाउस, शीत भण्डार, रीफर परिवहन, राइपनिंग चैम्बर आदि की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह घटक मांग/उद्यमी द्वारा संचालित है, जिसके लिए सामान्य क्षेत्रों में परियोजना लागत के 35 प्रतिशत की दर से तथा संबंधित राज्य बागवानी मिशनों (एसएचएम) के माध्यम से पहाड़ी और अनुसूचित क्षेत्रों में परियोजना लागत के 50 प्रतिशत की दर से ऋण से जुड़ी बैक एंडेड सब्सिडी के रूप में सरकारी सहायता उपलब्ध है।
इसके अतिरिक्त, वाणिज्य विभाग, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के माध्यम से अपने सदस्य निर्यातकों को अपने अनुसूचित कृषि उत्पादों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह सहायता एपीडा की वित्तीय सहायता योजना (एफएएस) के माध्यम से दी जाती है। निर्यात अवसंरचना विकास योजना के अंतर्गत, पैक हाउस सुविधाओं की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। एपीडा ने 2021-22 से 2025-26 की योजना अवधि में उत्तर प्रदेश में एकीकृत पैक हाउस स्थापित करने के लिए दो निर्यातकों को वित्तीय सहायता प्रदान की है।
उपर्युक्त सभी योजनाओं का उद्देश्य खेत से लेकर खुदरा दुकानों तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना है। इसमें भंडारण, परिवहन आदि शामिल हैं, जिससे किसानों को बेहतर लाभ प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा, कटाई बाद के बुनियादी ढाँचे और प्रसंस्करण सुविधाओं के निर्माण से कटाई के बाद होने वाले नुकसान में कमी आती है। ये योजनाएँ क्षेत्र-विशिष्ट नहीं हैं, बल्कि माँग-आधारित हैं और पूरे भारत में लागू की गई हैं। उत्तर प्रदेश के औरैया और इटावा जिलों सहित देश भर का कोई भी पात्र संगठन/संस्था इन योजनाओं के तहत वित्तीय योजनाओं का लाभ उठा सकता है।
यह जानकारी खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रवनीत सिंह ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2148809)