कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय
कटाई-पश्चात नुकसान को कम करने के लिए योजनाएँ
Posted On:
25 JUL 2025 6:30PM by PIB Delhi
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (नैबकॉन्स) के माध्यम से वर्ष 2020-22 के संदर्भ में वर्ष 2022 में "भारत में कृषि उपज के फसलोपरांत नुकसान का निर्धारण करने हेतु अध्ययन" नामक एक अध्ययन शुरू किया था। यह अध्ययन भारत के 292 जिलों में विभिन्न श्रेणियों के 15 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में 54 वस्तुओं के फसलोपरांत नुकसान का आकलन करने के लिए किया गया था। अध्ययन के माध्यम से इस क्षेत्र में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास, प्रौद्योगिकी समावेशन और कौशल आवश्यकताओं में कमियों की पहचान की गई। अध्ययन में प्रमुख फसलों और वस्तुओं की कटाई के बाद होने वाली हानि पर प्रकाश डाला गया है, जिसका विवरण नीचे दिया गया है:
फसलें/वस्तुएँ
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नुकसान (%)
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अनाज
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3.89-5.92
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दलहन
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5.65-6.74
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तिलहन
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2.87-7.51
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फल
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6.02-15.05
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सब्जियाँ
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4.87-11.61
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बागान फसलें और मसाले
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1.29-7.33
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दूध
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0.87
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मत्स्य पालन (इनलैंड)
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4.86
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मत्स्य पालन (मरीन)
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8.76
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मांस
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2.34
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कुक्कुट पालन
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5.63
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अंडा
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6.03
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सब्जियों, अनाजों, बागानी फसलों और फलों में रिपोर्ट किए गए नुकसान मुख्य रूप से हार्वेस्टिंग, रख-रखाव, भंडारण और परिवहन में अकुशलता के कारण हुआ है।
सरकार कृषि मूल्य श्रृंखला को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से अनेक प्रमुख स्कीमों में अंतर्निहित व्यापक और एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से फसलोपरांत होने वाले नुकसान की चुनौती का सक्रिय रूप से समाधान कर रही है। प्रमुख पहलों में शामिल हैं:
- समेकित बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच): फलों और सब्जियों में अपव्यय को कम करने के लिए कोल्ड स्टोरेज, राईपनिंग चैंबर और पैक हाउस सहित फसलोपरांत प्रबंधन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में सहायता प्रदान करता है।
- ii. एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ): भंडारण, शीतगृहों और प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयों सहित व्यवहार्य फसलोपरांत प्रबंधन इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के लिए मध्यम से दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण प्रदान करता है।
- एग्रीकल्चर मार्केटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर (एएमआई) स्कीम: आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुदृढ़ करने और बाजार स्तर पर फसलोपरांत नुकसान को कम करने के लिए भंडारण और विपणन इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में सहायता करती है।
- iv. राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम): बेहतर बाजार पहुंच और बेहतर मूल्य प्राप्ति में सहयोग देता है, और अधिक कुशल आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से पारगमन नुकसान को कम करता है।
- इसके अतिरिक्त सरकार एकत्रीकरण, प्राथमिक प्रसंस्करण और बाजार संपर्कों को सुविधाजनक बनाने के लिए 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन और संवर्धन को सक्रिय रूप से बढ़ावा देती है।
- vi. उपरोक्त के अतिरिक्त, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने फसलोपरांत नुकसान में कमी लाने, मूल्य संवर्धन बढ़ाने आदि सहित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फसलोपरांत इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रसंस्करण सुविधाओं के निर्माण के लिए वर्ष 2016-17 से केंद्रीय क्षेत्र की व्यापक स्कीम-प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) को कार्यान्वित कर रहा है।
यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2148733)