ग्रामीण विकास मंत्रालय
कौशल विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में एनआरएलएम की भूमिका
Posted On:
25 JUL 2025 5:48PM by PIB Delhi
दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के अंतर्गत, यह मंत्रालय देश में गरीबी उन्मूलन के लिए ग्रामीण गरीब युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर उनके कौशल विकास के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) और ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करता है।
डीडीयू-जीकेवाई का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं, जो गरीब हैं, को प्लेसमेंट से जुड़ा कौशल प्रदान करना और उन्हें न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे अधिक मासिक वेतन वाली नौकरियाँ प्रदान करना है। डीडीयू-जीकेवाई 15-35 वर्ष आयु वर्ग के ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए प्लेसमेंट से जुड़ा कौशल विकास कार्यक्रम है। यह ग्रामीण गरीब युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रदान करता है और नियमित श्रम बाजारों में उनकी भागीदारी को सुगम बनाता है। डीडीयू-जीकेवाई दिशानिर्देश अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (50%), महिलाओं (33%), और दिव्यांगजनों (5%) का सामाजिक समावेशन प्रदान करता है।
आरएसईटीआई ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित एक प्रशिक्षण संस्थान है, जिसकी स्थापना प्रायोजक बैंकों द्वारा अपने ज़िलों में कौशल एवं उद्यमिता विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए की जाती है। यह मंत्रालय आरएसईटीआई भवन के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है और 'ग्रामीण गरीब' उम्मीदवारों के प्रशिक्षण का खर्च भी वहन करता है। 18-50 वर्ष की आयु के किसी भी बेरोजगार युवा को, जो स्व-रोज़गार या वेतनभोगी रोज़गार अपनाने की इच्छा रखता हो, आरएसईटीआई में प्रशिक्षण देने का भी प्रावधान है।
देश में, डीडीयू-जीकेवाई के तहत कुल 17,50,784 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है और कुल 11,48,247 उम्मीदवारों को नौकरी मिल चुकी है, और आरएसईटीआई के तहत, कुल 56,69,265 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है और स्थापना से जून 2025 तक कुल 40,99,578 उम्मीदवारों को नौकरी मिल चुकी है।
इसके अलावा, ग्रामीण विकास मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के बीच जून 2025 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
डीडीयू-जीकेवाई के अंतर्गत, परियोजनाओं का कार्यान्वयन परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (पीआईए) द्वारा परियोजना मोड में किया जाता है। ये पीआईए कोई भी संस्था हो सकती हैं, जो:
i) राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कोई सरकारी या अर्ध-सरकारी संगठन,
ii) नीति आयोग के साथ पंजीकृत एनजीओ,
iii) भारतीय ट्रस्ट अधिनियम या किसी राज्य सोसायटी पंजीकरण अधिनियम या किसी राज्य सहकारी समिति या बहु-राज्य सहकारी अधिनियम या कंपनी अधिनियम 2003 या सीमित देयता भागीदारी अधिनियम 2008, या स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) और इसके संघ अर्थात् क्लस्टर स्तरीय संघ/ब्लॉक स्तरीय संघ के तहत पंजीकृत,
iv) स्टार्ट-अप आदि को छोड़कर तीन वर्ष से अधिक पुरानी संस्था
डीडीयू-जीकेवाई के अंतर्गत झारखंड राज्य सहित परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (पीआईए) की राज्यवार संख्या अनुलग्नक-I में दी गई है।
आरएसईटीआई एक बैंक द्वारा संचालित योजना है।
अनुलग्नक I
“ कौशल विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में एनआरएलएम की भूमिका ”
राज्य / केंद्र शासित प्रदेश
|
पीआईए की कुल संख्या
|
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
|
4
|
आंध्र प्रदेश
|
35
|
अरुणाचल प्रदेश
|
4
|
असम
|
12
|
बिहार
|
7
|
छत्तीसगढ
|
10
|
गुजरात
|
15
|
हरयाणा
|
32
|
हिमाचल प्रदेश
|
18
|
जम्मू और कश्मीर
|
10
|
झारखंड
|
28
|
कर्नाटक
|
7
|
केरल
|
24
|
मध्य प्रदेश
|
21
|
महाराष्ट्र
|
43
|
मणिपुर
|
6
|
मेघालय
|
7
|
मिजोरम
|
3
|
नगालैंड
|
5
|
ओडिशा
|
26
|
पुदुचेरी
|
3
|
पंजाब
|
32
|
राजस्थान
|
31
|
सिक्किम
|
3
|
तमिलनाडु
|
36
|
तेलंगाना
|
28
|
त्रिपुरा
|
4
|
उत्तर प्रदेश
|
90
|
उत्तराखंड
|
14
|
पश्चिम बंगाल
|
23
|
कुल योग
|
466
|
स्रोतः कौशल भारत पोर्टल
यह जानकारी ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/एके/केसी/जीके
(Release ID: 2148728)