इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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3 नैनोमीटर चिप डिजाइन और बड़े पैमाने पर प्रतिभा विकास पहलों के साथ भारत का सेमीकंडक्टर विजन गति पकड़ रहा है


सरकार प्रतिभा और उद्योग के समर्थन के साथ एंड-टू-एंड चिप इकोसिस्टम पर जोर दे रही है

महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में घरेलू क्षमताओं को बढ़ाना, उच्च मूल्य वाली नौकरियों का सृजन करना, स्वदेशी डिजिटल बुनियादी ढांचे को सक्षम बनाना और सेमीकंडक्टर में देश को एक विश्वसनीय वैश्विक भागीदार के रूप में स्थापित करना

Posted On: 25 JUL 2025 4:34PM by PIB Delhi

विश्व के लगभग 20 प्रतिशत चिप डिज़ाइन इंजीनियर भारत में हैं। इस मज़बूत प्रतिभा के आधार पर, सरकार देश में एक संपूर्ण सेमीकंडक्टर इको-सिस्टम के विकास को सुगम बना रही है।

अग्रणी सेमीकंडक्टर कंपनियों ने देश में चिप डिज़ाइन और अनुसंधान केंद्र स्थापित किए हैं। हाल ही में देश में डिज़ाइन की गई एक 3 नैनोमीटर (एनएम) सेमीकंडक्टर चिप का अनावरण किया गया। यह भारतीय इंजीनियरों की तकनीकी क्षमताओं और वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में भारतीय डिज़ाइन केंद्रों के महत्व को दर्शाती है।

सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन में प्रतिभा विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई पहल शुरू की हैं जो निम्नलिखित है:

वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन (वीएलएसआई) डिजाइन और प्रौद्योगिकी, एकीकृत सर्किट (आईसी) निर्माण के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा नया पाठ्यक्रम।

सेमीकंडक्टर डिज़ाइन क्षेत्र में 85,000 कुशल जनशक्ति का विकास करना और सेमीकंडक्टर चिप्स डिज़ाइन करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन (ईडीए) उपकरण प्रदान करना।

अब तक 100 संस्थानों के 45,000 से अधिक छात्र नामांकित।

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) कालीकट में कुशल जनशक्ति उन्नत अनुसंधान और प्रशिक्षण (एसएमएआरटी) प्रयोगशाला देश भर में 1 लाख इंजीनियरों को प्रशिक्षित करेगी, जिसमें 44,000 से अधिक इंजीनियर पहले से ही प्रशिक्षित हैं।

उद्योग और विश्वविद्यालयों जैसे लैम रिसर्च, आईबीएम और पर्ड्यू विश्वविद्यालय के साथ सहयोग।

देश के विशाल प्रतिभा पूल का लाभ उठाते हुए, वैश्विक सेमीकंडक्टर डिजाइन कंपनियां अब अत्याधुनिक चिप्स डिजाइन करने के लिए देश में अपने कार्यबल का तेजी से विस्तार कर रही हैं।

सेमीकंडक्टर इको-सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा की गई अन्य पहलें:

सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम

देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण इको-सिस्टम को उत्प्रेरित करने के लिए 76,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय को मंजूरी दी गई।

छह (6) सेमीकंडक्टर विनिर्माण और 22 डिज़ाइन-लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

● 72 कंपनियों को सिनोप्सिस, कैडेंस, सीमेंस आदि से ईडीए टूल्स और एफपीजीए (फील्ड प्रोग्रामेबल गेट एरे) बोर्ड जैसे चिप डिजाइन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान किए गए हैं।

पोस्ट सिलिकॉन वैलिडेशन एवं परीक्षण और पैकेजिंग सहायता तक पहुंच भी प्रदान की जा रही है।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने यह जानकारी आज लोकसभा में दी।

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एमजी/केसी/एचएन/केके

 


(Release ID: 2148487)
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