संस्कृति मंत्रालय
विरासत कौशल को बढ़ावा देना
Posted On:
24 JUL 2025 4:56PM by PIB Delhi
संस्कृति मंत्रालय कला संस्कृति विकास योजना (केएसवीवाई) का क्रियान्वयन कर रहा है जिसके तहत देश भर में विरासत कौशल सहित कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। पिछले पांच वित्त वर्षों 2020-21 से 2024-25 तक कला संस्कृति विकास योजना के अंतर्गत व्यय सहित आवंटित बजट का विवरण निम्नानुसार है:
वित्तीय वर्ष
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आवंटित बजट
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व्यय
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(करोड़ रुपये में)
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(करोड़ रुपये में)
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2020-21
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139.77
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122.4
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2021-22
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177.3
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156.46
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2022-23
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214.32
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213.76
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2023-24
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218.65
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218.36
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2024-25
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207.28
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201.67
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इसके अलावा, लोक कला और संस्कृति के विभिन्न रूपों को बढ़ावा देने, उनकी रक्षा करने और उनका संरक्षण करने और विरासत कौशल में शामिल कारीगरों का समर्थन करने के लिए, भारत सरकार ने देश में सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (जेडसीसी) स्थापित किए हैं, जिनका मुख्यालय पटियाला, नागपुर, उदयपुर, प्रयागराज, कोलकाता, दीमापुर और तंजावुर में है। ये जेडसीसी देश में नियमित रूप से राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव, शिल्पग्राम महोत्सव, शिल्प मेला, गीता जयंती महोत्सव, ऑरेंज सिटी शिल्प मेला, कुल्लू दशहरा उत्सव, लोकोत्सव आदि जैसी विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जिसमें पूरे भारत से बड़ी संख्या में कारीगर शामिल होते हैं, जहां वे अपने हस्तनिर्मित उत्पादों को प्रदर्शित और बेचते हैं ताकि वे अपनी आजीविका कमा सकें। पिछले पांच वर्षों अर्थात वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक इन क्षेत्रीय ग्रामीण विकास कंपनियों को जारी अनुदान सहायता का विवरण निम्नानुसार है:
क्रम सं.
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वर्ष
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राशि
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(लाख रुपये में)
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1.
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2020-21
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4721.88
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2.
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2021-22
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6838.08
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3.
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2022-23
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6572.07
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4.
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2023-24
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11967.59
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5.
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2024-25
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11121.66
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पिछले पांच वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक देश भर में कला संस्कृति विकास योजना के तहत शुरू की गई परियोजनाओं का विवरण निम्नानुसार है:
- ‘टैगोर सांस्कृतिक परिसरों के निर्माण के लिए वित्तीय सहायता (टीसीसी)’ योजना के घटक के अंतर्गत:
क्रम संख्या
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राज्य
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परियोजना का नाम
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1
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मेघालय
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रिलबोंग, शिलांग, मेघालय में नए टैगोर सांस्कृतिक परिसर का निर्माण।
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2
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दिल्ली
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फ्रैंक ठाकुरदास ऑडिटोरियम, किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय का उन्नयन/नवीनीकरण।
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- ‘गांधी विरासत स्थल मिशन’ के योजना-घटक के अंतर्गत:
क्रम संख्या
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राज्य
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परियोजना का नाम
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1
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गुजरात
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39 कोर साइटों का वास्तुशिल्प दस्तावेज़ीकरण।
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माणिकलाल जेठाभाई पुस्तकालय में महात्मा गांधी से संबंधित सामग्री का डिजिटलीकरण उपलब्ध है।
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गांधी जी की राष्ट्रीय वर्चुअल लाइब्रेरी।
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कोर गांधी विरासत स्थलों के 3डी लेजर स्कैन के लिए मणि भवन और दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा।
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गांधी स्थलों के संयुक्त प्रकाशन का प्रस्ताव।
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डॉ. वाई. पी. आनंद द्वारा लिखित ब्रिटिश शासन के विरुद्ध महात्मा गांधीजी के नमक सत्याग्रह के इतिहास संकलन की पुस्तक का मुद्रण
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2
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उत्तराखंड
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अनाशक्ति आश्रम, कौसानी जिला बागेश्वर, उत्तराखंड का नवीनीकरण।
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मंत्रालय के अधीन स्वायत्त संगठन संगीत नाटक अकादमी ने "कला दीक्षा" (गुरु शिष्य परम्परा) योजना के अंतर्गत देश भर में लुप्त हो रहे लगभग 100 पारंपरिक, लोक और जनजातीय प्रदर्शन कला रूपों में प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इनमें से कुछ कला रूपों के नाम हैं -हरिकथा, थोलूबोम्मालता (कठपुतली), द्रौपदी तिरुनाल्लू (धर्मराजा तिरुनाल्लू), तिवा बांसुरी (पंचशी) और सिंगा पेपा,चंदैनी, बैगानी कर्मा, धनकुल वाद्य, नौबतसेहनाई, बीन, कुद लोक नृत्य, रउफ, सूर्य वाद्य, कोलकली कल्लारी, शाहिरी पोवाड़ा, जलतरंग, रावण छाया, चिंदु यक्षगान, बैंदला कथा, मशक बीन, गुलाबो- सिताबो, श्रीखोल, लेपचा पारंपरिक संगीत, हुड़का आदि।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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(Release ID: 2148068)