आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय
क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम
Posted On:
24 JUL 2025 6:33PM by PIB Delhi
नमो भारत क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर की कार्यान्वयन एजेंसी, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने बताया है कि नमो भारत आरआरटीएस कॉरिडोर एक ढांचागत परिवर्तनकारी पहल है जो कई शहरी और क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान करती है। नमो भारत ट्रेनें 180 किमी/घंटा की उच्च गति के लिए डिज़ाइन की गई हैं। इसकी परिचालन गति 160 किमी/घंटा है। इससे यात्रा में कम समय लगता है। नमो भारत कॉरिडोर प्रमुख क्षेत्रीय केंद्रों को उच्च गति, विश्वसनीय परिवहन कॉरिडोर के माध्यम से मुख्य केंद्र से निर्बाध रूप से जोड़कर क्षेत्रीय एकीकरण को मजबूत करता है। यह बड़ी संख्या में कुशल और अकुशल नौकरियों का सृजन करके रोजगार सृजन को और बढ़ाता है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) द्वारा तैयार 'एनसीआर-2032 के लिए परिवहन पर कार्यात्मक योजना' में महानगरों और बड़े शहरों, कस्बों और शहरी क्षेत्रों के केंद्रों को जोड़ने के लिए आठ रेल आधारित उच्च गति, उच्च आवृत्ति क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर विकसित करने की सिफारिश की गई थी। आठ अनुशंसित आरआरटीएस कॉरिडोर हैं: (i) दिल्ली-गुरुग्राम-रेवाड़ी-अलवर (ii) दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ (iii) दिल्ली-सोनीपत-पानीपत (iv) दिल्ली-फरीदाबाद-बल्लभगढ़-पलवल (v) दिल्ली-बहादुरगढ़-रोहतक (vi) दिल्ली-शाहदरा-बड़ौत (vii) गाजियाबाद-खुर्जा और (viii) गाजियाबाद-हापुड़। भारत के पूर्ववर्ती योजना आयोग (अब नीति आयोग) ने सचिव, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (पूर्व में शहरी विकास मंत्रालय) की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की नियुक्ति की और तीन आरआरटीएस कॉरिडोर को प्राथमिकता दी, अर्थात् (i) दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, (ii) दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी और (iii) दिल्ली-पानीपत।
आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने आज लोकसभा में यह जानकारी एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/केसी/एचएन/एसएस
(Release ID: 2147999)