संचार मंत्रालय
दूरसंचार क्षेत्र में पहल
'डिजिटल संचार नवाचार स्क्वायर (डीसीआईएस)' योजना के तहत, दूरसंचार विभाग ने स्टार्टअप्स और एमएसएमई द्वारा संचालित 126 परियोजनाओं को समर्थन दिया है, जिनका कुल बजट परिव्यय ₹108 करोड़ है
Posted On:
23 JUL 2025 5:21PM by PIB Delhi
देश की सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए भारतनेट परियोजना को चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जा रहा है। अब तक 2,14,325 ग्राम पंचायतों को सेवा के लिए तैयार किया जा चुका है।
5G सेवाओं को शुरू करने के लिए, वर्ष 2022 और 2024 में आयोजित स्पेक्ट्रम नीलामी के माध्यम से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को 700 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड सहित अंतरराष्ट्रीय मोबाइल दूरसंचार (आईएमटी) के लिए विभिन्न स्पेक्ट्रम बैंडों में एक्सेस स्पेक्ट्रम आवंटित किया गया है। नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम प्राप्त करने वाले सफल बोलीदाताओं को 5G सहित किसी भी आईएमटी तकनीक को लागू करने की अनुमति है।
डाक विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग, बीमा और ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लि एनई पहल की हैं। इनमें डाकघर बचत बैंक सेवाओं के डिजिटलीकरण, डाक जीवन बीमा को कागज रहित और ऑनलाइन प्रणाली में परिवर्तित करने, डाक घर निर्यात केंद्रों की स्थापना और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ई-कॉमर्स संस्थाओं के साथ सहयोग जैसी पहल शामिल हैं।
स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया पारदर्शी और भेदभाव रहित है। इसकी शुरुआत नियमों, समय-सीमा और पात्रता का विवरण देने वाले सार्वजनिक रूप से साझा किए गए आवेदन आमंत्रण सूचना (एनआईए) से होती है। नीलामी स्वयं एक सुरक्षित, मानकीकरण परीक्षण और गुणवत्ता प्रमाणन (एसटीक्यूसी) ऑडिटेड इलेक्ट्रॉनिक नीलामी प्रणाली के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की जाती है।
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने संचार क्षेत्र में नवाचार और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। 'डिजिटल कम्युनिकेशंस इनोवेशन स्क्वायर (डीसीआईएस)' योजना के तहत, दूरसंचार विभाग ने स्वदेशी 5जी सहित उन्नत तकनीकों के विकास को बढ़ावा देने के लिए ₹108 करोड़ के कुल बजट परिव्यय के साथ स्टार्ट-अप और एमएसएमई द्वारा संचालित 126 परियोजनाओं का समर्थन किया है।
इसके अतिरिक्त, दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को 24.02.2021 को अधिसूचित किया गया। यह अप्रैल 2021 से प्रभावी हुई। इसका उद्देश्य ₹12,195 करोड़ के परिव्यय के साथ घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है। पीएलआई योजना के तहत कुल 42 कंपनियों - 28 एमएसएमई और 14 गैर-एमएसएमई - को लाभार्थी के रूप में अनुमोदित किया गया है। 31 मई 2025 तक, पीएलआई लाभार्थी कंपनियों ने सामूहिक रूप से 4,305 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे 85,391 करोड़ रुपये की बिक्री हुई है, जिसमें 16,414 करोड़ रुपये का निर्यात शामिल है। इस निवेश से 28,067 व्यक्तियों को रोजगार भी मिला है।
यह जानकारी संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
*****
एमजी/आरपीएम/केसी/पीके /डीए
(Release ID: 2147582)