वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
सीटीआईएल, आईआईएफटी, डीजीटीआर और सीआईआई ने निष्पक्ष व्यापार क्षमता को मज़बूत करने के लिए व्यापार उपायों और एमएसएमई पर कार्यशाला का आयोजन किया
कार्यशाला अनुचित व्यापार प्रथाओं से निपटने के लिए एमएसएमई को व्यापार उपाय उपकरणों से सशक्त बनाती है
Posted On:
23 JUL 2025 3:53PM by PIB Delhi
नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेंटर में 15 जुलाई, 2025 को व्यापार और निवेश विधि केंद्र (सीटीआईएल), भारतीय विदेश व्यापार संस्थान द्वारा व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर), वाणिज्य विभाग और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से "व्यापार उपचार और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमईएस): निष्पक्ष व्यापार हेतु क्षमता निर्माण" विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमईएस) को उपलब्ध व्यापार उपचार व्यवस्थाओं के प्रति संवेदनशील बनाकर और इन प्रक्रियाओं में उनकी सक्रिय भागीदारी को बढ़ाकर उन्हें सशक्त बनाना था।
कार्यशाला का मुख्य विषय एमएसएमईएस क्षेत्र को उपलब्ध व्यापार उपचार उपकरणों के ज्ञान से सुसज्जित करना, उनके सामने मौजूद चुनौतियों पर चर्चा को सुगम बनाना और अनुचित व्यापार प्रथाओं के विरुद्ध उनकी सुरक्षा को मजबूत करने के ठोस उपाय तलाशना था। इस कार्यशाला से प्रमुख नीति निर्माताओं, व्यापार उपचारों के अग्रणी विशेषज्ञ और विभिन्न क्षेत्रों के कई एमएसएमईएस उद्योग प्रतिनिधि केंद्रित चर्चाओं के लिए एक साथ एक मंच पर एकत्र हुए।
कार्यशाला के दौरान, वाणिज्य विभाग के व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) के संयुक्त सचिव एवं महानिदेशक, श्री सिद्धार्थ महाजन ने व्यापार उपचार कार्यवाहियों में अपने सामूहिक हितों का प्रभावी ढंग से प्रतिनिधित्व करने के लिए छोटी फर्मों के एकजुट होने और संघ बनाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यशाला में दो व्यापक तकनीकी सत्र भी शामिल थे, जिन्हें विशेष रूप से व्यापार उपचार ढाँचों और एमएसएमई के सामने आने वाली विशिष्ट चुनौतियों के बारे में उद्योग की समझ बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इन सत्रों में व्यापार उपचारों के कानूनी और संस्थागत पहलुओं के साथ-साथ डेटा-संबंधी जटिलताओं पर गहन चर्चा की गई, जो अक्सर महत्वपूर्ण जाँचों में एमएसएमई की भागीदारी में बाधा डालती हैं।
सीआईआई के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीति प्रभाग के प्रधान सलाहकार, श्री सुमंत चौधरी ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परिवेश की बढ़ती जटिलता और घरेलू उद्योग के समक्ष मौजूद व्यापार विकृतियों के समाधान में संस्थागत समर्थन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
व्यापार एवं निवेश विधि केंद्र के प्रमुख, प्रो. जेम्स जे. नेदुम्परा ने एमएसएमई को विभिन्न सहायता पहलों के बारे में जानकारी दी, जिनमें सीटीआईएल में व्यापार उपचार सलाहकार प्रकोष्ठ (टीआरएसी) की स्थापना भी शामिल है, जिसे व्यापार उपचार जांचों को आगे बढ़ाने में एमएसएमई को व्यापक सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
कार्यशाला का समापन एक सक्रिय सहभागिता सत्र के साथ हुआ, जहाँ एमएसएमई ने घरेलू उत्पादकों के सामने आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए नियामक प्राधिकरणों के साथ सीधे संवाद किया। उद्योग जगत ने एंटी-डंपिंग उपायों से जुड़ी विशिष्ट चुनौतियों पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहाँ आयात प्रतिस्पर्धा बहुत ज़्यादा है।


चर्चाओं में सामूहिक रूप से समन्वित संस्थागत समर्थन और सुदृढ़ कानूनी तैयारी की महत्वपूर्ण आवश्यकता की पुष्टि की गई ताकि एमएसएमई अनुचित व्यापार प्रथाओं के विरुद्ध अपने हितों की प्रभावी ढंग से रक्षा कर सकें। सीटीआईएल, डीजीटीआर और सीआईआई ने एक ऐसा सक्षम वातावरण बनाने की अपनी संयुक्त प्रतिबद्धता दोहराई जो एमएसएमई को भारत की व्यापार सुधार व्यवस्था में प्रभावी रूप से भाग लेने के लिए सशक्त बनाए।
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(Release ID: 2147390)