सहकारिता मंत्रालय
राष्ट्रीय सहकारी नीति
Posted On:
23 JUL 2025 1:19PM by PIB Delhi
नई राष्ट्रीय सहकारी नीति (एनसीपी) के निर्माण की परिकल्पना सहकारिता मंत्रालय के ‘सहकार से समृद्धि’ के लक्ष्य को पूरा करने के लिए की गई है। श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु की अध्यक्षता में 02.09.2022 को एक राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठन किया गया था, जिसमें सहकारी क्षेत्र के विशेषज्ञ, राष्ट्रीय/राज्य/जिला/प्राथमिक स्तर की सहकारी समितियों के प्रतिनिधि, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव (सहकारिता) और आरसीएस तथा केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के अधिकारी शामिल थे। यह समिति नई सहकारिता नीति तैयार करेगी ताकि सहकारिता क्षेत्र की वास्तविक क्षमता को सामने लाने के लिए एक रूपरेखा प्रदान की जा सके। समिति ने हितधारकों से सुझाव प्राप्त करने के लिए देश भर में 17 बैठकें कीं और चार क्षेत्रीय कार्यशालाएं आयोजित कीं। प्राप्त सुझावों को मसौदा नीति में उचित रूप से शामिल किया गया है। मसौदा नीति तैयार हो चुकी है और शीघ्र ही इसका अनावरण किया जाएगा।
राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 से 30 जून 2025 की अवधि के दौरान हरियाणा में कोई नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (पीएसीएस) स्थापित नहीं की गई हैं।
सरकार ने देश में सहकारिता आंदोलन को मज़बूत करने और ज़मीनी स्तर तक इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए इस योजना को मंज़ूरी दे दी है। इस योजना के अंतर्गत, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) और राज्य सरकारों के सहयोग से, डेयरी अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ), राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) जैसी विभिन्न मौजूदा योजनाओं के माध्यम से, अगले पांच वर्षों में देश की सभी पंचायतों/गांवों में 2 लाख नई बहुउद्देशीय पैक्स (एम-पैक्स), डेयरी, मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी।
सभी हितधारकों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को रेखांकित करने वाली मार्गदर्शिका 19 सितंबर 2024 को जारी किया गया था। राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के अनुसार, 30.6.2025 तक हरियाणा में कुल 21 नए पैक्स पंजीकृत किए गए हैं।
यह जानकारी सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
***
एमजी/केसी/बीयू
(Release ID: 2147243)