इस्पात मंत्रालय
सार्वजनिक उद्यमों (पीएसयू) द्वारा सीएसआर फंड का आवंटन
Posted On:
22 JUL 2025 6:10PM by PIB Delhi
कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के अनुसार, इस्पात मंत्रालय के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) पिछले तत्काल तीन वित्तीय वर्षों के औसत शुद्ध लाभ का कम से कम 2% कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) गतिविधियों के लिए निर्धारित करते हैं। पिछले वर्ष का कोई भी अप्रयुक्त शेष, यदि कोई हो, तो उसे अगले वर्ष के लिए उस उद्देश्य के लिए उपयोग करने हेतु आगे बढ़ाया जाता है जिसके लिए उसे आवंटित किया गया था।
इस्पात मंत्रालय के तहत सीपीएसई द्वारा पिछले तीन वर्षों के दौरान सीएसआर गतिविधियों पर खर्च की गई राशि का विवरण निम्नवत है:-
(लाख रूपये में)
सीपीएसई के नाम
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2022-23
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2023-24
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2024-25
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स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड
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16246
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16193
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13809
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राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड
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33
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*
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*
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एनएमडीसी लिमिटेड
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8758
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19707
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19114
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एमओआईएल लिमिटेड
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1374
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1666
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1526
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मीकॉन लिमिटेड
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61
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125
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140
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केआईओसीएल लिमिटेड
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555
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87.5
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*
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एमएसटीसी लिमिटेड
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302
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378
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481
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*वित्तीय घाटे के चलते वित्त वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के दौरान आरआईएनएल ने कोई सीएसआर फंड का आवंटन नहीं किया वहीं, केआईओसीएल ने कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के प्रावधानों का उपयोग करके वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपनी सीएसआर बाध्यताओं को पूरा किया है। यह धारा पिछले वर्षों के अतिरिक्त सीएसआर व्यय के समायोजन की अनुमति देती है। तदनुसार, कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2021-22 से आगे बढ़ाए गए अधिशेष सीएसआर व्यय से समायोजन करके अपनी वर्तमान सीएसआर आवश्यकता को समायोजित किया है।
सीएसआर गतिविधियों के मुख्य क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, महिला सशक्तिकरण, स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से स्थायी आय सृजन, दिव्यांगों को सहायता, और पानी तथा स्वच्छता सुविधाओं तक पहुँच आदि शामिल हैं। सीएसआर कार्य बड़े पैमाने पर समाज को लाभ पहुँचाते हैं, इसलिए सीपीएसई द्वारा किए गए व्यक्तिगत कामों के लाभार्थियों की सटीक संख्या, स्थान-वार और संबंधित व्यय का ब्यौरा नहीं रखा जाता है।
इस्पात मंत्रालय के तहत सीपीएसई द्वारा सीएसआर परियोजनाएँ मुख्य रूप से स्टील संयंत्रों, स्टील टाउनशिपों और खानों के आसपास के क्षेत्रों में चलाई जाती हैं जहां अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग की आबादी भी निवास करती है।
यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में इस्पात और भारी उद्योग राज्य मंत्री, श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने दी।
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एमजी/आरपीएम/केसी/
(Release ID: 2147216)