भारी उद्योग मंत्रालय
फेम योजना के अंतर्गत ई-वाहन निर्माताओं को सब्सिडी
Posted On:
22 JUL 2025 8:19PM by PIB Delhi
फेम योजना के अंतर्गत मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को सब्सिडी नहीं दी जाती है। इस योजना के तहत, इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीदारों (उपभोक्ताओं/अंतिम उपयोगकर्ताओं) को इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद मूल्य में अग्रिम कटौती के रूप में सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह प्रोत्साहन या रियायत बाद में एमएचआई द्वारा ओईएम को वापस कर दी जाती है।
फेम योजना के चरण-I के अंतर्गत प्रदान की गई वर्षवार सब्सिडी का विवरण निम्नानुसार है:
वित्तीय वर्ष
|
निधि उपयोग (करोड़ रुपये में)
|
2015-16
|
75
|
2016-17
|
144
|
2017-18
|
165
|
2018-19
|
145
|
कुल
|
529
|
'फेम' योजना के चरण-II के अंतर्गत प्रदान की गई सब्सिडी का वर्षवार और श्रेणीवार विवरण निम्नानुसार है:
खंड
|
2019-20
|
2020-21
|
2021-22
|
2022-23
|
2023-24
|
2024-25
|
कुल
|
ई2डब्ल्यू
|
17.41
|
53.79
|
346.66
|
1,088.10
|
2,869.63
|
536.22
|
4,911.81
|
ई3डब्ल्यू
|
12.59
|
29.71
|
107.74
|
128.37
|
567.21
|
264.25
|
1,109.86
|
ई4डब्ल्यू
|
13.04
|
15.15
|
15.73
|
51.02
|
304.17
|
137.41
|
536.52
|
कुल
|
43.04
|
98.65
|
470.12
|
1,267.49
|
3,741.01
|
937.87
|
6,558.19
|
तीनों जिलों में स्थापित चार्जिंग स्टेशनों का विवरण निम्नानुसार है: -
ज़िला
|
कुल
|
एटा
|
17
|
इटावा
|
20
|
कासगंज
|
9
|
कुल
|
46
|
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना एक गैर-लाइसेंस प्राप्त व्यवसाय है। हालांकि, फेम-II योजना में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 912.50 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। यह इन जिलों सहित पूरे भारत में लागू है।
वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान फेम-II योजना के तहत एटा, इटावा और कासगंज जिलों में बेचे गए इलेक्ट्रिक वाहनों का विवरण निम्नानुसार है:
फेम-II योजना के तहत बेचे गए इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या
ज़िला
|
वित्तीय वर्ष 23-24
|
वित्तीय वर्ष 24-25
|
कुल
|
एटा
|
135
|
44
|
179
|
इटावा
|
192
|
68
|
260
|
कासगंज
|
99
|
15
|
114
|
कुल
|
426
|
127
|
553
|
01/4/2023 से 31/3/2025 तक फेम-II योजना के तहत बेचे गए इलेक्ट्रिक वाहनों की राज्यवार संख्या
(सं.)
राज्य
|
वित्तीय वर्ष 23-24
|
वित्तीय वर्ष 24-25
|
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह
|
20
|
3
|
आंध्र प्रदेश
|
28,776
|
5,318
|
अरुणाचल प्रदेश
|
11
|
3
|
असम
|
7,446
|
2,006
|
बिहार
|
14,890
|
2,533
|
चंडीगढ़
|
1,821
|
226
|
छत्तीसगढ़
|
24,719
|
2,871
|
दिल्ली
|
45,782
|
5,944
|
गोवा
|
8,949
|
896
|
गुजरात
|
75,475
|
4,493
|
हरियाणा
|
6,732
|
1,693
|
हिमाचल प्रदेश
|
390
|
106
|
जम्मू कश्मीर
|
5,118
|
881
|
झारखंड
|
6,774
|
1,327
|
कर्नाटक
|
1,43,758
|
14,027
|
केरल
|
63,388
|
5,499
|
लक्षद्वीप
|
12
|
1
|
मध्य प्रदेश
|
37,872
|
5,410
|
महाराष्ट्र
|
1,81,013
|
15,337
|
मणिपुर
|
113
|
12
|
मेघालय
|
122
|
356
|
मिजोरम
|
242
|
35
|
नगालैंड
|
5
|
-
|
ओडिशा
|
32,773
|
5,304
|
पुदुचेरी
|
2,451
|
405
|
पंजाब
|
8,018
|
1,198
|
राजस्थान
|
49,164
|
5,287
|
सिक्किम
|
4
|
-
|
तमिलनाडु
|
62,204
|
11,238
|
तेलंगाना
|
45,412
|
5,172
|
दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव
|
125
|
34
|
त्रिपुरा
|
4,222
|
1,221
|
उत्तर प्रदेश
|
56,836
|
11,631
|
उत्तराखंड
|
4,957
|
1,096
|
पश्चिम बंगाल
|
14,406
|
1,764
|
कुल
|
9,34,000
|
1,13,327
|
यह जानकारी इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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एमजी/केसी/ केके/वाईबी
(Release ID: 2147181)
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