कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
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एसडीएसएस के अंतर्गत प्रशिक्षित युवाओं की रोज़गार दर

Posted On: 21 JUL 2025 7:34PM by PIB Delhi

भारत सरकार के कौशल भारत मिशन (सिम) के अंतर्गत, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) कौशल विकास केंद्रों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से देश भर में समाज के सभी वर्गों को कौशल, पुनः-कौशल और उच्च-कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है। यह कार्य विभिन्न योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) और शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के अंतर्गत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से किया जा रहा है। सिम का उद्देश्य भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना और उद्योग-संबंधित कौशल से लैस करना है।

 एमएसडीई की योजनाओं में, पीएमकेवीवाई के अल्पकालिक प्रशिक्षण घटक के अंतर्गत, 2015-16 से 2021-22 तक कार्यान्वित पहले तीन संस्करणों (पीएमकेवीवाई 1.0, पीएमकेवीवाई 2.0 और पीएमकेवीवाई 3.0) में प्लेसमेंट को ट्रैक किया गया। पीएमकेवीवाई (1.0, 2.0 और 3.0) के अंतर्गत नियुक्त उम्मीदवारों का विवरण अनुलग्नक-I में दिया गया है। पीएमकेवीवाई 4.0 के अंतर्गत, प्रशिक्षित उम्मीदवारों को अपने विविध करियर पथ चुनने के लिए सशक्त बनाने और उन्हें इसके लिए उपयुक्त रूप से उन्मुख करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसके अलावा, स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) जैसे विभिन्न आईटी उपकरण भी यह अवसर प्रदान करते हैं।

राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय द्वारा किए गए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस 2023-24) के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, 15-29 वर्ष की आयु के युवाओं के लिए सामान्य स्थिति पर बेरोजगारी दर 2017-18 में 17.8 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 10.2 प्रतिशत रह गई है।

डिजिटल कौशल, कृत्रिम बुद्धिमत्ता/मशीन लर्निंग सहित नए युग के कौशल को बढ़ावा देने के लिए, एमएसडीई ने निम्नलिखित पहल की हैं:

(i) पीएमकेवीवाई 4.0 के अंतर्गत, "भविष्य के कौशल" श्रेणी के अंतर्गत समर्पित नौकरी भूमिकाएँ शुरू की गई हैं। इसका उद्देश्य युवाओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और डिजिटल मार्केटिंग सहित नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में अवसरों के लिए तैयार करना है।

(ii)  एनएपीएस के अंतर्गत, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), मशीन लर्निंग और डिजिटल मार्केटिंग सहित उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए नौकरी भूमिकाओं में प्रशिक्षुता के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।

 (iii) कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के तत्वावधान में प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मेक्ट्रोनिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, साइबर सुरक्षा, सेमीकंडक्टर आदि जैसे उभरते क्षेत्रों में डिजिटल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) और राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत 31 नए ज़माने/भविष्य कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए हैं।

(iv) डिजिटल कौशल प्रशिक्षण में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के उद्देश्य से, डीजीटी ने आईबीएम, सिस्को, अमेज़न वेब सर्विसेज (एडब्ल्यूएस) और माइक्रोसॉफ्ट जैसी अग्रणी आईटी प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। ये साझेदारियाँ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), बिग डेटा एनालिटिक्स (बीडीए), ब्लॉकचेन, क्लाउड कंप्यूटिंग आदि सहित आधुनिक तकनीकों में तकनीकी और व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने में सहायक होंगी।

(v)   कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के अंतर्गत प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) और राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) के माध्यम से एआई-आधारित कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक पाठ्यक्रम 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्रामिंग असिस्टेंट (एआईपीए)' शुरू किया है। इसके अलावा, उद्योग और शैक्षणिक विशेषज्ञों के सहयोग से, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में सभी सीटीएस प्रशिक्षुओं के लिए 7.5 घंटे का माइक्रो-क्रेडेंशियल कोर्स "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का परिचय" विकसित किया गया है।

(vi) कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जो कौशल संवर्धन के लिए व्यापक और सुलभ प्लेटफॉर्म है। यह देश के युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक कौशल पाठ्यक्रम, रोजगार के अवसर और उद्यमिता सहायता प्रदान करता है।  एसआईडीएच, एआई और एमएल पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है, जिसमें 'फ़ंडामेंटल्स ऑफ़ एज़्योर एआई स्पीच' और 'मशीन लर्निंग' जैसे मूलभूत कार्यक्रमों से लेकर 'गूगल क्लाउड जेनरेटिव एआई' और 'हेल्थकेयर में व्यावसायिक मूल्य सृजित करने हेतु एआई रणनीति' जैसे विशिष्ट कार्यक्रम शामिल हैं। ये पाठ्यक्रम विभिन्न स्तरों की विशेषज्ञता और अनुप्रयोग को पूरा करते हैं, जिससे प्रतिभागियों को एआई और एमएल तकनीक में अग्रणी बने रहने में मदद मिलती है।

(vii) एमएसडीई के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम ने डिजिटल पाठ्यक्रम प्रदान करने के लिए एडब्ल्यूएस, माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, रेडहैट, पियर्सन वीयूई, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी), सिस्को नेटवर्किंग अकादमी जैसे कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ साझेदारी की है।

राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (एनएपीएस) एमएसडीई की प्रमुख पहल है। इसका उद्देश्य देश भर में शिक्षुता प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है। अगस्त 2016 में शुरू की गई यह योजना वर्तमान में अपने दूसरे चरण में जारी है। एनएपीएस-2 के अंतर्गत, भारत सरकार प्रत्येक प्रशिक्षु को प्रति माह अधिकतम ₹1,500 तक की वजीफा सहायता प्रदान करती है, जो न्यूनतम निर्धारित वजीफे के 25% तक होती है। यह सहायता अब प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली के माध्यम से सीधे प्रशिक्षुओं के बैंक खातों में वितरित की जाती है। 2018-19 से 30 जून 2025 तक देश भर में कार्यरत प्रशिक्षुओं का राज्यवार विवरण अनुबंध-II में दिया गया है।

उच्च शिक्षा मंत्रालय राष्ट्रीय शिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) भी लागू कर रहा है। इसका उद्देश्य नए इंजीनियरिंग स्नातकों, डिप्लोमा धारकों, सामान्य विषयों में स्नातक और इंजीनियरिंग के सैंडविच कार्यक्रम में डिग्री और डिप्लोमा स्तर के पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को किसी भी उद्योग/प्रतिष्ठान में प्रशिक्षण प्रदान करना है। स्नातक/डिग्री प्रशिक्षुओं के लिए निर्धारित न्यूनतम वजीफा 9,000 रुपये प्रति माह और तकनीशियन/डिप्लोमा प्रशिक्षुओं के लिए 8,000 रुपये प्रति माह है। भारत सरकार प्रशिक्षुओं के लिए निर्धारित न्यूनतम वजीफे का 50% प्रदान करती है।

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (पीएमआईएस) की घोषणा बजट 2024-25 में की गई थी। इसका उद्देश्य पाँच वर्षों में शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है। इस योजना के तहत, इंटर्नशिप की पूरी 12 महीने की अवधि के लिए प्रशिक्षुओं को 5,000 रुपये की मासिक सहायता का भुगतान किया जाता है।

अनुलग्नक-I

पीएमकेवीवाई (1.0, 2.0 और 3.0) के अंतर्गत नियोजित उम्मीदवारों का राज्यवार विवरण

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

नियुक्ति की सूचना

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

124

आंध्र प्रदेश

1,11,640

अरुणाचल प्रदेश

13,631

असम

66,354

बिहार

1,26,782

चंडीगढ़

6,355

छत्तीसगढ़

28,112

दिल्ली

78,271

गोवा

1,105

गुजरात

69,289

हरियाणा

1,58,951

हिमाचल प्रदेश

26,726

जम्मू और  कश्मीर

52,629

झारखंड

28,955

कर्नाटक

74,225

केरल

26,385

लद्दाख

944

मध्य प्रदेश

 2,20,115

महाराष्ट्र

80,950

मणिपुर

16,094

मेघालय

13,608

मिजोरम

9,566

नगालैंड

6,181

ओडिशा

71,056

पुदुचेरी

10,504

पंजाब

1,28,905

राजस्थान

1,84,004

सिक्किम

3,798

तमिलनाडु

1,71,794

तेलंगाना

1,12,967

डीएनएच  और डीडी

2,817

त्रिपुरा

18,682

उत्तर प्रदेश

3,38,634

उत्तराखंड

52,584

पश्चिम बंगाल

1,15,537

कुल

24,28,274

अनुलग्नक-II

वर्ष 2018-19 से 30 जून 2025 तक एनएपीएस के अंतर्गत नियोजित प्रशिक्षुओं का राज्यवार विवरण:

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

कार्यरत प्रशिक्षु

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

344

आंध्र प्रदेश

90,886

अरुणाचल प्रदेश

234

असम

44,893

बिहार

26,618

चंडीगढ़

5,368

छत्तीसगढ़

5,368

दिल्ली

1,01,872

गोवा

38,323

गुजरात

4,57,407

हरियाणा

3,08,563

हिमाचल प्रदेश

38,439

जम्मू और  कश्मीर

4,814

झारखंड

48,829

कर्नाटक

3,31,007

केरल

62,768

लद्दाख

 

लक्षद्वीप

179

 

46

मध्य प्रदेश

1,13,426

महाराष्ट्र

10,58,667

मणिपुर

359

मेघालय

1,032

मिजोरम

256

नगालैंड

109

ओडिशा

51,228

पुदुचेरी

11,679

पंजाब

69,452

राजस्थान

83,551

सिक्किम

1,711

तमिलनाडु

3,99,748

तेलंगाना

1,77,770

डीएनएच  और डीडी

10,607

त्रिपुरा

2,247

उत्तर प्रदेश

3,03,818

उत्तराखंड

84,946

पश्चिम बंगाल

1,21,323

कुल

40,79,026

 

यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयंत चौधरी ने आज लोकसभा में  लिखित उत्तर में दी।

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एमजी/ केसी/पीके


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