सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय
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एनएसओ ने "स्टैटैथॉन - विकसित भारत की ओर एक डेटा यात्रा" का शुभारंभ किया

Posted On: 15 JUL 2025 6:52PM by PIB Delhi

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने शिक्षा मंत्रालय (एमओई) के नवाचार प्रकोष्ठ के सहयोग से आज "स्टैटैथॉन - विकसित भारत की ओर एक डेटा यात्रा" नामक एक ग्रैंड चैलेंज का शुभारंभ किया। इस चुनौती के  लिए समस्‍या विवरण सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में जारी किए।

ग्रैंड चैलेंज एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता है जिसे भारत में आधिकारिक सांख्यिकी के परिदृश्य को बदलने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और नवीन समाधानों का उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की डेटा इनोवेशन लैब (डीआई लैब) पहल के तत्वावधान में आयोजित स्टैटैथॉन राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

यह चुनौती डेटा जीवनचक्र के विभिन्न चरणों - संग्रह, प्रोसेसिंग एवं विश्लेषण और प्रसार - को कवर करने वाले पांच समस्या-विवरणों को संबोधित करने के लिए भागीदारी को आमंत्रित करती है। इस पहल के माध्यम से एनएसओ का लक्ष्‍य सांख्यिकीय डेटा प्रणालियों की दक्षता, गुणवत्ता और पहुंच को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और अन्य अग्रणी प्रौद्योगिकियों की क्षमता का पता लगाना है।

समस्या विवरण

· सर्वेक्षण डेटासेट के लिए एपीआई गेटवे

एनएसएस डेटासेट से एसक्‍यूएल-आधारित डेटा पुनर्प्राप्ति को सक्षम करने वाला स्केलेबल, कॉन्फ़िगर करने योग्य और गोपनीयता-अनुरूप एपीआई गेटवे का विकास।

· एआई-संचालित स्मार्ट सर्वेक्षण टूल

वास्तविक समय डेटा संग्रह के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके एआई-सक्षम, बहुभाषी, मोबाइल-अनुकूल सर्वेक्षण एप्लिकेशन का निर्माण।

· स्वचालित डेटा प्रोसेसिंग के लिए एआई-संवर्धित अनुप्रयोग

डेटा जांच, सांख्यिकीय विश्लेषण और रिपोर्ट सृजन के लिए एआई आधारित कॉन्फिगर योग्य मॉड्यूल का विकास।

· व्यवसाय वर्गीकरण के लिए सीमेंटिक सर्च (एनसीओ)

व्यावसायिक कोडों में सहज, संदर्भ-जागरूक खोजों के लिए एनएलपी और जेन एआई का उपयोग करके एक सीमेंटिक सर्च इंटरफ़ेस का कार्यान्वयन।

· डेटा गुमनामीकरण प्रथाओं का मूल्यांकन और संवर्धन

वर्तमान गुमनामीकरण विधियों की समीक्षा और डेटा गोपनीयता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत सुरक्षित डेटा टूल का विकास।

स्टैटैथॉन के लिए पंजीकरण और विचार प्रस्तुतियां अब खुली हैं और एक महीने तक खुली रहेंगी। इच्छुक प्रतिभागी आधिकारिक पोर्टल: https://gc.mic.gov.in/home  पर आवेदन कर सकते हैं। मूल्यांकन दो चरणों में किया जाएगा:

चरण 1: 50 टीमों का चयन किया जाएगा और उन्हें सरकार और उद्योग के डोमेन विशेषज्ञों द्वारा सलाह और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

चरण 2: इनमें से, 25 टीमों को 50,000 रुपये प्रति टीम की वित्तीय सहायता मिलेगी और वे अपने समाधान विकसित करने के लिए निर्देशित सलाह के तहत जारी रखेंगी।
ग्रैंड फिनाले इस साल के अंत में आयोजित होने वाला है। प्रत्येक समस्या श्रेणी में विजेताओं को 1,00,000 रुपये का पुरस्कार मिलेगा, जबकि उपविजेताओं को 50,000 रुपये मिलेंगे।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अपर महानिदेशक श्री आर. राजेश ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और एनएसएस डेटा के उपयोग में नवाचार को प्रोत्साहित करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने छात्रों और शोधकर्ताओं से बड़ी संख्या में भाग लेने का आह्वान किया।

एमओई के मुख्य नवाचार अधिकारी डॉ. अभय जेरे ने एमओएसपीआई और एमओई के सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की, जिसमें बड़ी संख्या में नवप्रवर्तकों को शामिल करने की पहल की क्षमता पर प्रकाश डाला गया।

एमओएसपीआई के महानिदेशक श्री पी.आर. मेश्राम ने डेटा इनोवेशन लैब का एक विहंगावलोकन दिया और पिछले वर्ष में विकसित इन-हाउस नवाचारों पर प्रकाश डाला।

एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने अपने वर्चुअल संबोधन में एमओएसपीआई के एमओई के साथ सहयोग की सराहना की और नीति-निर्माण के लिए डेटा संग्रह, विश्‍लेषण और उपयोग में क्रांति लाने के लिए स्टैटैथॉन की क्षमता पर जोर दिया।

एमओएसपी के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग ने देशभर के संस्थानों से उत्साही भागीदारी को स्‍वीकार किया। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित समस्या विवरण मंत्रालय की भविष्य की दिशा के अनुरूप हैं और सफल समाधानों को आधिकारिक सांख्यिकीय प्रणाली में एकीकृत किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं और छात्रों को इस चुनौती के माध्यम से प्रदान किए गए सलाह अवसरों का पूरा उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस शुभारंभ कार्यक्रम में एमओएसपीआई और एमओई, एआईसीटीई, शैक्षणिक संस्थानों, शोधकर्ताओं और स्टार्ट-अप्स के वरिष्ठ अधिकारियों सहित 300 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। स्टैटैथॉन खुले नवाचार के माध्यम से राष्‍ट्र की डेटा प्रणालियों को आगे बढ़ाने और विकसित भारत के लिए डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं को विकसित करने हेतु एक सहयोगी इको-सिस्‍टम को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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