कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय
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केन्द्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने स्किल इंडिया मिशन के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सप्ताह भर चलने वाले समारोह का शुभारंभ किया


मिशन के अंतर्गत अब तक करोड़ों लोग प्रशिक्षित

भारत के युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत, चूंकि हम 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं, उनका कौशल, उत्साह और नवाचार हमारी सामूहिक नियति को आकार देंगे: केन्द्रीय मंत्री जयंत चौधरी

Posted On: 15 JUL 2025 6:38PM by PIB Delhi

कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री, श्री जयंत चौधरी ने विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर, स्किल इंडिया मिशन के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सप्ताह भर चलने वाले समारोह का शुभारंभ किया। इस यात्रा को 'कौशल का दशक' बताते हुए, मंत्री महोदय ने मिशन के परिवर्तनकारी प्रभावों पर गहराई से विचार किया और भारत में कौशल विकास के भविष्य के लिए सरकार के रोडमैप की रूपरेखा प्रस्तुत की। पिछले एक दशक में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने, कौशल विकास, प्रशिक्षुता, उद्यमिता, वैश्विक गतिशीलता और पारंपरिक व्यवसायों में समन्वित प्रयासों से, करोड़ों भारतीयों को अपने और देश के उज्जवल भविष्य के निर्माण हेतु सशक्त बनाया है।

श्री चौधरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे स्किल इंडिया मिशन ने भारत के युवाओं को देश और विदेश दोनों जगह परिवर्तन की एक शक्ति बना दिया है। उन्होंने कहा, "भारतीय कामगार अपनी कड़ी मेहनत और अनुशासन के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं। प्रधानमंत्री ने इस छिपी हुई क्षमता को पहचाना और स्किल इंडिया मिशन के माध्यम से इसे राष्ट्रीय दिशा दी। आज यह नए भारत की एक सशक्त पहचान बन गया है।"

उन्होंने इस बात पर गहराई से विचार किया कि कौशल विकास को कैसे सामूहिक प्रयासों के अंतर्गत संगठित किया गया, जो पहले विभिन्न मंत्रालयों में बिखरा हुआ था। यह सरकारी विभागों, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज को एक साथ लाया। उन्होंने कहा, "हमने संयोजन, गुणवत्ता और पैमाने को सुनिश्चित करने के लिए समग्र सरकार और समग्र समाज का दृष्टिकोण अपनाया।"

पिछले एक दशक में, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) जैसी योजनाओं ने 1.64 करोड़ से ज़्यादा युवाओं को प्रशिक्षित किया है, जबकि 14,500 से ज़्यादा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को गुणवत्ता, प्रशासन और संबद्धता मानदंडों में सुधारों के ज़रिए सहायता प्रदान की गई है। मंत्री चौधरी ने विश्वास, सत्यापन और उद्योग की भागीदारी के ज़रिए रोज़गार क्षमता बढ़ाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

आसन्‍न कौशल नीति के बारे में मंत्री ने कहा, "जिस तरह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है, उसी तरह आगामी राष्ट्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता नीति भी भारत के कार्यबल के लिए उतनी ही परिवर्तनकारी होगी। यह उन तरीकों को नए सिरे से परिभाषित करेगी कि तेज़ी से गतिशील होती वैश्विक अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ने और नेतृत्व करने के लिए हम किस प्रकार अपने लोगों को ‍कौशल प्रदान करने, कौशल में सुधार करने और पुनः कौशल प्रदान करने के लिए तैयार करते हैं।"

उन्होंने कैबिनेट द्वारा स्वीकृत ₹60,000 करोड़ की आईटीआई पुनरुद्धार योजना के बारे में भी बात की, जिसमें कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) योगदान से ₹10,000 करोड़ शामिल होंगे। उन्होंने कहा, "हम फंडिंग से आगे बढ़ना चाहते हैं – हम चाहते हैं कि उद्योग पाठ्यक्रम, प्रमाणन और प्रशिक्षण मानकों को आकार दे। इस तरह हम रोज़गार-योग्य युवा तैयार करते हैं और आईटीआई को भविष्य के लिए तैयार करते हैं।"

श्री चौधरी ने आईटीआई में मंत्रालय द्वारा किए गए साहसिक सुधार उपायों की भी विस्तृत जानकारी दी, जिनमें पिछले छह वर्षों में 4.5 लाख रिक्त सीटों से असंबद्धता और 99,000 से अधिक अप्रयुक्त सीटों पर वर्तमान कार्रवाई शामिल है। उन्होंने दृढता से कहा, "2024 में, हमारी आईटीआई प्रवेश दर में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो दर्शाता है कि व्यवस्था में विश्वास लौट रहा है। हम केवल संख्या के लिए नहीं, बल्कि गुणवत्ता के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

मंत्री ने 26 मई 2025 को आयोजित केन्‍द्रीय शिक्षुता परिषद (सीएसी) की 38वीं बैठक का भी उल्लेख किया, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) को लागू करने को और मजबूत और सरल बनाने के लिए प्रमुख सुधारों का प्रस्ताव किया गया था। एक महत्वपूर्ण कदम में वजीफा सहायता को 36 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव शामिल है, जिससे युवाओं के लिए प्रशिक्षुता का आकर्षण बढ़ेगा और उद्योग की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहन मिलेगा। पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) में प्रशिक्षुता कार्यक्रम से जोड़ने में सुधार पर ध्‍यान देने के लिए, मंत्रालय ने एक विशेष पायलट योजना भी शुरू की है जो क्षेत्र के भीतर या बाहर प्रशिक्षुता प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले एनईआर-में रहने वाले उम्मीदवारों को प्रति माह अतिरिक्त 1,500 रुपये प्रदान करती है। ये उपाय समावेशिता और क्षेत्रीय इक्विटी पर जोर देने के साथ, रोजगार और कौशल की मुख्यधारा के मार्ग के रूप में प्रशिक्षुता का विस्तार करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

उन्होंने इस यात्रा का हिस्सा रहे प्रत्येक शिक्षार्थी, प्रशिक्षक और हितधारक को बधाई देते हुए कहा, "भारत के युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। जैसे-जैसे हम 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं, उनका कौशल, उत्साह और नवाचार ही हमारे सामूहिक भाग्य को आकार देंगे"।

आज से शुरू हुए सप्ताह भर चलने वाले उत्सव में हर राज्य के आईटीआई, कौशल केन्‍द्रों और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यक्रम, कार्यशालाएँ और प्रदर्शनियाँ आयोजित की जाएँगी। इस उत्सव का समापन 22 जुलाई को नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित 'भारत स्किलनेक्स्ट 2025' कार्यक्रम के साथ होगा, जिसमें स्कूली बच्चों के लिए एआई कौशल पर एक समर्पित कार्यक्रम सहित प्रमुख कौशल पहलों का शुभारंभ किया जाएगा।

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एमजी/केसी/केपी/एसएस


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