इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय
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एमईआईटीवाई और बीआईटीएस-पिलानी ने सरकार, पब्लिक सेक्टर और उद्योग के पेशेवरों हेतु साइबर सुरक्षा में पेशेवर विकास कार्यक्रम शुरू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए


 ”भारत की साइबर तन्यकशीलता को डिजिटल और क्वांटम युग में उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए जीवंत, बेहद कुशल प्रतिभावानों का समूह का निर्माण करने पर ही असली शक्ति मिलेगी”- डॉ. संजय बहल, महानिदेशक, सीईआरटी-इन

8-सप्ताह का ये कार्यक्रम विविध विधाओं से आने वाले पेशेवरों के लिए खुला है जिसमें वे लोग भी शामिल हैं, जिन्हें कोडिंग का पहले का कोई अनुभव नहीं है और ये कार्यक्रम सफलतापूर्वक कार्यक्रम को पूरा करने पर संयुक्त प्रमाणपत्र भी प्रस्तुत करता है

प्रविष्टि तिथि: 10 JUL 2025 7:08PM by PIB Delhi

दुनिया भर में बढ़ते साइबर खतरों के युग में, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) ने भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को सुरक्षा देने में अहम भूमिका निभाई है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के सेक्शन 70बी के अंतर्गत साइबर घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने के लिए राष्ट्रीय एजेंसी के तौर पर नामांकित की गई सीईआरटी-इन भारत के साइबर सुरक्षा रणनीति के केंद्र में है, जो घटनाओं को रोकने और त्वरित समय पर खतरे के शमन से लेकर सुरक्षा गुणवत्ता प्रबंधन सेवाओं के माध्यम से साइबर तन्यकशीलता को बेहतर करती है।

भारत की साइबर सुरक्षा क्षमता को और मजबूत करने के साथ सीईआरटी-इन साइबर सुरक्षा कर्मचारियों के कुशलता निर्माण के कदम में और बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बीआईटीएस) पिलानी समूह ने सरकार, पब्लिक सेक्टर और उद्योग के पेशेवरों के लिए साइबर सुरक्षा में पेशेवर विकास कार्यक्रम को लॉन्च करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

एमओयू के अंतर्गत, बीआईटीएस-पिलानी की ओर से सरकार, पीएसयू और उद्योग के कार्यरत पेशेवरों के लिए साइबर सुरक्षा में 8-सप्ताह का पेशेवर विकास कार्यक्रम लॉन्च किया गया है। यह कार्यक्रम बीआईटीएस पिलानी की ओर से हैदराबाद परिसर में राष्ट्रीय सुरक्षा अनुसंधान उत्कृष्टता केंद्र (सीआरईएनएस) के माध्यम से, अपने प्रौद्योगिकी साझेदार रैपिफज के साथ, सीईआरटी-इन के मार्गदर्शन और मार्गदर्शन में संचालित किया जाएगा।

यह सहयोग का उद्देश्य साइबर सुरक्षा में संरचनात्म और अधिक प्रभावी क्षमता के निर्माण की बढ़ती मांग को पूरा करना है, जो उभरते डिजिटल खतरों और साइबर सुरक्षा चुनौतियों के बीच बढ़ते महत्व का क्षेत्र है। यह कार्यक्रम 19 जुलाई 2025 को शुरू हो रहा है और सभी विधाओं के पेशेवरों के लिए खुला है, जिसमें बिना कोडिंग अनुभव वाले लोग भी शामिल हैं। इसे सफलतापूर्वक पूरा करने वाले प्रतिभागियों को सीईआरटी-इन और बीआईटीएस पिलानी की ओर से सह-ब्रांडेड साइबर सुरक्षा में पेशेवर विकास प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जो शैक्षणिक योग्यता और राष्ट्रीय संस्थान की ओर से मान्यता को रेखांकित करता है।

सीईआरटी-इन की रणनीतिक भूमिका

साइबर घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने वाली राष्ट्रीय एजेंसी सीईआरटी-इन नवीनतम साइबर सुरक्षा चुनौतियों के साथ कार्यक्रम की संरचना को संरेखित करने में अपना मार्गदर्शन और सलाह दे रही है, और इसके साथ ही डोमेन विशेषज्ञता में अपनी सहयोग दे रही है। यह अपनी तरह का पहला आधिकारिक कार्यक्रम है जहां सीईआरटी-इन में एमओयू के माध्यम से सीधे तौर पर बड़े स्तर पर साइबर सुरक्षा कर्माचारियों के विकास के लिए प्रतिष्ठित अकादमिक संस्थान के साथ भागीदारी की है।

यह क्यों महत्त्वपूर्ण है: नेतृत्वकर्ताओं की अंतर्दृष्टि

सीईआरटी-इन के महानिदेशक डॉ. संजय बहल ने कहा, “भारत की साइबर तन्यकशीलता को असली शक्ति केवल शानदार तकनीक निर्माण से नहीं मिल सकती, बल्कि इसके साथ जीवंत, बेहद कुशल प्रतिभावानों के समूह का निर्माण कर मिल सकती है, जो डिजिटल और क्वांटम युग में उभरती चुनौतियों से निपट सकें। घटनाओं पर प्रतिक्रिया और साइबर लचीलेपन में सीईआरटी-इन का योगदान तकनीक से आगे बढ़कर, प्रभावशाली पहलों के एक विस्तृत स्पेक्ट्रम के माध्यम से कुशल लोगों के पोषण तक फैला हुआ है। बीआईटीएस-पिलानी के साथ सीईआरटी-इन का सहयोग इस यात्रा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रयास पेशेवरों को अत्याधुनिक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञता से जोड़ने के साथ-साथ, अकादमिक उत्कृष्टता के साथ उद्योग की उभरती मांगों के बीच एक गतिशील तालमेल को प्रोत्साहन देने के लिए तैयार किया गया है।

बीआईटीएस पिलानी के समूह कुलपति प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने कहा:

बीआईटीएस पिलानी में, हम साइबर सुरक्षा को केवल तकनीकी चुनौती के तौर पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय प्राथमिकता के तौर पर देखते हैं। यह कार्यक्रम हमारे अकादमिक-उद्योग-सरकार त्रिकोण की शक्ति को प्रतिबिंबित करता है और हम सीईआरटी-इन के मार्गदर्शन के अंदर इसे प्रस्तुत करते हुए गर्व महसूस करते हैं।

कार्यक्रम के बारे में

प्रतिभागियों को प्रमुख विषयों में विशेषज्ञता पाने का अवसर मिलेगा, जिसमें शामिल हैं

  • साइबर खतरे और कमजोरियां
  • नेटवर्क सुरक्षा (फायरवॉल, आईडीएस/आईपीएस, वीपीएन)
  • सुरक्षित संचार और क्रिप्टोग्राफी
  • साइबर सुरक्षा नीतियां, कानूनी फ्रेमवर्क और घटना प्रबंधन
  • क्लाउड, मोबाइल और लगातार होने वाले उच्च स्तर के खतरे जैसे विशेष विषय

इस हाइब्रिड फॉर्मेट में ऑनलाइन मॉड्यूल, संवादात्मक केस चर्चाएं और एक लाइव कैपस्टोन प्रोजेक्ट शामिल है, जिसका समापन बीआईटीएस पिलानी, हैदराबाद परिसर में एक व्यक्तिगत समापन सत्र में होगा।

इस कार्यक्रम में बीआईटीएस पिलानी संकाय, सीईआरटी-इन के विशेषज्ञों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों की ओर से शिक्षण प्रदान किया जाएगा, जो वैचारिक स्पष्टता, व्यावहारिक प्रासंगिकता और नीतिगत अंतर्दृष्टि का एक अनूठा मिश्रण देगा।

सहयोगी संस्थाओं के बारे में

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 70बी के अंतर्गत घटना प्रतिक्रिया हेतु राष्ट्रीय एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है। सीईआरटी-इन साइबर सुरक्षा संबंधी घटनाओं पर समय पर प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिए 24x7 घटना प्रतिक्रिया हेल्प डेस्क संचालित करता है। सीईआरटी-इन घटना को रोकने और प्रतिक्रिया सेवाओं के साथ-साथ सुरक्षा गुणवत्ता प्रबंधन सेवाएं भी देता है। अधिक जानकारी के लिए https://www.cert-in.org.in पर जाएं।

बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी (बीआईटीएस पिलानी), एक मानद विश्वविद्यालय, उच्च शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में अपनी उत्कृष्टता के लिए विख्यात एक प्रतिष्ठित संस्थान है। छः दशकों की विरासत के साथ, बीआईटीएस पिलानी ने भारत में एक अग्रणी संस्थान के तौर पर अपनी पहचान बनाई है, जो अपने कठिन शैक्षणिक कार्यक्रमों, नवोन्मेषी अनुसंधान और उद्योग जगत के साथ मजबूत संबंधों के लिए जाना जाता है। बीआईटीएस पिलानी भारत के शीर्ष संस्थानों में से एक है और अनुसंधान एवं विकास पर विशेष ध्यान देता है

बीआईटीएस पिलानी, हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय सुरक्षा उत्कृष्टता अनुसंधान केंद्र (सीआरईएनएस) देश के सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए समर्पित है। सीआरईएनएस स्वदेशी अत्याधुनिक तकनीकों के विकास, कौशल विकास को प्रोत्साहन देने और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहन देने के लिए शिक्षा जगत, उद्योग और सरकारी संगठनों के बीच सहयोग को आगे बढ़ाता है। सीआरईएनएस सभी बीआईटीएस पिलानी परिसरों के अनुसंधान और नवाचार इकोसिस्टम को एकीकृत करता है।

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