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वर्ष 2024-25 के लिए "भारतीय दूरसंचार सेवा वार्षिक प्रदर्शन संकेतक"

Posted On: 08 JUL 2025 5:30PM by PIB Delhi

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने आज वर्ष 2024-25 के लिए "भारतीय दूरसंचार सेवा-वार्षिक प्रदर्शन संकेतक" रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट भारत में दूरसंचार सेवाओं का एक व्यापक विवरण प्रदान करती है। यह पहली अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक की अवधि के लिए भारत में दूरसंचार सेवाओं के साथ-साथ केबल टीवी, डीटीएच और रेडियो प्रसारण सेवाओं के प्रमुख मापदंडों और विकास के रुझानों को प्रस्तुत करती है। यह रिपोर्ट मुख्य रूप से सेवा प्रदाताओं से प्रदान की गई सूचना के आधार पर संकलित की गई है।

रिपोर्ट का कार्यकारी सारांश संलग्न है। पूरी रिपोर्ट ट्राई की वेबसाइट www.trai.gov.in के साथ साथ trai.gov.in/release-publication/reports/performance-indicators-reports http://www लिंक के अंतर्गत उपलब्ध है। इस रिपोर्ट से संबंधित किसी भी सुझाव या किसी भी स्पष्टीकरण के लिए श्री विजय कुमार, सलाहकार (एफ एंड ईए), ट्राई से दूरभाष +91-20907773 और ई-मेल: advfea1@trai.gov.in पर संपर्क किया जा सकता है

कार्यकारी सारांश

इंटरनेट ग्राहकों की कुल संख्या मार्च-2024 के अंत में 954.40 मिलियन से बढ़कर मार्च-2025 के अंत में 1.54 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 969.10 मिलियन हो गई। कुल 969.10 मिलियन इंटरनेट ग्राहकों में से, ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या 944.12 मिलियन है और मार्च-2025 के अंत में नैरोबैंड ग्राहकों की संख्या 24.98 मिलियन है।

31 मार्च, 2025 को इंटरनेट सदस्यता की संरचना

 

 

ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या मार्च-2024 के अंत में 924.07 मिलियन से बढ़कर मार्च-2025 के अंत में 2.17 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 944.12 मिलियन हो गई। नैरोबैंड ग्राहकों की संख्या मार्च-2024 के अंत में 30.34 मिलियन से घटकर मार्च-2025 के अंत में 24.98 मिलियन हो गई। यह गिरावट 17.66 प्रतिशत की वार्षिक दर से कम हुई है।

वायरलेस सेवा के लिए प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (एआरपीयू) प्रति माह 2023-24 में 149.25 रुपए से बढ़कर 2024-25 में 174.46 रुपए हो गया। यह वृद्धि 16.89 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से हुई है।

प्रीपेड सेवा के लिए प्रति माह औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता (एआरपीयू) 2023-24 में 146.37 रुपए से 2024-25 में बढ़कर 173.84 रुपए हो गया। इस बीच पोस्टपेड सेवा के लिए प्रति माह एआरपीयू इसी अवधि के दौरान 18463 रुपए से घटकर 18086 रुपए हो गया।

प्रति ग्राहक प्रति माह उपयोग के औसत मिनट (एमओयू) 2023-24 में 963 से बढ़कर 2024-25 में 3.91 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 1000 औसत मिनट (एमओयू) हो गए।

पोस्टपेड सेवाओं के लिए प्रति माह प्रति ग्राहक उपयोग मिनट (एमओयू) वर्ष 2023-24 के दौरान 544 से घटकर वर्ष 2024-25 में 503 हो गए। इस बीच, इसी अवधि के दौरान प्रीपेड सेवाओं के लिए एमओयू 997 से बढ़कर 1047 हो गए।

वायरलेस डेटा ग्राहकों की संख्या मार्च-2024 के अंत में 913.34 मिलियन से बढ़कर मार्च-2025 के अंत में 2.87 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 939.51 मिलियन हो गई है। इसके अलावा, वायरलेस डेटा उपयोग की कुल मात्रा वर्ष 2023-24 के दौरान 1,94,774 पीबी से बढ़कर वर्ष 2024-25 के दौरान 17.46 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 2,28,779 पीबी हो गई।

वायरलेस डेटा उपयोग से कुल राजस्व वर्ष 2023-24 में 1,86,226 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 15.49 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 2,15,078 करोड़ रुपये हो गया।

भारत में टेलीफोन ग्राहकों की कुल संख्या मार्च-2024 के अंत में 1,199.28 मिलियन से बढ़कर मार्च-2025 के अंत में 1,200.80 मिलियन हो गई, जिसमें वार्षिक वृद्धि दर 0.13 प्रतिशत दर्ज की गई। भारत में समग्र टेली-घनत्व मार्च-2024 के अंत में 85.69 प्रतिशत से घटकर मार्च-2025 के अंत में 85.04 प्रतिशत हो गया। यह गिरावट 0.75 प्रतिशत  वार्षिक की दर से हुई है।

शहरी क्षेत्रों में टेलीफोन सदस्यता मार्च-2024 के अंत में 665.38 मिलियन से बढ़कर मार्च-2025 के अंत में 666.11 मिलियन हो गई। यह वृद्धि 0.11 प्रतिशत वार्षिक की दर से थी। हालांकि, शहरी टेली-घनत्व मार्च-2024 के अंत में 133.72 प्रतिशत से घटकर मार्च-2025 के अंत में 131.45 प्रतिशत हो गया, जिसमें वार्षिक गिरावट दर 1.70 प्रतिशत थी।

ग्रामीण टेलीफोन सदस्यता मार्च-2024 के अंत में 533.90 मिलियन से बढ़कर मार्च-2025 के अंत में 0.15 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से 534.69 मिलियन हो गई। इस बीच, इसी अवधि के दौरान ग्रामीण टेलीघनत्व 5919 प्रतिशत से घटकर 5906 प्रतिशत हो गया।

 

टेली-घनत्व की प्रवृत्ति

 

 

कुल टेलीफोन ग्राहकों में से, ग्रामीण टेलीफोन ग्राहकों का हिस्सा मार्च-2024 के अंत में 44.52 प्रतिशत से बढ़कर मार्च-2025 के अंत में 44.53 प्रतिशत हो गया। निम्नलिखित चार्ट में चार वर्षों के टेलीफोन ग्राहकों की ग्रामीण-शहरी बाजार हिस्सेदारी को दर्शाया गया है।

 

कुल टेलीफोन उपभोक्ताओं में से 1,200.80 मिलियन टेलीफोन ग्राहकों में से, वायरलेस (मोबाइल + 5जी एफडब्ल्यूए) टेलीफोन ग्राहकों की संख्या 1,163.76 मिलियन है और मार्च-2025 के अंत में वायरलाइन टेलीफोन ग्राहकों की संख्या 37.04 मिलियन है। निम्नलिखित चार्ट भारत में वायरलेस और वायरलाइन ग्राहकों की बाजार हिस्सेदारी को दर्शाता है।

बाजार हिस्सेदारी की संरचना

वायरलेस और वायरलाइन सदस्य

मार्च-2024 के अंत में कुल वायरलेस सब्सक्राइबर 1,165.49 मिलियन (मोबाइल) से घटकर मार्च-25 के अंत में 1,163.76 मिलियन (मोबाइल+5G FWA) हो गए, जिससे 0.15% की वार्षिक गिरावट की दर दिखाई दे रही है. वर्ष 2024-25 के दौरान, 1.74 मिलियन वायरलेस ग्राहकों का शुद्ध नुकसान दर्ज किया गया।

कुल मिलाकर वायरलेस टेली घनत्व मार्च-2024 के अंत में 83.27 प्रतिशत (मोबाइल) से घटकर मार्च-2025 के अंत में 82.42 प्रतिशत (मोबाइल+5 जी एफडब्ल्यूए) हो गई। ग्रामीण वायरलेस टेलीघनत्व 58.87 प्रतिशत से घटकर 58.67 प्रतिशत हो गया और शहरी वायरलेस टेलीघनत्व भी मार्च-2025 के अंत में 127.51 प्रतिशत से घटकर 124.83 प्रतिशत हो गया।

वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक मार्च-2024 के अंत में 1,165.49 मिलियन से घटकर मार्च-2025 के अंत में 1,156.99 मिलियन हो गए, जिससे 0.73 प्रतिशत की वार्षिक गिरावट की दर दिखाई दे रही है। वर्ष 2024-25 के दौरान, 8.50 मिलियन वायरलेस ग्राहकों का कुल नुकसान दर्ज किया गया।

वायरलेस (मोबाइल) टेली घनत्व मार्च-2024 के अंत में 83.27 प्रतिशत से घटकर मार्च-2025 के अंत में 81.94 प्रतिशत हो गया। ग्रामीण वायरलेस टेलीघनत्व 58.87 प्रतिशत से घटकर 58.40 प्रतिशत हो गया और शहरी वायरलेस टेलीघनत्व भी मार्च-2025 के अंत में 127.51 प्रतिशत से घटकर 123.99 प्रतिशत हो गया।

कुल वायरलाइन ग्राहकों की संख्या मार्च-2024 के अंत में 33.79 मिलियन से बढ़कर मार्च-2025 के अंत में 9.62 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 37.04 मिलियन हो गई।

कुल मिलाकर, वायरलाइन टेली-घनत्व मार्च-2024 के अंत में 2.41 प्रतिशत से बढ़कर मार्च-2025 के अंत में 2.62 प्रतिशत हो गया। इसी अवधि के दौरान ग्रामीण वायरलाइन टेलीघनत्व 032 प्रतिशत से बढ़कर 039 प्रतिशत और शहरी वायरलाइन टेलीघनत्व भी 621 प्रतिशत से बढ़कर 662 प्रतिशत हो गया।

सकल राजस्व (जीआर) वर्ष 2023-24 में 3,36,066 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 10.72 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 3,72,097 करोड़ रुपये हो गया और इसी अवधि के दौरान लागू सकल राजस्व (एपीजीआर) 3,23,142 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,56,283 करोड़ रुपये हो गया, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर 10.26 प्रतिशत थी। समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) भी वर्ष 2023-24 में 2,70,504 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 12.02 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर के साथ 3,03,025 करोड़ रुपये हो गया

निकासी शुल्क वर्ष 2023-24 में 53,579 करोड़ रुपये से 1.31 प्रतिशत की दर से घटकर वर्ष 2024-25 में 52,879 करोड़ रुपये हो गया। सकल राजस्व के प्रतिशत के रूप में निकासी शुल्क 2024-25 में 14.21 प्रतिशत है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 15.94 प्रतिशत था।

स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) वार्षिक रूप से वर्ष 2023-24 में 3,369 करोड़ रुपये से 13.02 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2024-25 में 3,807 करोड़ रुपये हो गया और इसी अवधि के दौरान लाइसेंस शुल्क भी 12.02 प्रतिशत बढ़कर 21,642 करोड़ रुपये से 24,242 करोड़ रुपये हो गया।

वर्ष 2024-25 के लिए समायोजित सकल राजस्व की सेवावार संरचना

 

दूरसंचार सेवाओं के कुल समायोजित सकल राजस्व में एक्सेस सेवाओं का योगदान 83.65 प्रतिशत है। एक्सेस सेवाओं में, सकल राजस्व (जीआर), लागू सकल राजस्व (एपीजीआर), समायोजित सकल राजस्व (एजीआर), लाइसेंस शुल्क (एलएफ) और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) में वर्ष 2023-24 की तुलना में वर्ष 2024-25 में यह क्रमशः 13.77 प्रतिशत, 12.88 प्रतिशत, 15.52 प्रतिशत, 15.57 प्रतिशत और 13.11 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि, इसी अवधि के दौरान निकासी शुल्क में 1.98 प्रतिशत की कमी आई।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) द्वारा 31.03.2025 तक कुल लगभग 918 निजी उपग्रह टीवी चैनलों को केवल अपलिंकिंग/केवल डाउनलिंकिंग/अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दोनों के लिए अनुमति दी गई है। 918 अनुमति प्राप्त सैटेलाइट टीवी चैनलों में से 908 चैनल भारत में डाउनलिंकिंग के लिए उपलब्ध हैं।

दिनांक 03 अगस्त, 2006 के शुल्क आदेश के अनुसरण में प्रसारकों द्वारा की गई रिपोर्टिंग के अनुसार, दिनांक 03 अगस्त, 2005 के शुल्क आदेश के अनुसरण में प्रसारकों द्वारा की गई रिपोर्टिंग के अनुसार, मार्च, 2017 यथा संशोधित, 908 अनुमति प्राप्त उपग्रह टीवी चैनलों में से जो भारत में डाउनलिंकिंग के लिए उपलब्ध हैं, 31 मार्च 2025 तक 333 सैटेलाइट पे टीवी चैनल हैं। 333 सशुल्क चैनलों में से 232 एसडी उपग्रह पे टीवी चैनल हैं और 101 एचडी उपग्रह पे टीवी चैनल हैं।

31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाली अवधि के दौरान, भारत में 4 पे डीटीएच सेवा प्रदाता थे। 31 मार्च, 2025 तक पे डीटीएच के पास लगभग 56.92 मिलियन का नेट पे एक्टिव सब्सक्राइबर बेस है, जबकि 31 मार्च, 2024 तक 61.97 मिलियन ग्राहक थे। यह संख्या दूरदर्शन की मुफ्त डीटीएच सेवाओं के ग्राहकों के अतिरिक्त है।

31 मार्च 2024 तक सार्वजनिक प्रसारक आकाशवाणी द्वारा संचालित रेडियो स्टेशनों के अलावा 113 शहरों में 388 निजी एफएम रेडियो स्टेशन कार्यरत थे, जिनमें 36 निजी एफएम रेडियो प्रसारक कार्यरत थे। 31 मार्च 2025 को समाप्त तिमाही के दौरान तीन निजी एफएम रेडियो ऑपरेटरों द्वारा संचालित छह चैनल अर्थात् (i) डिजिटल रेडियो (दिल्ली) ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड (3 चैनल), (ii) डिजिटल रेडियो (मुंबई) ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड (2 चैनल), और (iii) डिजिटल रेडियो (कोलकाता) ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड (1 चैनल) को साउथ एशिया एफएम लिमिटेड में विलय कर दिया गया। अब 31 मार्च 2025 तक 113 शहरों में 388 निजी एफएम रेडियो चैनल कार्यरत हैं, जिनका संचालन 33 निजी एफएम रेडियो ऑपरेटरों द्वारा किया जाता है।

31 मार्च 2025 तक 531 सामुदायिक रेडियो स्टेशन कार्यरत हैं, जबकि 31 मार्च 2024 तक 494 सामुदायिक रेडियो स्टेशन कार्यरत थे।

आशुचित्र

( 31 मार्च, 2025 के अनुसार आंकड़े)

टेलीकॉम सब्सक्राइबर्स (वायरलेस+वायरलाइन)

कुल ग्राहक

1,200.80 मिलियन

पिछले वर्ष की तुलना में प्रतिशत बदलाव

0.13 प्रतिशत

शहरी सब्सक्राइबर

666.11 मिलियन

ग्रामीण सब्सक्राइबर

534.69 मिलियन

निजी प्रचालकों की बाजार हिस्सेदारी

91.47 प्रतिशत

पीएसयू ऑपरेटरों की बाजार हिस्सेदारी

8.53 प्रतिशत

टेली-घनत्व

85.04 प्रतिशत

शहरी टेली-घनत्व

131.45 प्रतिशत

ग्रामीण टेली-घनत्व

59.06 प्रतिशत

वायरलेस ग्राहक

वायरलेस (मोबाइल) ग्राहक

1,156.99 मिलियन

वायरलेस (5 जी एफडब्ल्यूए) ग्राहक

6.77 मिलियन

कुल वायरलेस (मोबाइल + 5 जी एफडब्ल्यूए) सदस्य

1,163.76 मिलियन

पिछले वर्ष की तुलना में प्रतिशत बदलाव

-0.15 प्रतिशत

शहरी ग्राहक

632.57 मिलियन

ग्रामीण ग्राहक

531.18 मिलियन

निजी क्षेत्र के प्रचालकों की बाजार हिस्सेदारी

92.09 प्रतिशत

सार्वजनिक क्षेत्र के प्रचालकों की बाजार हिस्सेदारी

7.91 प्रतिशत

टेली-घनत्व

82.42 प्रतिशत

शहरी टेली-घनत्व

124.83 प्रतिशत

ग्रामीण टेली-घनत्व

58.67 प्रतिशत

सार्वजनिक मोबाइल रेडियो ट्रंक सेवाओं (पीएमआरटीएस) की कुल संख्या

67,023

बहुत छोटे एपर्चर टर्मिनलों (वीएसएटी) की कुल संख्या

2,43,663

वायरलाइन सब्सक्राइबर्स

कुल वायरलाइन ग्राहक

37.04 मिलियन

पिछले वर्ष की तुलना में प्रतिशत बदलाव

9.62 प्रतिशत

शहरी सब्सक्राइबर

33.54 मिलियन

ग्रामीण सब्सक्राइबर

3.50 मिलियन

निजी प्रचालकों की बाजार हिस्सेदारी

72.13 प्रतिशत

पीएसयू ऑपरेटरों की बाजार हिस्सेदारी

27.87 प्रतिशत

टेली-घनत्व

2.62 प्रतिशत

ग्रामीण टेली-घनत्व

0.39 प्रतिशत

शहरी टेली-घनत्व

6.62 प्रतिशत

पब्लिक कॉल ऑफिस (पीसीओ) की कुल संख्या

10,185

 

 

 

इंटरनेट/ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर

कुल इंटरनेट सब्सक्राइबर

969.10 मिलियन

पिछले वर्ष की तुलना में प्रतिशत बदलाव

1.54 प्रतिशत

ब्रॉडबैंड सब्सक्राइबर

944.12 मिलियन

नैरोबैंड सब्सक्राइबर

24.98 मिलियन

वायर्ड इंटरनेट सब्सक्राइबर

41.41 मिलियन

वायरलेस इंटरनेट सब्सक्राइबर

927.70 मिलियन

अर्बन इंटरनेट सब्सक्राइबर

561.42 मिलियन

ग्रामीण इंटरनेट सब्सक्राइबर

407.69 मिलियन

 

लाख

प्रति 100 जनसंख्या पर कुल इंटरनेट उपभोक्ता

68.63

प्रति 100 जनसंख्या पर शहरी इंटरनेट सब्सक्राइबर

110.79

प्रति 100 जनसंख्या पर ग्रामीण इंटरनेट ग्राहक

45.03

वित्तीय वर्ष-2024-25 के लिए दूरसंचार वित्तीय डेटा

सकल राजस्व (जीआर)

 3,72,097 करोड़ रुपये

पिछले वर्ष की तुलना में शासकीय अनुपात में % बदलाव

10.72 प्रतिशत

लागू सकल राजस्व (एपीजीआर)

3,56,283 करोड़ रुपये

पिछले वर्ष की तुलना में एपीजीआर में प्रतिशत बदलाव

10.26 प्रतिशत

समायोजित सकल राजस्व (एजीआर)

3,03,025 करोड़ रुपये

पिछले वर्ष की तुलना में एजीआर में प्रतिशत बदलाव

12.02 प्रतिशत

एक्सेस एजीआर में सार्वजनिक क्षेत्र के ऑपरेटरों की हिस्सेदारी

3.56 प्रतिशत

प्रसारण & केबल सेवाएं

केवल अपलिंकिंग/केवल डाउनलिंकिंग/अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दोनों के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा अनुमत निजी उपग्रह टीवी चैनलों की कुल संख्या

918

पे टीवी चैनलों की संख्या

333

निजी एफएम रेडियो स्टेशनों की संख्या (आकाशवाणी को छोड़कर)

388

निजी डीटीएच ऑपरेटरों के पास सक्रिय वेतन अभिदाताओं की संख्या

56.92 मिलियन

क्रियाशील सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या

531

भुगतान डीटीएच ऑपरेटरों की संख्या

4

राजस्व और उपयोग पैरामीटर (वर्ष 2024-25 के लिए)

वायरलेस सेवा के लिए मासिक एआरपीयू

174.46 रुपये

पिछले वर्ष की तुलना में एआरपीयू में प्रतिशत बदलाव

16.89 प्रतिशत

उपयोग के कार्यवृत्त (एमओयू) प्रति ग्राहक प्रति माह - वायरलेस

1000 मिनट

वायरलेस सेवाओं के लिए प्रति माह प्रति माह वायरलेस डेटा ग्राहक के लिए औसत राजस्व

231.46 रुपये

वायरलेस डेटा उपयोग के लिए प्रति जीबी औसत राजस्व प्राप्ति

8.97 रुपये

प्रति माह प्रति वायरलेस डेटा उपभोक्ता औसत वायरलेस डेटा उपयोग

21.53 जीबी

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एमजी/आरपीएम/केसी/एमकेएस/एसएस


(Release ID: 2143216)
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