कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय
उत्तरदायी व्यवसाय आचरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन (एनसीआरबीसी) 2025 का दूसरा दिन संपन्न हुआ
आईआईसीए के महानिदेशक और सीईओ श्री ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने जागरूकता से हटकर ईएसजी को संस्थागत बनाने का आग्रह किया, उन्होंने ईएसजी को जिम्मेदार व्यवसाय का नैतिक और परिचालन मूल बताया
Posted On:
04 JUL 2025 8:03PM by PIB Delhi
नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन रिस्पॉन्सिबल बिज़नेस कंडक्ट (NCRBC) 2025 का आयोजन भारतीय कॉरपोरेट कार्य संस्थान (IICA), जो कि कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन है, द्वारा किया गया। यह सम्मेलन 3 जुलाई 2025 को नई दिल्ली स्थित ताज पैलेस में समाप्त हुआ, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों, भौगोलिक क्षेत्रों और मूल्य शृंखलाओं में ESG (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) सिद्धांतों के संस्थानीकरण की जोरदार मांग उठी। दो दिवसीय इस आयोजन में नीति निर्माताओं, नियामकों, राजनयिकों और कॉरपोरेट क्षेत्र के दिग्गजों की प्रतिष्ठित उपस्थिति देखी गई, जिन्होंने 12 उच्च-स्तरीय विषयगत पैनलों और संवादों में भाग लिया।
समापन सत्र में IICA के महानिदेशक एवं सीईओ श्री ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने वलैडिक्ट्री संबोधन देते हुए यह बात दोहराई कि अब ESG के प्रति सिर्फ जागरूकता से आगे बढ़कर इसे व्यवसाय की मूल संचालन प्रणाली का अभिन्न अंग बनाना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि ESG को कॉरपोरेट रणनीति का महज एक पूरक न मानकर व्यवसायिक नैतिकता और संचालन का मूल आधार बनाया जाए। श्री सिंह ने सभी भागीदारों, उद्योग जगत के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सक्रिय सहभागिता के लिए आभार व्यक्त किया और सभी हितधारकों से "विकसित भारत" की दृष्टि को आगे बढ़ाने में सहभागिता का आह्वान किया।
दूसरे दिन की शुरुआत "भारत के डिकार्बोनाइजेशन के लिए कॉरपोरेट सहमति को सक्रिय करना" विषय पर एक उच्च-स्तरीय पैनल से हुई। इस सत्र में प्रमुख पैनलिस्टों में शामिल थीं - सुश्री लीना नंदन (पूर्व सचिव, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय), डॉ. एस. डी. अत्रि (तकनीकी सदस्य, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग), डॉ. अजय माथुर (पूर्व महानिदेशक, इंटरनेशनल सोलर अलायंस), श्री आर. आर. रश्मि (डिस्टिंग्विश्ड फेलो, टेरी), श्री सी. अचलेन्द्र रेड्डी (पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण) और अन्य प्रतिष्ठित विशेषज्ञ जैसे WRI, Momentum India और WWF इंडिया के प्रतिनिधि। इस सत्र में न्यायसंगत जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्स्थापन और क्षेत्रों के अनुरूप निम्न-कार्बन योजनाओं की आवश्यकता पर बल दिया गया।
"उत्तरदायी व्यवसाय प्रथाओं को क्षेत्रीय रूप से अपनाना" विषय पर सत्र की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) दक्षिण एशिया की निदेशक सुश्री मिचिको मियामोटो के उद्घाटन भाषण से हुई। इस सत्र में शामिल थे - श्री प्रवीण कुमार (पूर्व सचिव, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय), श्री विनि मेहता (महानिदेशक, ACMA), श्री ग्रेग गैरेट (कार्यकारी निदेशक, एक्सेस टू न्यूट्रिशन इनिशिएटिव), श्री तरुण विज (पूर्व कंट्री डायरेक्टर, GAIN), श्री शंकर वेंकटेश्वरन (अतिरिक्त संकाय, IICA) और प्रो. गरिमा दाढ़ीच (प्रमुख, स्कूल ऑफ बिजनेस एनवायरनमेंट, IICA)। इस पैनल ने भारत की स्थानीय आपूर्ति शृंखलाओं, कार्यबल पोषण और औद्योगिक परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए ESG मॉडल को भारतीय परिप्रेक्ष्य में ढालने की आवश्यकता पर बल दिया।
"ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क्स के साथ BRSR का समन्वय" विषय पर सत्र में SEBI के पूर्णकालिक सदस्य श्री अमरजीत सिंह और ACCA की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री हेलेन ब्रांड ने प्रमुख वक्तव्य दिए। पैनल में शामिल थे - सुश्री दीक्षा वत्स (चीफ सस्टेनेबिलिटी ऑफिसर, आदित्य बिरला ग्रुप), सुश्री रमा पटेल (चीफ रेटिंग्स ऑफिसर, क्रिसिल), श्री विमल भाटर (उप महाप्रबंधक, कॉरपोरेट फाइनेंस डिपार्टमेंट, SEBI), सीए (डॉ.) संजीव कुमार सिंघल (उपाध्यक्ष, सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड, ICAI), और श्री नारायणन वैद्यनाथन (हेड ऑफ पॉलिसी डेवलपमेंट, ACCA)। चर्चा का केंद्र रहा - रिपोर्टिंग प्रणाली की आपसी संगतता, गारंटी प्रणालियां, और BRSR को भारत के संप्रभु ESG प्रकटीकरण ढांचे के रूप में स्थापित करना।
"लचीली और सतत आपूर्ति शृंखलाओं का निर्माण" विषय पर आयोजित सत्र में यूनिसेफ इंडिया के चीफ – रिसोर्स मोबिलाइजेशन एंड पार्टनरशिप्स श्री बो बीस्केयर का विशेष संबोधन हुआ। पैनल में शामिल थे - डॉ. ची क्यू डू (डायरेक्टर – एशिया पब्लिक पॉलिसी, रिस्पॉन्सिबल बिजनेस अलायंस), सुश्री गीताांजली मास्टर (हेड – पब्लिक एंड प्राइवेट पार्टनरशिप्स, यूनिसेफ), श्नाइडर इलेक्ट्रिक, आईआईएम बेंगलुरु, वर्ल्ड बेंचमार्किंग अलायंस और प्रैक्सिस के विशेषज्ञ। इस सत्र में आपूर्ति शृंखलाओं को लागत-केंद्रित मॉडलों से हटाकर, सामुदायिक-संवेदनशील और समानता-आधारित प्रणालियों की दिशा में पुनः परिभाषित करने की जरूरत पर विचार हुआ।

"विकसित भारत" के लिए गरिमापूर्ण कार्य को प्रोत्साहन विषय पर आयोजित पैनल चर्चा की शुरुआत सुश्री गीथा रोलेंस, प्रमुख, मल्टीनेशनल एंटरप्राइजेस एंड आरबीसी, ILO, के विचारों से हुई। इस महत्वपूर्ण सत्र का संचालन डॉ. भास्कर चटर्जी (पूर्व महानिदेशक एवं सीईओ, IICA) ने किया। पैनल में शामिल थे – सुश्री अरुणा न्यूटन (ग्लोबल हेड – डाइवर्सिटी एंड इंक्लूजन तथा ESG गवर्नेंस, इंफोसिस), सुश्री भारती बिड़ला (एंटरप्राइज डेवलपमेंट स्पेशलिस्ट, ILO), श्री विराफ मेहता (अतिरिक्त संकाय, IICA), श्री हिरण्मय पंड्या (अध्यक्ष, भारतीय मजदूर संघ) और श्री भास्कर वेणुगोपाल (इंटरनेशनल जस्टिस मिशन)। चर्चा के केंद्र में श्रम की गरिमा, सुरक्षित कार्यस्थल, औपचारिकरण और ESG मैट्रिक्स में सामाजिक समानता का एकीकरण रहा।
"लचीली और उत्तरदायी अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण" विषय पर आयोजित समापन राजनयिक संवाद की शुरुआत श्री डेनिस लार्सन, निदेशक – आपूर्ति श्रृंखला एवं नवाचार, यूनिसेफ, के भागीदार संबोधन से हुई। इसमें प्रमुख अतिथियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे – श्री महावीर सिंहवी, संयुक्त सचिव, विदेश मंत्रालय; श्री बाला भास्कर, भारत के पूर्व राजदूत (नॉर्वे); हिज एक्सेलेन्सी श्री मोहम्मद मलीकी, मोरक्को के राजदूत; और श्री मैथियास एमिल बेंग्सटन, फर्स्ट सेक्रेटरी – ट्रेड पॉलिसी एवं आर्थिक मामलों, डेनमार्क दूतावास। इस सत्र में ESG और कूटनीति के मेल पर चर्चा हुई, जिसमें भारत की जिम्मेदार व्यापार, सतत वित्त और जलवायु सहयोग के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की संभावनाएं रेखांकित की गईं।
समापन सत्र में प्रो. गरिमा दाढ़ीच, प्रमुख, स्कूल ऑफ बिजनेस एनवायरनमेंट, IICA ने श्री हर्ष मल्होत्रा (माननीय राज्य मंत्री, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय), श्री संजीव सान्याल (सदस्य, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद), सुश्री सिंथिया मैकैफ्री (यूनिसेफ प्रतिनिधि – भारत), सुश्री दीप्ति गौड़ मुखर्जी (सचिव, कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय), श्री ज्ञानेश्वर कुमार सिंह (महानिदेशक और सीईओ, IICA), और सीए. चरणजोत सिंह नंदा (अध्यक्ष, ICAI) सहित अन्य विशिष्ट वक्ताओं का हार्दिक धन्यवाद किया।
उन्होंने सम्मेलन सहयोगी संस्थाओं का भी आभार प्रकट किया, जिनमें शामिल हैं – यूनिसेफ इंडिया, पार्टनर्स इन चेंज (PiC), इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI), एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट्स (ACCA), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), ग्लोबल अलायंस फॉर इम्प्रूव्ड न्यूट्रिशन (GAIN), ATNi (Access to Nutrition Initiative), अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) और रिस्पॉन्सिबल बिजनेस अलायंस (RBA)।
प्रो. दाढ़ीच ने स्कूल ऑफ बिजनेस एनवायरनमेंट, IICA की टीम, विशेषज्ञ वक्ताओं, नियामकों और प्रतिनिधियों के योगदान की सराहना की, जिन्होंने NCRBC को एक सार्थक, सहयोगात्मक राष्ट्रीय मंच के रूप में सफल बनाया। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि इस तरह के बहु-हितधारक मंच व्यवसायों, विशेष रूप से MSME क्षेत्र के लिए ESG सिद्धांतों को व्यवहारिक रूप देने में अहम भूमिका निभाते हैं।
दो दिवसीय NCRBC 2025 सम्मेलन एक गतिशील मंच बनकर उभरा, जिसमें विनियामकीय दृष्टिकोण, अंतर-क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक समन्वय को बढ़ावा मिला। 75 से अधिक विशेषज्ञ वक्ताओं और सैकड़ों संगठनों की भागीदारी के साथ यह सम्मेलन भारत के उत्तरदायी व्यवसाय की आकांक्षाओं को एक संगठित राष्ट्रीय दृष्टिकोण में रूपांतरित करने में सफल रहा। समापन के अवसर पर यह साझा संदेश स्पष्ट रूप से उभरा– उत्तरदायी व्यवसाय आचरण कोई नियामकीय बोझ नहीं, बल्कि भारत के "विकसित भारत 2047" के लक्ष्य की दिशा में एक नैतिक दिशा और रणनीतिक अनिवार्यता है।
****
एमजी/केसी/वीएस
(Release ID: 2142410)